- तीन माह में तीन बार अलग-अलग स्थान पर तेंदुआ देखे जाने के बावजूद वन विभाग कर रहा था इनकार
- वन विभाग के अधिकारियों को दिनभर छकाया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वन विभाग बार-बार जिस तेंदुए के अस्तित्व को नकारता रहा था, आखिरकार शनिवार सुबह उसने खुद को कसेरूखेड़ा कॉलोनी में खुद को प्रकट कर दिया। इसके बाद सुबह से लेकर शाम तक तेंदुआ वन विभाग के साथ-साथ रेस्क्यू आॅपरेशन में लगी पूरी टीम और कॉलोनी के लोगों को छकाता रहा। बंटी टॉक के अनुसार कसेरूखेड़ा में तेंदुआ रात में करीब 2:30 बजे पहुंचा, और वाल्मीकि मंदिर में विश्राम किया। सुबह जब पूजा पाठ के लिए श्रद्धालु वाल्मीकि मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने तेदुएं को सोते हुए पाया।
जिसको देखते ही दहशतजदा लोगों ने सबसे पहले अपने परिवार की महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित करते हुए उन्हें घरों में ही छिपकर अंदर से दरवाजा बंद कर लेने की हिदायत दी। जिसके बाद मोहल्ले के बंटी टॉक, सचिन, रज्जे, मुनेश, बिज्जू, अंगद, सनी, अमित कुमार, पिंटू समेत काफी संख्या में बस्ती के लोग उसके पीछे लाठी लेकर चले और पास पड़ोस के लोगों को मदद के लिए पुकारा। इस बीच तेंदुआ आगे बढ़ता हुआ शिव कुमार एलआईसी वाले के मकान, खन्ना मेडिकल स्टोर वाले के मकान, मस्जिद छोटी ऊंचा मोहल्ला होते हुए आशीष शर्मा पुत्र रवि शर्मा के मकान में पहुंचा।
जहां मकान की छत टूटी हुई थी वह मकान के अंदर गिर गया, लेकिन वहीं से जंप मारकर फिर ऊपर आया, और संजीव भंडारी उर्फ बब्बे की छत से होता हुआ निरंजन सिंह के मकान में बनाए गए सीमेंटिड चादर डालकर बनाए गए शेड में खड़ी निरंजन सिंह की कार के पीछे जाकर छिप गया। इस बीच वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई, जिसने लोगों के सहयोग से तेंदुए को घेरने के लिए जाल लगाया। इसके बाद मौके पर वन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस और पशु पालन विभाग के अधिकारियों की टीम भी मौके पर पहुंचना शुरू हो गई।
देखते ही देखते ऊंचा मोहल्ला स्थित निरंजन सिंह के मकान के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए। आसपास के घरों की छत पर भी लोग तेंदुए को देखने के लिए चढ़ गए। डीएफओ राजेश कुमार और एसडीओ अंशु चावला के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों और स्टाफ के लोगों ने पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए तेंदुए को रेस्क्यू करने की योजना बनाने और उस पर अमल करना शुरू कर दिया। कार की आड़ में छिपे तेंदुए को बाहर लाने के लिए पटाखे मंगाकर कई धमाके भी किए गए। लेकिन वह टस से मस न हुआ, और दिखाई देना भी बंद हो गया।
अधिकारियों ने उसे बाहर लाने के लिए मुर्गे का भी सहारा लिया, लेकिन तेंदुए तो जैसे सभी को छकाने की छान रखी थी, उसे बाहर न आना था, न आया। इस दौरान वन्य जीव विशेषज्ञ डा. आरके सिंह अपनी टीम के साथ नजीबाबाद से दोपहर बाद मौके पर पहुंच गए, और तेंदुए के बाहर निकलते ही उसको गन के जरिये बेहोशी के इंजेक्शन देने की तैयारी शुरू कर दी। डीएफओ राजेश कुमार ने सीमेंटिड चादरे कटवाने के लिए कटर मशीन मंगाई। साथ ही निरंजन सिंह के मकान के पीछे स्थित आशीष शर्मा के मकान की भीतरी दीवार तोड़ने के लिए भी परिजनों को रजामंद किया।
