- ऐसा ही एक मामला कंकरखेड़ा थाने का आया सामने, जिसको लेकर मच रहा बवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पुलिस के खेल भी निराले हैं। जिसे पुलिस चाहती है, उसे फंसाने में पीछे नहीं रहती, भले ही उसने अपराध किया हो या फिर नहीं। ऐसा ही एक मामला कंकरखेड़ा थाने का सामने आया हैं, जिसको लेकर खूब बवाल मच रहा हैं। पहली मर्तबा ऐसा हुआ है कि एक ही एक नंबर पर दो एफआईआर पुलिस ने दर्ज की हैं। पहली एफआईआर में दो लोगों को आरोपी बनाया गया, जबकि दूसरी एफआईआर में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया।
पुलिस के इस खेल को पकड़ा है बर्खास्त आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने। पूरे प्रकरण को लेकर अमिताभ ठाकुर ने कहा कि आईजी प्रवीण कुमार ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर लिखने के लिए संस्तुति की, लेकिन थाने में जाकर आठ आरोपी कैसे बन गए? एक ही नंबर पर दो एफआईआर कैसे हो गई? इसको लेकर अमिताभ ठाकुर ने सवाल उठाये हैं। पुख्ता सबूतों के साथ अमिताभ ठाकुर बुधवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से रूबरू हुए तथा इसकी पूरी कहानी बतायी।
उन्होंने बताया कि 1500 बीघा जमीन को लेकर कंकरखेड़ा में भू-माफिया ने कब्जा किया और जमीन बेच दी। गुलवीर सिंह निवासी श्रद्धापुरी की तरफ से पहली एफआईआर रमेश यादव और उनके साले नरेश यादव के खिलाफ दर्ज हुई, जिसका नंबर 946 था। इसी नंबर से दूसरी एफआईआर हुई, जिसमें अखिलेश गोयल समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि पहली एफआईआर को कंप्यूटर पर कंकरखेड़ा थाने में डिलिट किया गया।
इसके डिलिट और लिखने के समय को भी अमिताभ ठाकुर ने सबूत के तौर पर दर्शाया हैं। फिर दूसरी एफआईआर का समय भी सबूत में दर्शाया हैं। उनका कहना है कि एक नंबर पर दो-दो एफआईआर के सबूत उनके पास हैं। इसके अलावा भी कई सबूत उन्होंने पेश किये। अखिलेश गोयल और अन्य आठ लोगों का नाम इस एफआईआर में कैसे जुड़ा? ये बड़ा सवाल हैं। ये आठ लोग व्यापारी और किसान हैं।
इनके नाम कैसे बढ़े? इसके पीछे कौन हैं? आखिर इस पूरी कहानी के पीछे कौन काम कर रहा था, ये जांच का विषय हैं। अखिलेश ने बैंक समिति की जमीन में कोई खरीद-फरोख्त ही नहीं की, फिर उनका नाम कैसे आया? अब इस मुद्दे को फिर से अमिताभ ठाकुर ने उठाया हैं तथा इसकी जांच अन्य एजेंसी से कराने की मांग की हैं, जिसमें कहा गया कि एक नंबर पर दो-दो एफआईआर की जांच कराई जाए।
सर्किट हाउस में अमिताभ की ‘नो एंट्री’
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करने के लिए आजाद अधिकार सेना के राष्टÑीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर पहुंचे थे। पत्रकारों को भी सर्किट हाउस बुलाया गया। इसी बीच प्रशासन ने सर्किट हाउस में अमिताभ की नो एंट्री कर दी। कहा गया कि धारा 144 लागू हैं, ऐसे में सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता नहीं की जा सकती। इसके बाद अमिताभ ने सर्किट हाउस की सीढ़ियों पर बैठकर पत्रकारों से बातचीत की तथा इस पूरे प्रकरण को उठाया।