जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव जल्द होने वाले हैं। ऐसे में एनसीपी के मंत्री और मुंबई इकाई के प्रमुख नवाब मलिक की गिरफ्तारी ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद अब पार्टी मुंबई इकाई के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने की योजना बना रही है। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मलिक की गिरफ्तारी के बाद मलिक का इस्तीफा लेने के इच्छुक नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी पूर्णकालिक अध्यक्ष के बजाय मुंबई के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है।
यहां बता दें कि मलिक को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह जेल में है। पार्टी के कुछ लोगों को लगता है कि उनकी अनुपस्थिति न केवल उन्हें नगर निकाय चुनावों में प्रभावित करेगी, बल्कि एनसीपी के संचार में बाधा उत्पन्न करेगी। एनसीपी नेता और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री छगन भुजबल का कहना है कि “हमारी पार्टी के प्रमुख शरद पवार साहब और राज्य प्रमुख जयंत पाटिल प्रतिस्थापन पर फैसला करेंगे।”
हालांकि भुजबल मलिक की अनुपस्थिति में बीएमसी चुनावों की निगरानी करने के इच्छुक नहीं हैं, एनसीपी के सूत्रों का कहना है कि राखी जाधव – मुंबई के लिए एनसीपी के समूह नेता – को कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए बनाया जा सकता है। जाधव घाटकोपर से तीन बार पार्षद रह चुके हैं और महाड़ के रहने वाले हैं।
एक और नाम है जिस पर विचार किया जा रहा है, वह है नरेंद्र राणे, जो कभी सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख थे। एनसीपी मुंबई के महासचिव मिलिंद यवतकर ने कहा, ‘हमारा सदस्यता अभियान जारी है और हम जल्द ही बीएमसी चुनावों का सामना करेंगे। हमें भाजपा से लड़ने और अधिक सीटें जीतने के लिए एनसीपी में एक तदर्थ मुंबई अध्यक्ष की आवश्यकता है।”
पिछले चुनावों में अकेले लड़ा था चुनाव
एनसीपी ने पिछले चुनावों में अकेले ही बिना किसी गठबंधन के 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें से पार्टी को केवल 9 सीटें ही मिली थी। जबकि कांग्रेस पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह आगामी बीएमसी चुनावों में अकेले उतरेगी, एनसीपी की बातचीत हुई है और शिवसेना चुनाव पूर्व गठबंधन करने जा रही है। राकांपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मलिक की गैरमौजूदगी में ‘मजबूत नेता’ की जरूरत है। मलिक ने अपने करियर की शुरुआत एक नगरसेवक के रूप में की थी और बीएमसी के कामकाज से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
मलिक के जाने से राकांपा के संचार विभाग पर भी संकट है। अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि महेश तापसे महाराष्ट्र के मुख्य प्रवक्ता थे, लेकिन मलिक ही पवार के साथ विचार-विमर्श के बाद पार्टी के रुख पर फैसला करते थे। राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा, ‘फिलहाल नवाब भाई नहीं हैं। राकांपा के बाकी प्रवक्ता पार्टी का रूख सामने लाने और भाजपा के गलत कामों को उजागर करने का काम करते रहेंगे। यहां तक कि मुंबई राकांपा में भी निकाय चुनाव की जमीनी कार्रवाई और योजनाओं को मुंबई एनसीपी कमेटी और उसके कैडर द्वारा अंजाम दिया जाएगा.” एक अन्य प्रवक्ता ने कहा, ”पहले नवाब भाई हमें एक लाइन देते थे जिस पर हम बात करते थे। अब कई मौकों पर प्रवक्ताओं के बीच मतभेद भी हो जाते हैं।”