- डेयरी फार्म, दिल्ली रोड, घंटाघर और भूमिया पुल पर गाइड लाइन की उड़ रही धज्जियां
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए लगाए गए आंशिक कर्फ्यू लगाने का शहर में जमकर दुरुपयोग हो रहा है। शहर की तमाम सड़कों पर अस्थाई फल मंडिया खुल गई है। इन पर उमड़ रही भीड़ कोरोना को खुलेआम आमंत्रण दे रही है। हैरानी की बात यह है इन मंडियों को पुलिस का खुला सरंक्षण हासिल है।
कोरोना को लेकर आंशिक कर्फ्यू लगाने का उद्देश्य यही था कि सड़कों पर भीड़ कम लगे और संक्रमण की दर घटनी शुरु हो। शहर के तमाम बाजारों पर पुलिस का पहरा दिख रहा है लेकिन सड़कों के किनारे चल रहे स्ट्रीट मार्केट पर पुलिस का खुला सरंक्षण दिख रहा है।
मवाना रोड पर डेयरी फार्म के पास टोल के पास पचास से अधिक ठेलों का जमावड़ा हमेशा रहता है। ये ठेले कसेरुखेडा रोड से लेकर नाले तक बेरोकटोक खड़े रहते है। इनके सामने से पुलिस अधिकारियों से लेकर फैंटम की बाइकें दर्जनों चक्कर लगा कर गुजरती रहती है लेकिन मजाल है इनको कोई रोक पाए। पुलिस से इनकी सेटिंग साफ झलकती है।
इन ठेलों पर हमेशा भीड़ लगी रहती है। तरबूज, खरबूजा, आम, लीची और सेब बेच रहे ये ठेले सिर्फ मवाना रोड पर ही नहीं है। दिल्ली रोड पर बहादुर मोटर्स से लेकर मंडी के सामने तक दिन भर ठेले खुलेआम गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे है।
शाम के समय फैंटम पर तैनात पुलिसकर्मी इन ठेले वालों को हड़का कर उनके तराजू आदि उठाने की धमकी देते हैं और पैसा न देने पर मनचाहे फल लेकर चले जाते हैं। रविवार को आधा दर्जन ठेलों से पुलिसकर्मी तराजू और बाट लेकर चले गए थे, इसको लेकर काफी देर तक बवाल हुआ था।
जब एसओ की गाड़ी आई और ठेले वालों को हड़काया तो ठेले पास की गलियों में चले गए और अस्थाई मंडी वहां लग गई। इसी तरह घंटाघर चौराहे से लेकर वैली बाजार चौराहे तक ठेलों पर बाजार लग जाता है। एसपी सिटी और घंटाघर चौकी होने के बाद भी सड़कों पर भीड़ लगी रहती है। एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी की जा रही है। रोज चालान भी काटे जा रहे हैं लेकिन लोग बाज नहीं आ रहे है। अब इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।