जनवाणी संवाददाता
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में हाइवे से लेकर आम सड़कों तक ओवरलोड ट्रक और ट्रॉलियों का कहर जारी है। गन्ने, भूसा और अन्य सामानों से अत्यधिक लदे ये वाहन न केवल यातायात नियमों को धता बता रहे हैं, बल्कि रोजाना जाम की वजह से आम लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हैरानी की बात यह है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और परिवहन विभाग के अधिकारी इन वाहनों को खुली छूट दे रहे हैं, जिससे आरोप लग रहे हैं कि यह लापरवाही है या फिर अवैध उगाही का खेल।
पैसा कमाने की ललक में इंसान क्या-क्या नहीं कर गुजरता, इसका जीता जागता उदाहरण इन दिनों मुजफ्फरनगर के हाइवे व आम सड़कों पर देखा जा सकता है। यहां पर मौजूद फैक्ट्रियों में भूसा व गन्ना लाने वाले ट्रक व ट्रालियों द्वारा इस कदर ओवरलोड़िंग की जाती है कि पूरी-पूरी सड़कों पर यह वाहन फैलकर चलते हैं। ओवरलोड वाहनों की वजह से सड़कें संकरी हो जाती हैं, जिससे छोटे वाहनों और पैदल यात्रियों को दिक्कत होती है। ट्रकों की धीमी रफ्तार और अनियमित खड़गी से यातायात प्रभावित होता है। कई बार ये वाहन दुर्घटनाओं की वजह बनते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
पुलिस और प्रशासन की चुप्पीः
स्थानीय निवासियों का कहना है कि चौकियों पर तैनात पुलिसकर्मी इन ओवरलोड वाहनों को जानबूझकर नजरअंदाज करते हैं। कुछ लोगों का आरोप है कि ट्रांसपोर्टर्स और ड्राइवर्स पुलिस व परिवहन अधिकारियों को रिश्वत देकर अपनी मनमर्जी चला रहे हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि ओवरलोडिंग पर तुरंत रोक लगायी जाये, ताकि रोज लगने वाले इस जाम से निजात मिल सके। इसके साथ ही पुलिस और परिवहन विभाग की निष्क्रियता की जाँच की जाये, ताकि पता चल सके कि यह वाहन किसकी षय पर बैखौफ होकर चलते हैं। इसके अलावा यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी व्यवस्था लागू की जाए। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले में गंभीरता दिखाएगा या फिर आम लोगों को ओवरलोड वाहनों के अराजक तंत्र के सामने झुकना पड़ेगा?
दुर्घटनाओं को मिलता है बढ़ावा
ओवरलोड़ वाहनों से न केवल यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि इससे दुर्घटनाओं को भी बढ़ावा मिलता है। पास्ट में दर्जनों ऐसी घटनाएं घटित हुई हैं, जब यह ओवरलोड़ वाहन अनियंत्रित होकर पलट गये और इनके बराबर से गुजर रहे वाहन दब जाते हैं, जिसके चलते इन वाहनों में बैठे लोग इन दुर्घटनाओं का षिकार हो जाते हैं। मुजफ्फरनगर के एनएच 58 पर इसी तरह के ओवरलोड़ वाहन के पलटने के चलते कार सवार चार लोगों की मौत भी हो गयी थी।
प्रशासन का दावा
जब इस मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वे नियमित चेकिंग कर रहे हैं और गलती पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है। हालाँकि, जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आती है।