जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना/नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है। यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
बता दें कि PFI एक बेहद खतरनाक कट्टरपंथी संगठन है। 2017 में एनआईए ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। एनआईए जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। एनआईए के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।
पीएफआई के सहयोगी/मुखौटा संगठनों पर भी लगा बैन
- रिहैब इंडिया फाउंडेशन
- कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया
- ऑल इंडिया इमाम काउंसिल
- नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन
- नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट
- एम्पावर इंडिया फाउंडेशन
- रिहैब फाउंडेशन(केरल)
- जूनियर फ्रंट
गिरिराज सिंह ने पीएफआई को कहा- बाय-बाय
पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि बाय-बाय पीएफआई। इसके अलावा उन्होंने गृहमंत्रालय की अधिसूचना की कॉपी भी साझा की है।
यूपी समेत सात राज्यों में 230 से अधिक पकड़े
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों पर मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए समेत सुरक्षा एजेंसियों ने फिर कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए या हिरासत में लिए गए। एनआईए व पुलिस टीमों ने मंगलवार तड़के से ही पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारने शुरू किए, जो दिनभर चले। कर्नाटक में सर्वाधिक 80, जबकि यूपी में 57 लोगों को पकड़ा गया है।
Central Government declares PFI (Popular Front of India) and its associates or affiliates or fronts as an unlawful association with immediate effect, for a period of five years. pic.twitter.com/ZVuDcBw8EL
— ANI (@ANI) September 28, 2022
एनआईए को मिली सूचना के मुताबिक, पिछली कार्रवाई के बाद पीएफआई की पूरे देश में प्रदर्शन व आतंकी वारदात के जरिये कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश थी। खासतौर पर संवेदनशील इलाकों में अशांति फैलाने की तैयारी कर ली गई थी। इसे देखते हुए ऐसे इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। असम व महाराष्ट्र में 25-25 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
महाराष्ट्र में 15 लोग हिरासत में भी हैं। दिल्ली में 32 लोग हिरासत में हैं, वहीं मध्य प्रदेश में 21 और गुजरात में यह संख्या 17 है। इससे पहले, 22 सितंबर को हुई कार्रवाई में 16 राज्यों में 106 लोग गिरफ्तार किए गए थे। एनआईए पीएफआई की संलिप्तता वाले 19 एफआईआर पर कार्रवाई कर रही है।
आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत जुटाए
एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के अनुसार छापे में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
निरंकुश सत्ता में ऐसा स्वाभाविक
पीएफआई ने कहा, हमें निशाना बनाने की केंद्र सरकार की कार्रवाई के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोध को रोकने का यह प्रयासभर है और इस निरंकुश सत्ता में ऐसा होना स्वाभाविक ही है।
दिल्ली: शाहीन बाग और जामिया नगर में धारा 144
दिल्ली में पुलिस की विशेष शाखा ने कार्रवाई की कमान संभाली। कार्रवाई के विरोध में किसी तरह की हिंसा को रोकने और शांति कायम रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों को तैनात किया गया था। शाहीन बाग और जामिया नगर जैसे इलाकों में धारा 144 लागू की गई है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, कई स्थानों पर छापे मारे हैं जिनमें शाहीन बाग और निजामुद्दीन भी शामिल हैं। अब तक 30 लोग हिरासत में लिए हैं। उन्होंने बताया, जांच जारी है। केस नहीं दर्ज किया है।
महाराष्ट्र : इमाम काउंसिल राज्य प्रमुख गिरफ्तार
नासिक पुलिस की अपराध शाखा ने ऑल इंडिया इमाम काउंसिल के राज्य प्रमुख मौलाना इरफान दौलत नदवी को पीएफआई से जुड़े होने पर गिरफ्तार कर लिया। एक और शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है।