Wednesday, July 3, 2024
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एक झूठ आपसे सौ झूठ बुलवाता है- गुल पनाग

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3 जनवरी 1979 को चंडीगढ में पैदा हुई गुल पनाग के पिता सेना में थे। गुल की शुरुआती पढ़ाई पंजाब के संगरूर में हुई। पटियाला से उन्होंने गणित में डिग्री प्राप्त करने के बाद पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से राजनीति विज्ञान में पोस्टग्रेजुएशन किया है। मॉडलिंग के जरिये अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली गुल पनाग कई एड फिल्में कर चुकी हैं। वह आमिर खान के साथ ‘टाटा स्काइ’ की ब्रांड एंबेस्डर रह चुकी हैं।

1999 में गुल पनाग ने मिस इंडिया का खिताब जीता। उसी साल होने वाली मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भी उन्होंने भाग लिया। उनके सिर मिस ब्यूटीफुल स्माइल का ताज भी सज चुका है। गुल के एक्टिंग कैरियर की शुरुआत स्टारप्लस के धरावाहिक ‘किसमें कितना है दम’ (2002) और ‘कश्मीर’ (2003) के साथ हुई। बॉलीवुड में उन्हें पहला अवसर ‘धूप’ (2003) में मिला। गुल पनाग ‘जुर्म’ (2005) ‘डोर’ (2006) ‘मनोरमा 6 फीट अंडर’ (2007) ‘रन’ (2010) अब तक छप्पन 2 (2015) ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ (2019) ‘बाईपास रोड’ (2019) जैसी लगभग 20 हिंदी फिल्में कर चुकी हैं।

वह अब तक दो पंजाबी और एक तेलुगु फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। गुल पनाग की एक वेब सीरीज ‘गुड बैड गर्ल’ हाल ही में सोनी लिव पर आॅन स्ट्रीम हुई जिसमें उन्हें एक लॉ फर्म चलाते हुए दिखाया गया है। आॅडियंस को इसमें उनका काम काफी पसंद आया। प्रस्तुत हैं गुल पनाग के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:

  • ‘गुड बैड गर्ल’ की माया आहूजा के झूठ बोलने की वजह से तरह-तरह की समस्याएं आती हैं। अपने रास्ते में आने वाली रुकावटों का हल वह किसी भी तरह निकाल लेती है। उस केरेक्टर से खुद को कितना रिलेट करती हैं?

चाहे अनचाहे, हर किसी को, कभी न कभी, अपने जीवन में इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि आप एक झूठ बोलते हैं तो आपको उस झूठ के अनुसार सारी उम्र चलना पड़ता है और एक झूठ आपसे सौ झूठ बुलवाता है। परिस्थितियां उस वक्त शर्मिंदगी भरी हो जाती है जब आप यह भूल जाते हैं कि आपने पहले क्या कहा था। इस तरह की परिस्थतियों से मैं भी अछूती नहीं हूं।

  • इस वेब सीरीज में आपने एक वकील का किरदार निभाया। किस तरह का अनुभव रहा?

जब यह ऑफर मेरे पास आया, मुझे लगा कि इससे बेहतर और कोई किरदार हो ही नहीं सकता। इसलिए कहानी सुने बिना सिर्फ अपने किरदार के बारे में जानने के साथ ही मैंने हां कह दिया था।

  • आप जिस उम्दा रेंज की एक्ट्रेस हैं, उस तरह का काम आपको अब तक नहीं मिला। इसकी कोई खास वजह?

मैंने हमेशा वैरायटी वाला काम किया है। इस चक्कर में अब तक मेरी कोई खास तरह की इमेज नहीं बन सकी और मैंने देखा है कि जब तक आप किसी खास इमेज में छप नहीं जाते, आपको ज्यादा काम नहीं मिलता। वह बात अलग है कि तब आपको जो काम मिलता है, वह सिर्फ एक ही तरह का होता है।

  • काम हासिल करने के लिए आज हर छोटा बड़ा एक्टर पीआर ऐजेंसीज की मदद ले रहा है लेकिन आप इन चीजों से भी दूर हैं?

फिल्में मेरी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण पहलू है, लेकिन मेरी लाइफ सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। मैं फिल्मों के साथ साथ दूसरी चीजें भी करना चाहती हूं और कर भी रही हूं।

  • आप फिल्मों के अलावा और क्या नया करना चाहती हैं?

मुझे राजनीति में बहुत रूचि है और इसके लिए मुद्दों के साथ जुड़ना बहुत जरूरी है। यह राजनीति का संक्रमण काल है। हम सभी एक बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। फिलहाल यह तो नहीं कह सकती कि कौन सी पार्टी सबसे अच्छी है लेकिन अपनी समझ के अनुसार अगले आम चुनाव के पहले किसी राजनैतिक दल का चुनाव कर उसे ज्वाइन करूंगी। मैं अपने आपको कम से कम केंद्रीय मंत्री के तौर पर देखना चाहूंगी।

सुभाष शिरढोनकर


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