नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। नवरात्रि का पर्व विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा के लिए होता है और इस दौरान हर दिन उनके नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि का पर्व 30 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल को राम नवमी तिथि के साथ हो रहा है। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति और शांति प्राप्ति का अवसर है बल्कि यह आस्था, भक्ति और शक्ति का प्रतीक भी है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि का व्रत किस दिन रखा जाएगा। कई लोगों के मन में दुविधा है कि 5 या 6 अप्रैल किस दिन अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। जानिए अष्टमी तिथि कब से कब तक रहेगी और इस दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि में द्वितीय और तृतीय तिथि एक ही दिन रही, जिसके चलते नवरात्रि नौ नहीं बल्कि आठ दिन की हो रही हैं। 4 अप्रैल को सप्तमी तिथि रहेगी और 5 अप्रैल को अष्टमी। इसके बाद 6 अप्रैल को नवमी तिथि होगी, जिस दिन राम नवमी मनाई जाएगी।
अष्टमी तिथि कब से कब तक रहेगा
अष्टमी तिथि का प्रारंभ 4 अप्रैल की रात 8:12 मिनट से शुरू होकर 5 अप्रैल की शाम 7:26 तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अष्टमी तिथि 5 अप्रैल को ही मनाई जाएगी। यानी जिन लोगों को अष्टमी का व्रत रखना है वह 5 अप्रैल को ही व्रत रखेंगे।
कन्या पूजन मुहूर्त
अष्टमी को व्रत का समापन करने वाले भक्त इसी दिन कन्या पूजन करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि अष्टमी तिथि को कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:35 बजे से 05:21 बजे तक रहेगा। प्रातः सन्ध्या सुबह 04:58 बजे से 06:07 बजे तक रहेगी और अभिजित मुहूर्त सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक रहेगा। अष्टमी कन्या पूजन के लिए यह तीनों मुहूर्त शुभ रहेंगे।
दुर्गा स्तुति मंत्र
“या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता।।
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।”