- ओएमआर शीट पर परीक्षा देंगे 10वीं के छात्र, दो भागों में बांटा जाएगा प्रश्नपत्र
- नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2023 के परीक्षा पैटर्न में होने जा रहा बदलाव
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड 2023 में पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा में ओएमआर शीट का भी उपयोग करेगा। प्रश्नपत्र हल करने के लिए 10वीं के छात्र-छात्राओं को सामान्य उत्तरपुस्तिका के साथ ही ओएमआर शीट भी दी जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बोर्ड यह बदलाव करने जा रहा है। इस संबंध में बोर्ड के स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
70 अंकों की लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र को दो भागों में बांटा जाएगा। प्रश्नपत्र में लगभग 30 प्रतिशत यानि 20 अंक का प्रथम भाग बहुविकल्पीय (मल्टीपल च्वॉयस क्वेश्चन) का होगा, जिसका उत्तर परीक्षार्थियों को ओएमआर शीट पर देना होगा। दूसरा भाग (लगभग 70 प्रतिशत या 50 नंबर का) वर्णनात्मक प्रश्नों का होगा, जिनके उत्तर पहले की तरह पारंपरिक कॉपी पर देने होंगे।
इन प्रश्नपत्रों में सीआईएससीई की तरह उच्चतर चिंतन कौशल से संबंधित प्रश्न भी रखे जाएंगे। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए खाका खींचा है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की तीन घंटे होने वाली परीक्षा दो भागों में होगी। वस्तुनिष्ठ यानी बहुविकल्पीय प्रश्नों का जवाब परीक्षार्थी ओएमआर शीट पर देंगे।
परीक्षा में पहली बार ओएमआर शीट का भी प्रयोग होगा। इसके साथ ही परीक्षा प्रणाली को सरल करने के लिए कई अहम बदलाव किए जाएंगे। प्रश्नपत्रों के स्वरूप में परिवर्तन के साथ ही छात्र-छात्राओं का रचनात्मक आकलन करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत 2023 की हाईस्कूल परीक्षा से होनी है। ओएमआर शीट का मूल्यांकन कंप्यूटर से कराने की विभाग ने योजना बनाई है।
वैसे भी उत्तरपुस्तिकाओं का हर जिला मुख्यालय पर ही मूल्यांकन कराया जाता है। वहां ओएमआर की स्कैनिंग आसानी से हो सकेगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की 2021-22 में प्रश्नपत्रों का नया प्रारूप तैयार करने की योजना थी। इसी के मुताबिक 2024 से हाईस्कूल और 2026 से इंटर की परीक्षा नए पैटर्न से कराने का लक्ष्य निर्धारित है। इसीलिए परिषद ने नौवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में ओएमआर शीट का प्रयोग किया है, ताकि इन छात्र-छात्राओं को अगले वर्ष हाईस्कूल में ओएमआर पर परीक्षा देने में परेशानी न हो।