- आरटीओ की बिना अनुमति के कैसे बदल दिया चेसिस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एम्पीयर मेग्नेस स्कूटर के चेसिस के मामले को लेकर जो घालमेल किया जा रहा हैं, उस पर संभागीय परिवहन मंडलीय अधिकारी ने जांच के आदेश दिये हैं, मगर एजेंसी मालिक ने धोखाधड़ी कैसे की? इसमें धोखाधड़ी का मामला एजेंसी मालिक के खिलाफ दर्ज क्यों नहीं किया गया। यह भी जांच का विषय बनता हैं। इसमें भ्रष्टाचार की ‘बू’ आ रही हैं। दरअसल, आरटीओ की तरफ से मामले को रफादफा क्यों कर दिया?
दरअसल, 25 जून 2023 को स्क्ूटी बीच में से टूट गई थी। स्कूटी को मोहित कुमार चला रहे थे और उनका पुत्र भी स्कूटी पर सवार था। महत्वपूर्ण बात ये है कि मोहित की स्कूटी जहां से टूटी थी, उसे वेल्ड कर दिया और नया चैसिस फर्जी तरीके से हाथ से नंबर गोद दिये, जो पूरी तरह से फर्जीवाड़ा हैं। इसके लिए आरटीओ से एजेंसी मालिक ने कोई अनुमति नहीं ली। इस प्रकरण की शिकायत मोहित ने एंपियर के डीलर शिव इलेक्ट्रिक गढ़ रोड मेरठ से की, लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की।
जब आरटीओ से इसमें जांच के आदेश हो गए, तब 31 जुलाई 2023 को मोहित कोे शोरूम पर बुलाया और उनकी समस्या को सुना और पाया कि एंपियर ग्रीवस् कंपनी के निर्मित स्कूटर में खराब चेसिस जो की गुणवत्ता मानकों के अनुसार नहीं बना था कि कमी से यह हादसा हुआ। एम्पीयर ग्रीव्स कंपनी का ही दूसरा स्कूटर एंपियर प्राइमस (आॅरेंज रंग) दे दिया। इसके बदले में उनसे 6000 रुपये और लिये गए।
दरअसल, मोहित को नई स्कूटी देने से अपराध तो कम नहीं हुआ। एजेंसी मालिक ने चेसिस के साथ छेड़छाड़ बिना आरटीओ की अनुमति से की तथा मार्केट में स्कूटी दे दी। ऐसा कर धोखाधड़ी कर दी तथा आरटीओ के नियमों के खिलाफ ये सब हुआ। अब इसमें जांच चल रही हैं। जांच पूरी होने के बाद इसमे ंएजेंसी मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो सकती हैं।