- विवि ने परीक्षा में नकल में पकड़े जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी दी बड़ी राहत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विवि में शुक्रवार को परीक्षा समिति की एक बैठक का आयोजित की गई। जिसमें कई मुख्य बिंदुओं पर चर्चा के बाद निर्णय लिए गए। बैठक को संबोधित करते हुए विवि कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि अब से बिना आवेदन के तुरंत डिग्री लेने के लिए अब से छात्र-छात्राओं को एक हजार रुपये फीस देनी होगी। यह डिग्री केवल छात्र को ही मिलेगी, लेकिन रक्त संबंधी व्यक्ति के द्वारा डिग्री लेने पर उसको नियमानुसार विभिन्न सूचनाएं देनी होंगी।
गौर करने वाली बात यह है कि डिग्री के लिए आॅनलाइन आवेदन करने पर छात्र को कोई अतिरिक्त फीस नहीं देनी पड़ेगी। विवि निर्धारित अवधि में इस प्रक्रिया में छात्रों के दर्ज पते पर डिग्री भेजेगा। बता दें कि कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला और रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा की मौजूदगी में यह फैसला हुआ कि डिग्री के लिए आॅनलाइन आवेदन किसी भी समय किए जा सकते हैं। आवेदन के बाद 15 दिन में डिग्री घर भेजी जाती है, लेकिन यदि छात्र को तत्काल डिग्री चाहिए तो उसे एक हजार रुपये फीस देनी होगी।
तत्काल में विवि छात्र को तीन से चार घंटे में डिग्री उपलब्ध कराएगा। वहीं विवि ने परीक्षा में नकल में पकड़े जाने वाले छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत दे दी है। विवि के अनुसार नकल में मोबाइल, स्मार्टवॉच पकड़े जाने पर परीक्षकों को केवल रिपोर्ट करना होगा। उन्हें मोबाइल या स्मार्टवॉच सील करके कैंपस भेजने की जरुरत नहीं है। पेपर के बाद छात्र को ये वापस कर दिए जाएंगे। अभी हर परीक्षा में कैंपस में सैकड़ों मोबाइल और स्मार्टवार्च कैंपस आती हैं। बाद में छात्र कैंपस से इन्हें वापस लेते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
विवि ने यूएफएम की बढ़ती संख्या के बीच निर्णय अवधि भी बढ़ाकर सौ दिन से दो सौ दिन कर दी है। यानी परीक्षा के अधिकतम छह महीने में अब यूएफएम पर निर्णय होगा। बैठक में दुर्व्यहार करने पर छात्र को मिलने वाली श्रेणी पांच की सजा में भी बदलाव कर दिया है। इस श्रेणी में छात्र की समस्त वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा स्थगित करते हुए उसे दो साल के लिए प्रतिबंधित करने का प्रावधान हैं, लेकिन अब यह अधिकतम दंड विशेष स्थिति में ही मिलेगा। विवि के अनुसार दुर्व्यहार को चार श्रेणियों में रखा गया है।
यदि सामान्य दुर्व्यहार है तो उसे श्रेणी दो मिलेगी जिसमें संबंधित कोड का पेपर निरस्त हो जाएगा। यदि दुर्व्यहार के साक्ष्य भी हैं तो श्रेणी तीन में छात्र का संबंधित सेमेस्टर या वर्ष की परीक्षा निरस्त कर दी जाएगी। यदि एफआईआर भी हो गई है तो छात्र को श्रेणी चार मिलेगी जिसमें समस्त वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा निरस्त करने के साथ ही एक साल के लिए डिबार कर दिया जाएगा।
यदि एफआईआर की कॉपी विवि को मिली तो श्रेणी पांच बनेगी जिसमें समस्त परीक्षाओं के साथ दो साल के लिए डिबार होना पड़ेगा। विवि के अनुसार अभी तक दो कोड में नकल में पकड़ने जाने पर छात्र को श्रेणी चार मिलती थी जिसमें संबंधित वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षा निरस्त करते हुए एक साल के लिए डिबार किया जाता था, लेकिन इसमें तीन श्रेणियां होंगी। यदि दोनों पेपर कोड में छात्र को एक-एक श्रेणी मिलती है तो उसकी एक ही मानते हुए चेतावनी दी जाएगी।
नैक तैयारियों को लेकर बनाई योजना
मेरठ: मेरठ कॉलेज के कमेटी हॉल में आंतरिक गुणवत्ता एवं सुनिश्चियन प्रकोष्ठ द्वारा नेक की तैयारी को दृष्टिगत रखते हुए तीन दिवसीय आंतरिक गुणवत्ता संवर्धन कार्यशाला के दूसरे दिन कला एवं मानविकी संकाय के अर्थशास्त्र विभाग, मनोविज्ञान विभाग, कला विभाग, राजनीतिक विज्ञान विभाग, वाणिज्य विभाग, इतिहास विभाग रक्षा अध्ययन विभाग, संस्कृत विभाग, हिंदी विभाग, भूगोल विभाग, समाजशास्त्र विभाग, दर्शनशास्त्र विभाग, उर्दू विभाग, अंग्रेजी विभाग एवं शिक्षक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर आंतरिक गुणवत्ता एवं सुनिश्चित प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रो. अर्चना सिंह ने नेक की तैयारी के लिए आगामी वर्ष में हमें कौन-कौन से कार्यक्रम करने हैं? उनका डॉक्यूमेंटेशन किस प्रकार करना है? विभागीय स्तर पर किस प्रकार शोध प्रकाशन, सेमिनार आयोजन, छात्र-छात्राओं की समस्या निवारण आदि गतिविधियों को आयोजित करते हुए उन्हें उचित प्रकार से डॉक्युमेंटेड करने पर विस्तार से पीपीटी के माध्यम से समझाया।
इस परिचर्चा के अंत में रिपोर्ट तैयार करने, लेसन प्लान बनाने, जी टैगिंग करने, फील्ड वर्क और फील्ड विजिट आदि के आयोजन से संबंधित सॉफ्ट कॉपी भी सभी शिक्षकों के साथ शेयर की गई। विभिन्न विभागाध्यक्षों से बहुमूल्य पुस्तकालय से पुस्तकों के निर्गत होने पुस्तकालय कार्ड बनने स्मार्ट क्लासरूम बनने आदि पर महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए। कार्यक्रम के अंत में प्रो. योगेश कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
आशा व्यक्त की कि सभी विभागाध्यक्ष और शिक्षक नेक प्रक्रिया में साथ मिलकर कार्य करेंगे। इस दौरान महाविद्यालय की आइक्यूएसी द्वारा किस प्रकार एक्टिविटी, लेसन प्लान आदि का डॉक्यूमेंटेशन करने से संबंधित हार्ड कॉपी तथा सॉफ्ट कॉपी भी सभी शिक्षकों को शेयर की गई। इस कार्यशाला एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. पंजाब मलिक, डॉ. हरगुन साहनी, डॉ. पंकज भारती आदि का विशेष योगदान रहा।