जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: वैसे तो एनएच-58 बड़ा ही खूबसूरत हाईवे है। जिस पर रोशनी के साथ-साथ हरियाली भी अधिक है, लेकिन हाइवे के मुजफ्फरनगर और मेरठ के 78 किलोमीटर लंबे हिस्से में बीते छह माह में हुई दुर्घटनाओं में 22 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। राहगीरों ने बताया कि दुर्घटना होने का कारण ज्यादातर स्वयं वाहन चालक ही होते हैं, क्योंकि आजकल दुपहिया एवं बड़े वाहनों को वाहन स्वामी ओवर स्पीड से वाहनों को चलाते हैं और यातायात नियमों का भी पालन नहीं करते हैं। जिस कारण दुर्घटना अधिक होती है। बिना हेलमेट व बिना सीट बेल्ट के ही वाहनों को चलाते हैं। अगर पुलिस के द्वारा हाईवे पर भी लगातार चेकिंग अभियान चलाया जाए तो सड़क दुर्घटना कम होगी, क्योंकि सभी वाहन स्वामी वाहनों की स्पीड को नियंत्रण में रखेंगे और यातायात नियमों का भी पालन करेंगे।
एनएच-58 पर दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। अगर पिछले छह महीने की बात करे तो हाईवे पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं हुई है। सबसे अधिक हादसे अधिक स्पीड और अनियंत्रित तरीके से वाहनों को चलाने से हुए हैं। एनएचएआई के मुताबिक हादसे अधिक होने का कारण तेज स्पीड और अनियंत्रित गति से वाहन चलाने के कारण हुए हैं। हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो इसके लिए हर महीने टोलवे कंपनी द्वारा अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है। हाईवे अवैध रूप से संचालित हो रहे कट भी इन हादसों को न्योता दे रहे हैं। इन कटों को बंद करने के लिए अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। मोदीपुरम और सकौती क्षेत्र में सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं। तेज गति और निरंतर अनदेखी के साथ वाहन चलाने के कारण हादसे हुए हैं।
जगह-जगह खुले हैं मौत के अवैध कट
एनएच-58 पर 72 किलोमीटर के क्षेत्र में 60 से ज्यादा अवैध कट बने हुए हैं। मौत के कट से हाइवे पर लगातार हादसे बढ़ते जा रहे हैं। टोल कंपनी और नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया को यह कट दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते हाईवे पर मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है। सबसे ज्यादा खतरनाक खड़ौली के अवैध कट हैं। यहां बने होटल हादसों को दावत दे रहे हैं। रुड़की रोड कहने को नेशनल हाइवे है, लेकिन इसकी हालत लगातार खराब होती जा रही है। जगह-जगह खुल रहे कट से हाइवे पर हादसों का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इन अवैध कटों को बंद नहीं कराया गया है। जिस कारण से आए दिन हाइवे पर हादसों की घटना बढ़ रही है। 24 घंटे पहले ही दिल्ली-देहरादून हाइवे पर दो लोगों की मौत हो गई। उसके बाद भी टोल कंपनी और नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया ने कोई कदम नहीं उठाया है। अगर हाइवे पर मौत के अवैध कट बंद नहीं किए गए तो लगातार हादसे बढ़ते रहेंगे।
दुर्घटनाओं का कैसे बढ़ा ग्राफ
सकौती में पिछले छह महीने में 120 हादसे हुए हैं। इनमें 10 मौत और 75 लोग घायल हुए हैं। मोदीपुरम में लगभग 12 मौत और 85 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हाइवे पर शाम के समय सबसे ज्यादा हादसो का डर रहता है। इस समय दो पहिया वाहन और साइकिल सवार हाइवे पर बने अवैध कटों से बीच में से ही अचानक आ जाते हैं। जिस कारण से हादसे होते हैं। परतापुर से लेकर दौराला तक सबसे ज्यादा अवैध कट बने हुए हैं। ऐसा ही हाल सकौती और दादरी तक का है।
आखिर क्यों बंद नहीं हो रहे कट?
दिल्ली-देहरादून हाइवे पर खुले हुए कट को आखिर कंपनी द्वारा क्यों बंद नहीं किया जा रहा है। जबकि स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने भी इस संबंध में कई बार विरोध भी किया है कि लगातार हादसे से बढ़ रहे हैं। इन कट को कंपनी द्वारा बंद किया जाए, लेकिन टोल कंपनी का ध्यान सुविधा देने पर नहीं बल्कि टोल वसूली पर है।
हाईवे पर अवैध रूप से खुले कट कई बार बंद कर किए गए, लेकिन बार बार इन्हें खोल दिया जाता है। इसके कारण और अधिक स्पीड से वाहन चलाने के कारण हादसो का ग्राफ बढ़ा है।
-बृजेश सिंह, मैंटीनेंस अधिकारी टोलवे कंपनी