- सुविधा शुल्क लाइए, नियम विरुद्ध कार्य कराइए, अमित शाह का करीबी हूं
- सीसीएसयू में हो रही धांधली, दीक्षांत समारोह में एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा कुलाधिपति से, पत्रकारिता विभाग में मचा हड़कंप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय बिना सुविधा शुल्क दिये आपका कार्य संभव नहीं हैं। भ्रष्टाचार का ऐसा जाल है कि उसमें से निकलना मुश्किल हो जाता हैं। ऐसा ही एक मामला मीडिया कर्मी के साथ हुआ। बीए प्रथम, द्वितीया और तृतीय की मार्केशीट में नाम परिवर्तन का मामला था।
इसमें कई दिनों तक टरकाया गया। परेशान करना और फिर सुविधा शुल्क की डिमांड करना, यही सब यहां पर चल रहा हैं। एक मीडिया कर्मी का सीसीएसयू में बीए की मार्कशीट में नाम करेक्शन कराने के लिए आवश्यकता पड़ी, तब जाकर सीसीएसयू में बिना रिश्वत के काम नहीं होता।
ये रिश्वत और सेटिंग का पूरा मामला
एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के संवाददाता को अपनी बेटी के बीए-प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की मार्कशीट में अपने नाम के सामने से कुमारी व माता के नाम के सामने से देवी शब्द जो लिखा था वह हटवाना था। वह 29 अक्टूबर को सीएसएसयू पहुंचा। इस दौरान उसकी बातचीत पत्रकारिता विभाग में कार्यरत एक अधिकारी से हुई। उससे जानकारी की किस तरह से नाम परिवर्तन कराया जाता है।
वह जानकारी उपलब्ध करा दें। जिसके बाद उक्त अधिकारी ने कहा कि गोपनीय विभाग से तीन अधिकारियों की रिपोर्ट लगवाकर ले आएं, वहां खिड़की पर जमा न करके सीधे उसको दे दें, नहीं तो खिड़की पर प्रमाण पत्र के खोने का डर भी बना रहता है। वहीं दूसरी तरफ जो काम आपका एक या दो दिन में हम करा देंगे। वह हफ्तों तक नहीं होगा, जिसके बाद मीडिया कर्मी ने उसकी बात मानते हुए उसे कागज उपलब्ध करा दिए। जिसके बाद मीडिया कर्मी ने अगले दिन संपर्क साधा तो उक्त अधिकारी ने कहा कि उसने जिसे करेक्शन के लिए दिए हैं, वह आज सीट पर नहीं हैं।
इसी तरह से उसने एक या दो दिन नहीं, बल्कि एक सप्ताह तक टरकाता रहा, जिसमें सोमवार 9 अक्टूबर को जब उक्त अधिकारी के मोबाइल पर संपर्क किया तो उने कॉल नहीं उठाई। जिसके बाद उक्त विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि साहब आपकी मार्कशीट बिना पैसे मिल जाए तो गनीमत है। मेरी पत्नी के नाम में करेक्शन हुआ तो मुझे भी पैसे देने पडे थे। साथ ही साहब ने मुझे कोई मार्कशीट आपकी नाम परिवर्तन के लिए नहीं दी। मुझे केवल गोपनीय विभाग में उक्त अधिकारी को सीट पर बैठे होने या न होने के बारे में जानकारी लेने भेजा था।
इतनी बात सुनकर मीडिया कर्मी पूरा मामला भांप चुका था। उसने गोपनीय विभाग की उक्त खिड़की पर अधिकारी से संपर्क किया। इस दौरान भाकियू नेता राजकुमार करनावल भी वहां पर मिले ओर संवाद शुरू हुआ तो उसने उक्त गोपनीय विभाग में बताया कि जिसे परेशान किया जा रहा है,वह भी मीडिया जगत से हैं। इसके बाद ही रिकार्ड देखा तो बताया कि इस नाम का कोई कागज उनके कार्यालय में आया ही नहीं, जिसके बाद मीडिया कर्मी को थोडी परेशानी बढी ओर उक्त अधिकारी से संपर्क साधा। लंच के बाद कार्य होगा।
जब मीडिया कर्मी ने गोपनीय विभाग ले जाकर उक्त अधिकारी का आमना-सामना कराया तो वह उखड गया तथा बोला आखिर मैं कह दूं की आपके प्रमाण पत्र कहीं खो गए तो आप मेरा क्या बिगाड लेंगे? मेरे कर्मचारी से यदि कागज खो गए हैं तो फिर आप उसका भी क्या बिगाड़ सकते हो। जब मीडिया कर्मी ने वहां पर हंगामा खड़ा किया तो लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। इस दौरान सुरक्षा गार्ड भी वहां जा पहुंचे।
मामला मीडिया से जुडा होने पर वह भी शांत होने की बात कहकर निकल गए। जिसके बाद वह शांत हुआ ओर फिर बिना कागजों के ही मंगलवार को दोपहर 1 बजे तक संसोधित प्रमाण पत्र उलब्ध कराने का समय मांगा, जिसमें मंगलवार को ठीक एक बजे के करीब उक्त गोपनीय विभाग की खिड़की से बिना मूल प्रमाण पत्र जमा किए संसोधित प्रमाण पत्र उलब्ध करा दिए गए।
सीसीएसयू में बिना रिश्वत के कार्य नहीं होने का जो मामला जो बताया गया है, वह बेहद ही गंभीर है, यदि इस तरह का मामला पत्रकारिता एवं गोपनीय विभाग से जुडा है,तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई कराई जायेगी। -धीरेंद्र कुमार, रजिस्टार, सीसीएसयू