जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी का राज्य सम्मेलन बुधवार को लखनऊ में हुआ। इसमें प्रदेश कार्यकारिणी के सारे पदाधिकारी और सदस्य जुटे। राष्ट्रीय नेताओं ने भी सम्मेलन में शिरकत की। इसमें नरेश उत्तम को फिर से पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।
सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केवल नरेश उत्तम का नामांकन आया। उनके विरोध में कोई नहीं खड़ा हुआ, इसलिए उन्हें निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया जाता है। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधा।
नरेश उत्तम पटेल समाजवादी पार्टी की स्थापना के समय से ही पार्टी से जुड़े हैं। 10 जनवरी 1956 को उनका जन्म फतेहपुर के जहानाबाद के लहुरी सराय में हुआ था। उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से परास्नातक तक की पढ़ाई की है। नरेश उत्तम ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल से की।
साल 1989 से 1992 के बीच उन्होंने जनता दल के कार्यकर्ता के रूप में काम किया। इस दौरान वह मुलायम सिंह यादव के करीबियों में शामिल हो गए। साल 1989 में जब मुलायम मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने नरेश उत्तम पटेल को उप मंत्री बनाया।
नरेश ने फतेहपुर के जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से साल 1989 में पहली बार चुनाव जीता था। वह तीन बार विधायक रहे। साल 2006 में उन्हें सपा ने विधान परिषद का सदस्य बनाया। साल 2017 में जब अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच विवाद हुआ तो नरेश को इसका फायदा मिल गया। अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को अध्यक्ष पद से हटाकर नरेश को कुर्सी सौंप दी।
नरेश उत्तम के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से सपा दो बार विधानसभा चुनाव हार चुकी है और एक बार लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से मात मिली। ऐसे में सवाल उठता है लगातार मिल रही हार के बाद भी नरेश उत्तम अपने पद पर कैसे बरकार हैं?
अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। कहा कि हमारा सपना है कि समाज को बांटने वाली ताकतों को सत्ता से बाहर करेंगे। सपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक फैसला लिया था। हमने बहुजन समाज की ताकत को एक मंच पर लाने का प्रयास किया। हर स्तर पर त्याग किया। डॉ आंबेडकर और लोहिया के सपनों को साकार करने की कोशिश की थी। समाजवादी लोग बड़ी जीत चाहते थे लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया।
उन्होंने कहा कि 2022 में हम समान विचारधारा के लोगों को एक मंच पर लाए। सत्ता नहीं मिली लेकिन वोट प्रतिशत बढ़ा। उन्होंने कहा कि सिर्फ सपा ही सांप्रदायिक ताकतों को रोक सकती है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि हम जब भी सत्ता में आएंगे किसानों के लिए काम करेंगे। सर्वसमाज को शिक्षित करेंगे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा सरकार ने जो काम किया था भाजपा उससे आगे कुछ भी नहीं कर पाई है। उन्होंने अपने भाषण में मेट्रो निर्माण और नदियों की सफाई आदि का मुद्दा उठाया।