जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने 12 फरवरी को विशाल दिल्ली चलो मार्च की घोषणा की है। इसमें 200 से ज्यादा किसान यूनियन हिस्सा लेने वाली हैं। स्थिति को देखते हुए पंचकूला में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा हरियाणा के कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा और बल्क एसएमएस सेवा सस्पेंड कर दी गई है। इस मार्च के जरिए किसान केंद्र सरकार पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दबाव बनाने की तैयारी में हैं। इनमें उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून लागू करने की मांग भी शामिल है।
पंचकूला के डीसीपी सुमेर सिंह प्रताप ने कहा कि धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत प्रदर्शनों, जुलूसों और हथियार लेकर चलने पर पाबंदी रहेगी। इसके अलावा किसानों के मार्च से पहले अंबाला, जींद और फतेहाबाद जिलों में पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को सील करने की तैयारी की जा रही है।
हरियाणा पुलिस ने एक ट्रैफिक एडवायजरी भी जारी की है। इसमें लोगों से 13 फरवरी को मुख्य मार्गों पर यात्रा करने से बचने की बात कही गई है। ट्रैफिक एडवायजरी में चंडीगढ़ और दिल्ली के बीच सफर करने के लिए वैकल्पिक रास्तों का सुझाव भी दिया गया है।
12 को चंडीगढ़ पहुंचेंगे 3 केंद्रीय मंत्री
किसान भी इस मार्च के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। जरूरी सामग्रियां जुटाई जा रही हैं। किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉली तैयार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हाल ही में बैठकें भी हुई थीं। लेकिन फिर भी यह मार्च टल नहीं पाया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शनिवार को कहा था कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय वार्ता करने के लिए 12 फरवरी को चंडीगढ़ आएंगे। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि एमएसपी की गारंटी समेत अन्य मांगें जब तक नहीं मानी जाएंगी किसान शांत नहीं बैठेंगे।
मार्च को लेकर प्रशासन की तैयारियां
इसके साथ ही हरियाणा के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवा बंद कर दी गई है। पुलिस ने कहा है कि यह कदम गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने के लिए और पब्लिक ऑर्डर बनाए रखने के लिए उठाया गया है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और अंबाला के पुलिस अधीक्षक समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सीमा प्वाइंट्स पर निगरानी कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यहां कोई अनहोनी घटना न होने पाए। इसके अलाव शंभू बॉर्डर पर कंक्रीट के बैरिकेड और रोड क्लोजर लगाए गए हैं। आवाजाही रोकने के लिए घग्गर नदी के तल को भी खोदा गया है।