- त्योहारी सीजन में सरकार की रियायतें, केवल झूठ का पुलिंदा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बाजारों को बर्बाद करने पर उतारु आनलाइन ट्रेड को लेकर सरकार की ओर से शीघ्र ही कोई नीति निर्धारण नहीं की गयी तो बाजार पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। बाजार की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि त्योहारी सीजन में कभी भी साप्ताहिक बंदी नहीं होती थी, लेकिन अब साप्ताहिक अवकाश के दिन सदर व आबूलेन सरीखे महानगर के प्रमुख बाजारों की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं।
महानगर के कई दूसरे इलाकों में जहां सोमवार की साप्ताहिक बंदी होती है वहां भी दुकानों पर ताले लटके रहे। इसका कोई अन्य कारण नहीं बल्कि बाजार में ग्राहकों न होना है। कोरोना की मार से बेहाल बाजार का आन लाइन ट्रेडिंग दम निकालने में लगा है।
छूट के नाम पर छलावा
कोरोना के बाद तमाम छोटे बड़े कारोबारियों को फिक्स चार्ज के नाम पर छूट का ऐलान किया गया था, लेकिन इस छूट के पीछे इतने किंतु परंतु व अन्य शर्त थोप दी गयीं कि न नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी। कारोबारियों का कहना है कि इक्का-दुक्का की बात तो करते नहीं वर्ना ज्यादातर के हिस्से में फिक्स चार्ज की छूट आयी ही नहीं।
होटल और रेस्टोरेंट को भूली सरकार
कोरोना में तमाम घोषणाएं की गयी। इनमें से कितनी पूरी हुई और कितनी फीसदी यह बहस का मुद्दा हो सकता है, लेकिन इस सब के इतर होटल, रेस्टोरेंट और इंडस्ट्रीज जो परोक्ष व अपरोक्ष रूप से बड़ी संख्या में काम देती है। उसको भूला दिया गया। अब इस पर भी आनलाइन ट्रेडिंग की मार है। बाजारी हालात पर लोगों का कहना है कि नोट बंदी, जीएसटी और कोरोना इतना घातक नहीं था जितना की आनलाइन ट्रेडिंग का रिवाज और सरकार की चुप्पी। मल्टीनेशनल कंपनियों को जिस प्रकार से ट्रेड की खुली छूट दी गयी है वो आने वाले दिनों में घातक साबित होगी।
बाजार को बड़ा खतरा
संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता का कहना है कि आनलाइन ट्रेडिंग आने वाले दिनों में बाजार के लिए बड़ा खतरा बनने जा रहा है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह को व्यापारी घर आता है। दिन भर ग्राहकों का इंतजार करता है और शाम को खाली हाथ लौटता है।
सबसे ज्यादा मार वितरक पर
होल सेलर विनेश जैन का कहना है कि आॅनलाइन टेÑडिंग शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा मार वितरक पर पड़ रही है। मेरठ या उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के तमाम राज्यों मे हमेशा ही होल सेल माल को जमा रखता है। लेकिन आन लाइन टेÑडिंग की वजह से जो माल जमा कर लिया था, उसकी भी रकम फंस गयी है।
आनलाइन सामान की ज्यादा डिमांड
हैंडलूम कारोबारी अंकुर गोयल का कहना है कि लोग अब आनलाइन सामान अधिक मंगाने लगे हैं। उन्होंने बाजारों में आना कम कर दिया है। आनलाइन की वजह से खंदर कारोबारी भारी भरकम नुकसान के नीचे आ गया है। इस पर बिना शर्त रोक होनी चाहिए।
आनलाइन ट्रेडिंग से कारोबार पर मार
स्पोर्ट्स गुड्स व्यापार संघ के अध्यक्ष अनुज सिंहल का कहना है कि कोरोना के बाद आनलाइन ट्रेडिंग की उनके कारोबार पर सबसे बड़ी मार पड़ी है। इस पर रोक की जरूरी है।
घर बैठने की नौबत
मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, कपड़ा यहां तक कि पंसारी व रेस्टोरेंट संचालकों के बहुत जल्दी काम धंधा बंदकर घर बैठने की नौबत आ जाएगी।