- तीन दिन में 190 केस मिलने पर डीएम ने मेले पर लगाई रोक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना के बढ़ते मामलों ने गंगा जमुनी संस्कृति के प्रतीक नौचंदी मेले पर ब्रेक लगा दिया है। डीएम ने इस बाबत विभागीय अधिकारियों के साथ मंत्रणा कर मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है।
कलक्ट्रेट परिसर स्थित बचत भवन सभागार में आगामी नौचंदी मेले के लगाए जा सकने की संभावना पर डीएम के. बालाजी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक में नगर आयुक्त मेरठ, मुख्य विकास अधिकारी मेरठ, मुख्य चिकित्साधिकारी मेरठ, अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर मेरठ और पुलिस अधीक्षक नगर मेरठ ने भाग लिया।
पूरे देश और मेरठ में लगातार बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए नौचंदी मेले को नहीं लगाए जाने के लिए निर्णय लिया गया। डीएम ने कहा कि जिस रफ्तार से केस बढ़ रहे हैं। उसको देखते हुए भीड़भाड़ वाले आयोजनों की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
नौचंदी मेले के आयोजन पर रोक लगाने की बात कुछ दिन पहले मेयर सुनीता वर्मा ने भी डीएम को पत्र लिखकर की थी। जिस तरह से तीन दिन में 190 कोरोना संक्रमित निकल चुके हैं। उसको देखते हुए स्थानीय प्रशासन सख्ती के मूड में दिख रहा है।
तीन दिन में 190 केस, लगातार बढ़ा संक्रमण का ग्राफ, 75 नए केस
कोरोना संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पिछले तीन दिनों में संक्रमण का ग्राफ लगातार ऊपर की ओर जाने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हैं। तीन दिन में कोरोना के 190 केस हो गए हैं। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि शुक्रवार को 75 नए केस आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम ने 7961 सेंपल टेस्ट के लिए मेडिकल लेब भेजे थे। इनमें से 75 सेंपल संक्रमित पाए गए। इसके साथ ही जनपद में संक्रमितों की संख्या अब 21958 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चिंता संक्रमण के ग्राफ का लगातार ऊपर की ओर जाना है।
तीन दिन के आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो 31 मार्च को 51 संक्रमित, एक अप्रैल को 64 संक्रमित व दो अप्रैल को 75 संक्रमित केस आए हैं। संक्रमण के ग्राफ के ऊपर की ओर जाने के अलावा दूसरी बड़ी चिंता कई कालोनियों में संक्रमण की चेन का बनना है।
मसलन एक ही परिवार में संक्रमण के एक से अधिक केसों का मिलना। यह सिलसिला कई दिन से जारी है। शुक्रवार को संक्रमित केसों का ब्योरा डराने वाला है। संक्रमण किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं नजर आ रहा है। शुक्रवार को मिले संक्रमितों में दो साल की मासूम व छह साल के बच्चे से लेकर 75 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं।
जिन इलाकों में संक्रमण के केस मिले हैं उनमें कोतवाली का बुढ़ानागेट, यशोदा कुंज, सदर तेली मोहल्ला, दौराला मनोहर पट्टी, निहोरी, सोमदत्त सिटी, शास्त्रीनगर, इशापुरम, गंगानगर, कंकरखेड़ा गोविंदपुरी, बागपत रोड शंभुनगर, गुप्ता कालोनी साबुन गोदाम, खरखौदा, देवलोक कालोनी एक परिवार में पांच केस, रेलवे रोड प्रेमपुरी, जैन नगर, होमगार्ड कालोनी, देहलीगेट पूर्वा फैय्याज अली, सदर मिशन कंपाउंड, साकेत, संजय नगर, मढियाई कल्याण, डिफेंस कालोनी, ग्रीन स्टेट, एटूजेड ग्रीन स्टेट, पल्लवपुरम, सिवाया, कुंज बिहार कालोनी, स्टेट बैंक कालोनी भी शामिल हैं।
ये कहना है सीएमओ का
सीएमओ डा. अखिलेश मोहन का कहना है कि सभी संक्रमित आइसोलेट किए गए हैं। जो होम क्वारंटाइन में हैं, उन भी नजर रखी जा रही है। साथ ही केवल उन्हें ही होम क्वारंटाइन की अनुमति है जिनके मकान में पर्याप्त व्यवस्था है।
दौराला में मिले सात कोरोना पॉजिटिव, 630 लोगों को लगी कोरोना वैक्सीनेशन
दौराला ब्लॉक में शुक्रवार को फिर सात कोरोना लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से स्वास्थय विभाग में अफरा तफरी मच गई। टीम ने 630 लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण किया। दौराला सीएचसी प्रभारी डा. आशुतोष ने बताया कि शुक्रवार को सीएचसी, निहोरी, एटूजेड कॉलोनी व सिवाया गांव में कोरोना जांच के लिए कैंप आयोजित हुए।
कैंप में 210 लोगों की कोरोना जांच की गई। जांच में निहोरी गांव के दो, एटूजेड एक, सिवाया एक, दौराला शुगर मिल के दो कर्मचारी व डौरली से एक व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। दूसरे दिन भी सात लोगों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। नोडल अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को 630 लोगों ने कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया। इस मौके पर डा. बिजेंद्र कुमार, डा. निशी खोखर, डा. वीपी शर्मा, डा. सारंग चौहान आदि मौजूद रहे।
सरधना में कैंप लगाकर की कोरोना जांच
मंढियाई गांव में कोरोना से युवक की मौत के बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगवाया गया। इस दौरान टीम ने कुल 330 लोगों की जांच कराई। अच्छी बात यह रही कि जांच में सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई। मंढियाई गांव निवासी बाबर खान की कोरोना की चपेट में आने से बीते गुरुवार को दिल्ली अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके अलावा क्षेत्र में आधा दर्जन लोग पॉजिटिव भी मिले थे।
जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंढियाई गांव में कैंप लगवाया गया। यहां उन्होंने बाबर के संपर्क में आने वाले लोगों की कोरोना जांच कराई। सरधना क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग ने कुल 330 लोगों की कोरोना जांच की। अच्छी बात यह रही कि सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा. राजेश कुमार का कहना है कि 330 लोगों की जांच कराई गई है। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
कक्षा नौवीं से 12वीं तक स्कूल बंद की तैयारी
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कक्षा नौवीं से कक्षा 12वीं तक के स्कूल भी बंद करने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से संबंधित प्रस्ताव उच्च स्तरीय मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है। कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार की चिंताएं बढ़ गई है।
जिस तरह से लगातार संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने पहले कक्षा आठ तक के स्कूल पहले चार अप्रैल तक के लिये बंद करने का ऐलान किया था। बाद में इसे बढ़ा कर 12 अप्रैल कर दिया गया है। अब प्रदेश सरकार कक्षा नौ से लेकर कक्षा 12वीं तक के स्कूलों को बंद करने के बारे में विचार कर रही है। इसके लिये शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है।
कोरोना संक्रमण पर तलब की रिपोर्ट, अलर्ट पर हेल्थ अफसर
कोरोना के सेकेंड वेव के चलते संक्रमण के केसों में आयी तेजी के मद्देनजर सीएम योगी ने मेरठ में विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं। सीएमओ से कोविड हॉस्पिटलों की उपब्धता की रिपोर्ट तलब की है। साथ ही संक्रमितों की तेजी से बढ़ रही संख्या के मद्देनजर एल-2 व एल-3 कोविड-19 हॉस्पिटलों की संख्या बढ़ाए जाने की भी हिदायत दी गयी है।
सबसे ज्यादा जोर टीकाकरण तथा कोविड-19 को लेकर आसीएमआर की ओर से जारी की गयी गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराए जाने पर दिया गया है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जिला सर्विलांस टीमें पहले से ही कांटेक्ट ट्रेसिंग में लगी हैं।
वहीं, दूसरी ओर औसतन चार से पांच हजार सैंपल प्रतिदिन लिए जा रहे हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। दरअसल एक साल से ज्यादा का अरसा होने को आया, लेकिन मेरठ सहित कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, आगरा में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर तेजी दिखाई दे रही है।
सीएम कार्यालय ने कोविड को लेकर रिपोर्ट तलब कर ली है। सीएमओ कार्यालय से जिला प्रशासन की मार्फत यह रिपोर्ट शुक्रवार की शाम को भेज दी है। रिपोट में टेस्टिंग, कांटेक्ट टेÑसिंग व संक्रमित पाए जाने वालों के इलाज का अपडेट दिया गया है।
होम आइसोलेशन अंडर सर्विलांस
कोरोना के तेजी से आ रहे केसों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन में रहने वालों को भी रडार पर ले लिया है। दरअसल पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमित आने वाले तमाम लोग बजाय मेडिकल या दूसरे कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होने के बजाय होम आइसोलेशन को तरजीह दे रहे थे। हालांकि होम आइसोलेशन को लेकर कोई मनाही नहीं है, लेकिन होम आइसोलेशन में रहने वालों को अब कड़ी निगरानी में रहना होगा। सख्त हिदायतों का पालन करना होगा।
वैक्सीनेशन की समीक्षा
सीएम कार्यालय की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को वैक्सीनेशन की समीक्षा की। माना जा रहा है कि वैक्सीनेशन को और बढ़ाया जाएगा। वहीं स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि पहले चरण के लिए जिन फ्रंट लाइन वर्करों को शामिल किया गया था, उनको दूसरी डोज भी दी जा चुकी है। अब सबसे ज्यादा जोर आमजन को वैक्सीनेशन का है।
ये कहना है मेडिकल प्राचार्य का
मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार का कहना है कि संक्रमण के केसों को देखते हुए मेडिकल में पर्याप्त व्यवस्था है। वर्तमान में 250 बेडों को किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। स्टाफ भी अलर्ट मोड पर है।
मेडिकल में वैक्सीन का टोटा, लौटना पड़ा वापस
कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर सवाल खडेÞ हो गए हैं। शुक्रवार को मेडिकल में वैक्सीन लगवाने पहुंचे कई लोगों को वापस लौटा दिया गया। बताया गया कि वैक्सीन का कोटा खत्म हो गया है। यहां तक कि स्टॉफ के लोगों के करीबी कुछ लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें लौटना पड़ा।
मेडिकल प्रशासन ने इस मामले में सफाई देते हुए बताया कि कोरोना वैक्सीन के लिए आॅनलाइन आवेदन किया जाता है। कई बार गैर आवेदन वाले भी वैक्सीन के लिए पहुंच जाते हैं। जबकि वैक्सीन का कोटा आॅनलाइन आवेदन के हिसाब से ही मंगवाया जाता है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ।
आॅनलाइन आवेदन वालों के अलावा कुछ अन्य भी पहुंच गए थे। मेडिकल प्रशासन का प्रयास है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक को वैक्सीनेशन किया जाए। इसके चलते कमी हो गयी थी। हालांकि बाद में वैक्सीन की बॉयल सीएमओ कार्यालय से मंगवा ली गयीं। लोगों से आग्रह किया गया है कि वैक्सीन के लिए आॅनलाइन आवेदन करें तथा दी गयी तारीख पर जरूर मेडिकल पहुंच जाएं।