- शहर भर में अवैध रूप में पाट दिये गये हैं यूनिपोल और होर्डिंग्स
- व्यापारियों ने नगर निगम में किराया जमा होने के दावे किये
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लापरवाही की इससे बड़ी इंतहा क्या होगी कि नगर निगम के सरकारी कर्मचारी और अधिकारी एक होर्डिंग्स ठेकेदार के इशारे पर नाच रहे हैं। इस होर्डिंग्स ठेकेदार के कहने से ही अभियान चलाये और रोके जा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में जब निगम के अधिकारी बाजार में लगे यूनिपोलों को हटवाने पहुंचे तो भारी विरोध हो गया। यूनिपोल लगवाने वाले व्यापारियों ने इसका बाकायदा नगर निगम में किराया जमा होने के दावे किये।
नगर निगम अधिकारियों को अपने इशारे पर नचाने वाला यह ठेकेदार इतना दबंग है कि खुद इससे नगर निगम के अधिकारी खौफ खाते रहते हैं। लापरवाही की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी कि नगर निगम के अधिकारियों को इस ठेकेदार ने इतना अधिक दबाव में ले रखा है कि वह सिर्फ उसका गुणगान करने में ही मशगूल रहते हैं। पहले शहर में बीओटी के आधार पर होर्डिंग्स का ठेका छूटा हुआ था। जिसमें निगम को सिर्फ 50 लाख रुपये सालाना किराया वसूल होता था। जबकि इस ठेकेदार ने 5 करोड़ 37 लाख रुपये का ठेका ले रखा है।
ठेका लेने के बाद इस होर्डिंग्स ठेकेदार ने पूरे ही महानगर सीमा में होर्डिंग्स व यूनिपोल की बाढ़ ला दी है। अनुमति कितनी है, इसके लिए नगर निगम के अधिकारी गोल-मोल जवाब देते हैं। वह कहते हैं कि ठेकेदार को जितने स्कवायर मीटर की अनुमति दी गई है। वह उसके अनुसार ही होर्डिंग्स लगा रहा है। ताजा मामला शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में शुक्रवार को पेश आया। नगर निगम प्रवर्तन दल की टीम यहां लगे पांच यूनिपोल को हटाने लिए पहुंची। अभिनव एडवरटाइजिंग की शिकायत पर पहुंची टीम ने जब यूनिपोल को हटाने की कोशिश की तो यूनिपोल लगवाने वाले व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया। उनके समर्थन में सेंट्रल मार्किट के व्यापारी भी आ गए।
काफी देर तक हंगामा चलता रहा। बाद में दो दिन का समय देकर निगम की टीम वहां से लौट गई। बताया जाता है कि सेंट्रल मार्केट में काफी समय पहले पांच यूनिपोल लगाये गए। इन्हें सागर पोसवाल ने लगवाया। इस पर लोगों के प्रचार के लिए फ्लैक्स लगे हैं। यूनिपोल लगवाने वाले सागर का दावा था कि उन्होंने इसके लिए बाकायदा नगर कार्यालय में पैसा जमा कराया। दूसरी तरफ अभिनव एडवरटाइजिंग ने यूनिपोल को अवैध बताते हुए नगर निगम में शिकायत दर्ज करायी और उन्हें हटाने के लिए दबाव बनाया। इसी दबाव के चलते निगम के प्रवर्तन दल को टीम भोला सिंह के नेतृत्व में सेंट्रल मार्केट पहुंच गई।
उन्होंने जैसे ही यूनिपोल हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की तो व्यापारी एकत्र हो गये। व्यापार संघ के महामंत्री जितेंद्र अग्रवाल ने विरोध शुरू कर दिया। सूचना पर सागर पोसवाल भी पहुंच गए और टीम को बताया कि उनका नगर निगम में पोल के लिए पैसा जमा है। अभिनव एडवरटाइजिंग के सचिन चौधरी का कहना था कि कि हम ने यूनिपोल का सब पैसा जमा किया हुआ है और यह पोल अवैध लगे है। उन्हें हटाने की कोशिश पर सागर पोसपाल और उनके साथियों ने हंगामा शुरू कर दिया। व्यापारी भी उनके समर्थन में आ गए।
सूचना मिलने पर नौचंदी थाने के इंस्पेक्टर महेश सिंह भी दल बल के साथ पहुंच गए। काफी देर तक वहां हंगामा चलता रहा, लेकिन यूनिपोल नहीं हटाये जा सके। काफी देर तक चले हंगामे के बाद तय हुआ कि मामले में दो दिन का समय दिया जाता है। सागर पोसवाल अगर सही है तो अपनी स्थिति साफ करें। अन्यथा यूनिपोल को हटा दिया जायेगा। बाद में नगर निगम की टीम भी लौट गई। टीम प्रवर्तन दल के अधिकारी भोला सिंह के अलावा धीरज कुमार, यशपाल सिंह, संजीव तोमर आदि मौजूद रहे।
मानक के अनुसार लगाये गये हैं यूनिपोल-होर्डिंग्स
नगर निगम में विज्ञापन प्रभारी का कार्य कर रहे अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का दावा है कि सेंट्रल मार्किट शास्त्री नगर में जो पांच अवैध यूनिपोल लगाये गये थे। वह हटा दिये गये हैं। उन्होंने अभिनव एडवरटाइजिंग के संचालक का खुलकर बचाव करते हुए कहा कि शहर में मानक के अनुसार जिस सड़क पर जितने स्कवायर मीटर की होर्डिंग्स व यूनिपोल की अनुमति दी गई है। वह उसके अनुसार लगा रहा है। लेकिन कितने होर्डिंग्स व यूनिपोल लगाये जाने हैं, इसकी अपर नगर आयुक्त जानकारी नहीं दे सके।