- गर्मियां आते ही स्टेडियम के स्वीमिंग पूल में आनें लगे तैराक
- 2008 के पहले से चल रहा है स्वीमिंग पूल, पानी रिसना बना रहस्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बना स्वीमिंग पूल अप्रैल माह से तैराकों के लिए शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में तैराक स्वीमिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहें है जबकि करीब दो दर्जन से ज्यादा तैराकों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। बताया जा रहा है यह स्वीमिंग पूल 2008 से पहले बना था
तभी से चल रहा है। लेकिन पंद्रह साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी इससे रिस रहा पानी रहस्य बना हुआ है। स्टेडियम प्रशासन का कहना है स्वीमिंग पूल से रिसने वाले पानी को ठीक कराने की कई बार कोशिश की जा चुकी है लेकिन यह बदं नहीं हो रहा।
नहीं रूक रहा स्वीमिंग पूल से पानी का रिसाव
हालांकि साल में केवल सात माह ही स्टेडियम का स्वीमिंग पूल खुलता है लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में तैराक यहां स्वीमिंग करने पहुंचते है। बताया जा रहा है 2008 से पहले इन स्वीमिंग पूल का निर्माण हुआ था लेकिन तभी से इसके तल से पानी का रिसाव हो रहा है जो आज भी जारी है।
पिछले पंद्रह साल से पानी रिसाव की वजह से स्वीमिंग पूल का तल कमजोर होनें का डर है, जिसको लेकर कई बार रिसाव रोकने के लिए इसका मेंटेनेंस कराया गया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। वहीं अप्रैल माह से अक्टूबर तक पूरे जिले से बड़ी संख्या में तैराक कैलाश प्रकाश स्टेडियम के स्वीमिंग पूल में तैराकी का मजा लेने आते है।
निजी स्वीमिंग पूलों पर होगी सख्ती
गर्मी के मौसम में इस बार खेल विभाग उन स्वीमिंग पूलों पर सख्ती करने जा रहा जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं है। पिछले साल कंकरखेड़ा क्षेत्र में एक स्वीमिंग पूल में हादसा होने पर एक युवक की जान जा चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रांतीय क्रीड़ा अधिकारी ने 18 अप्रैल से निजी स्वीमिंग पूलों के खिलाफ चैकिंग अभियान चलाने की बात कही है। जो स्वीमिंग पूल बिना रजिस्ट्रेशन के चलते पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दो कोच है तैराकी के लिए
स्टेडियम में बने स्वीमिंग पूल में तैराकों के लिए इस बार दो कोच तैनात है जबकि एक लाइफ गार्ड की नियुक्ति की गई है। हालांकि यहां केवल तैराकों को ही स्वीमिंग करने की अनुमति है लेकिन जिन बच्चों को तैराकी प्रतियोगिताओं की तैयारी करनी है उनके लिए दो कोच नियुक्त किये गए है।
छह माह खुलता है स्वीमिंग पूल
कैलाश प्रकाश स्टेडियम में बना स्वीमिंग पूल साल में केवल सात माह अप्रैल से अक्टूबर तक खुलता है जबकि नवंबर में मौसम ठंडा होना शुरू हो जाता है जिस वजह से यह नवंबर से लेकर मार्च तक बंद रहता है। अब गर्मी की शुरूआत हो चुकी है जिसके बाद स्वीमिंग पूल में तैराकी करने के लिए तैराकों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराने शुरू कर दिए है। बताया जा रहा है अभीतक दो दर्जन से अधिक तैराकों का रजिस्ट्रेशन भी हो चुका है।
अप्रैल माह से तरणताल सबके लिए खुल गया है, इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी जारी है, लेकिन स्वीमिंग पूल से पानी का रिसाव शुरू से ही हो रहा है। इसको लेकर कई बार मेंटेनेंस कराई गई लेकिन यह जारी है।
-योगेन्द्र पाल सिंह, प्रांतीय क्रीड़ा अधिकारी, मेरठ परिक्षेत्र।