- जनपद स्तरीय कार्यशाला का चौथे दिन हुआ समापन
- नई शिक्षा नीति में पढ़ाई को बनाया पहले से आसान
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर जनपद स्तरीय कार्यशाला में जहां भ्रांतियों को दूर किया गया, वहीं साफ किया की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जहां व्यवहारिक ज्ञान का भंडार है। साथ ही, नई शिक्षा नीति से बच्चों के बस्ते का बोझ कम होगा।
श्री सत्यनारायण इंटर कॉलेज में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर तीन दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला को जिला विद्यालय निरीक्षक ने एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है। सोमवार को गोष्ठी के चौथे और अंतिम दिन जिला विद्यालय निरीक्षक सरदार सिंह ने माता सरस्वती के समक्ष दीप जलाकर और माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर बोलते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि नई शिक्षा नीति छात्रों तथा अध्यापकों दोनों के लिए लाभकारी है किन्तु इसके लिए जरूरी है अध्यापक वर्ग को इसकी पूर्ण जानकारी हो जिससे छात्रों तक आवश्यक लाभ पहुंच सके। डीआईओएस ने बताया कि कक्षा-9 व कक्षा- 11 में प्रवेश के लिए आने वाले छात्रो का प्रवेश करें। कोई भी छात्र प्रवेश से वंचित न रहे। इसके साथ-साथ उन्होंने कन्या सुमंगला योजना का लाभ अधिक से अधिक छात्राओं तक पहुंचाने का आह्वान किया।
कार्यशाला में डा. अमित मलिक ने कहा कि कार्यशाला में नई शिक्षा नीति 2020 से संबंधित जानकारी शिक्षकों दी जा रही है किन्तु इसके बाद भी यदि किसी अध्यापक/ अध्यापिका को अपनी शंका का समाधान करना है तो वह उनसे सम्पर्क करके बिना किसी संकोच के अपनी शंका का समाधान कर सकता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 की जानकारी सभी अध्यापकों को देने के लिए सभा कालेज जल्दी से जल्दी अपने यहां कार्यक्रम करना करें।
डा. रूचिता ढाका ने बताया कि नई शिक्षा नीति प्राईमरी स्तर, जूनियर स्तर, माध्यमिक स्तर तथा स्नातक स्तर के सभा छात्रों के लिए लाभकारी है। कक्षा 2 तक के बच्चों को बिना किताब के पढ़ाने पर जोर दिया गया है अर्थात छोटे बच्चों को बस्ते के बोझ से मुक्ति दी गई है।
आनंद प्रसाद ने बताया कि नई शिक्षा नीति में पढ़ाई को आसान बनाया गया है। पढ़ाई को रूचिकर बनाने के लिए उसमे पंचतंत्र तथा हितोपदेश की कहानियां भी छात्रों को पढ़ाई जा सकती हैं जिससे छात्र नैतिक शिक्षा को वास्तव में अपने आचरण में ला सके और इसका वर्णन छात्र के प्रगति पत्र यानी रिजल्ट में भी होगा।
अब नैतिक शिक्षा रटने पर नहीं बल्कि आचरण पर आधारित होगी। जिया उल हक अंसारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 मे छात्रों को स्थानीय स्तर पर प्रसिद्ध शिल्पकार जैसे बढ़ई, सुनार, लोहार और बुक क्राफ्ट का कार्य करने वालों के पास ले जाकर प्रायोगिक की शिक्षा दिलाने की भी व्यवस्था होगी।
यह लगभाग 10 दिन को कोर्स होगा। प्रदीप कुमार ने अपने सम्बोधन मे कहा कि नई शिक्षा नीति में समाज के वंचित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वनवासी, भील जाति आदि के बच्चों को शिक्षित करने की व्यवस्था है इसके लिए विशेष अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी।
रमेश चन्द्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति मे अध्यापक, प्रधानाचार्य, मैनेजमेंट कमेटी तथा ग्राम प्रधान आदि की सहभागिता रहेगी तथा सबके कार्य का रिकॉर्ड लिखा जायेगा तथा इसी आधार पर आगे अध्यापकों की प्रोन्नति होगी। कार्यक्रम के समापन पर डॉ अमित मलिक तथा अनिल कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से अतिथियों का पर आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन अनिल कुमार कश्यप ने किया।