इसके लिए वन विभाग की टीम ने बंद कमरे का दरवाजा भी तोड़ लिया। लेकिन पुराने मकान की काफी मोटी दीवारों को तोड़ना एक दुष्कर कार्य मानते हुए यह इरादा त्याग दिया गया। इसके बाद शेड की चादर को काटकर वन विभाग के कर्मियों ने बांस के सहारे तेंदुए को हिलाया डुलाया। साथ ही उस पर पानी की बौछार करते हुए आखिरकर उसे करीब सात घंटे बाद शाम करीब छह बजे अपनी जगह से उठने के लिए विवश कर दिया।
जाल पर तेंदुए ने तीन बार किया हमला
कार की आड़ से निकलकर शाम छह बजे जब तेंदुआ बाहर निकला, तो वह बेहद गुस्से में था। उसने तीन बार जाल पर हमला करते हुए निकलकर भागने का प्रयास किया। लेकिन डा. आरके सिंह ने उसे बेहोश करने के लिए गन के जरिये इंजेक्शन लगाने का जो जाल बिछाया था, उसको भेदना तेंदुए के बस से बाहर साबित हुआ।
दो इंजेक्शन लगने के बाद बेहोश हुआ तेंदुआ
जिस समय तेंदुए ने जाल पर हमला करके जाल से बाहर निकलने का प्रयास किया, पहले से ही तैयार वन्य जीव विशेषज्ञ डा. आरके सिंह ने एक के एक करके दो शॉट उस पर चलाए। दोनों ही निशाने पर लगने के चलते तेंदुआ देखते ही देखते बेहोशी के आलम में चला गया। जिसे उठाकर वन विभाग के पिंजरे में डालकर उपचार के लिए ले जाया गया।
तेंदुए से पहले करना पड़ा एक परिवार को रेस्क्यू
रिटायर सूबेदार निरंजन सिंह अपने दूसरे मकान में अपनी पत्नी राधा देवी और बच्चों के साथ रहते हैं। ऊंचा मोहल्ले के मकान में उनके किरायेदार रहते हैं। जिस समय तेंदुआ लोगों से घिरकर निरंजन सिंह के मकान के बाहर बने शेड में कार की आड़ लेकर दुबका, उस समय किरायेदार ललित, उसकी पत्नी अंशु, दो बच्चे मंकु व वीरा और वृद्ध महिला मौजूद थे। उन्हें इस दौरान खुद को सुरक्षित करने के लिए अंदर से दरवाजा बंद करना पड़ा। 11 बजे से कमरे में बंद इस परिवार को रेस्क्यू करने के लिए तीन बजे पीछे गली की दीवार को तोड़ना पड़ा। जिसके बाद ही परिवार को सुरक्षित निकाला जा सका। इन चार घंटों की अवधि में पूरे परिवार के लोगों की सांसें अटकी रहीं।
तेंदुए के हमले में युवक गंभीर रूप से घायल
रिटायर सूबेदार निरंजन सिंह के मकान में जिस समय तेंदुए को जाल डालकर घेरा गया, उसने जाल पकड़ने वाले युवक अंगद पर हमला कर दिया। इस हमले में अंगद के हाथ और चेहरे पर कई गंभीर घाव हो जाने के कारण उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। बताया गया है कि अंगद को नौ टांके लगाने पड़े हैं। वह रात तक अस्पताल में ही भर्ती था, जहां उसका उपचार चल रहा है।
शिवालिक में छोड़ा जाएगा तेंदुआ
डीएफओ राजेश कुमार सिंह के अनुसार रेस्क्यू किए गए नर तेंदुए को उपचार के लिए ले जाया गया है। स्वास्थ्य सामान्य होने के बाद उसे शिवालिक के वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। सुबह करीब 10 बजे छावनी क्षेत्र कसेरू खेड़ा कॉलोनी से सूचना मिली कि एक तेंदुआ कॉलोनी में देखा गया है। जिस पर तुरंत वन विभाग की रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया यह एक सदन आबादी वाला क्षेत्र है जिसके कारण बहुत ही एहतियात के साथ योजनाबद्ध तरीके से रेस्क्यू आॅपरेशन को किया गया।
वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके शर्मा, पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की मदद ली गई। यह साढ़े तीन से चार वर्ष की आयु का मेल लेपर्ड है। जिसका वजन करीब 70 किलोग्राम है। यह स्वस्थ है, जिसको ट्रेंकुलाइज करने के उपरांत रेस्क्यू किया गया है। जिसको अब शिवालिक के वन्य जंतु संरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। -राजेश कुमार, डीएफओ, मेरठ