Friday, July 5, 2024
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विवि में आॅनलाइन मार्कशीट और डिग्री देने की व्यवस्था फेल

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  • दो दिन पहले दिल्ली के छात्र ने विवि में पहुंच किया हंगामा
  • कर्मचारियों की लापरवाही से समय पर नहीं हो रहा काम

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चौधरी चरण सिंह विवि में कहने को तो सब कुछ आॅनलाइन है, लेकिन आज भी छात्र-छात्राओं को डिग्री और मार्कशीट लेने के लिए विवि के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं जबकि विवि की ओर से डिग्री व मार्कशीट छात्र-छात्राओं के घर पहुंचाने की व्यवस्था कर रखी है।

बता दें कि विवि की ओर से मई माह में छात्र-छात्राओं के घर आॅनलाइन डिग्री भेजने की व्यवस्था की थी, जिसमें छात्र-छात्राओं को केवल विवि की वेबसाइट पर अपना पता बताना था बताए गए पते पर डिग्री छात्रों के घर पहुुुंचनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है आज भी आॅनलाइन आवेदन करने के बाद छात्र-छात्राओं को डिग्री लेने के लिए विवि के चक्कर काटने पड़ रहे है। हाल ही में विवि में दिल्ली से आए एक छात्र द्वारा काउंटर पर हंगामा भी किया गया है।

ये की गई थी व्यवस्था

पहले चरण में विवि वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की डिग्री भेज रहा था। राजकीय अनुदानित और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के साथ विवि परिसर के छात्रों के लिए यह सुविधा दी गई थी। सुविधा के दौरान जो छात्र अपनी डिग्री चाहते हैं, विवि की वेबसाइट पर जाकर विद्यार्थी हेल्प डेस्क में दिए गए लिंक प्रोवाइड इनफार्मेशन टू गेट ओनली ओरिजनल डिग्री पर जाकर अपना पता अपडेट कर सकते हैं।

मगर कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यह योजना सही से परवान नहीं चढ़ पा रही हैं और छात्रों को आय दिन विवि के चक्कर लगाने पड़ रहे है। विवि में मार्कशीट अपडेट या फिर डिग्री वाले एक दो मामले ही नहीं है, बल्कि ऐसे सैकड़ों मामले हैं, जिनमें छात्र परेशान होकर विवि के चक्कर लगाते मिल जाएंगे। विवि कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला का कहना है कि इस तरह की बात सामने आई हैं, जिसके बाद कर्मचारियों को बुलाकर समय पर समस्या का समाधान करने की बात कही गई है। जल्द ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।

छात्र द्वारा किया गया हंगामा

बुधवार को दिल्ली निवासी भुवन नामक एक छात्र ने गोपनीय विभाग में जब मार्कशीट को लेकर कर्मचारी से बात की तो छात्र की किसी बात को लेकर कर्मचारी से नोकझोंक हो गई। मामला बढ़ता हुआ देख कर्मचारी रजिस्ट्रार के पास पहुंचे जिसके बाद छात्र को मार्कशीट दिलाई गई। छात्र का कहना था कि डिग्री आदि को लेकर कर्मचारी बार-बार चक्कर कटवाते है और कोई कार्य समय पर नहीं होता है।

इस प्रकार के मामले भी आ चुके है सामने

केस-1: सुहेल ने एलएलबी द्वितीय वर्ष की मार्कशीट अपटेड कराने के लिए 26 मई को अप्लाई किया था, लेकिन आॅनलाइन अप्लाई करने के एक माह बाद भी उनकी मार्कशीट अपडेट होकर नहीं आई है। जिसकी वजह से वह बार-बार विवि के चक्कर लगा रहे हैं।

केस-2: बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा आरती ने मार्कशीट अपडेट करने के लिए छह मई को अप्लाई किया था, लेकिन आज तक उनकी मार्कशीट का अतापता नहीं है।

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