- अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त कृते आयुक्त एवं सचिव ने डीएम को दिए दिशा निर्देश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, जिसमें आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश अनुभाग-12 लखनऊ की तरफ से सभी मंडलायुक्त, कलक्ट्रेट एवं तहसील कार्यालयों को पत्र जारी कर इस संबंध में कार्रवाई के दिशा निर्देश जारी किए हैं। जारी आदेश में स्पष्ट लिखा है कि सरकारी कार्यालयों में जो निजी कार्मिक कार्यरत हैं, उनके भ्रष्टाचार में लिप्त होने की लगातार शिकायतें आ रही हैं।
इसको देखते हुए तत्काल कार्यालयों में निजी कार्मिक से कार्य कराना बंद कर दें। यदि शासन की तरफ से जारी इन आदेशों का पालन नहीं किया गया तो संबंधित विभागों के अधिकारियों पर शासन की तरफ से कठोर कार्रवाई अमल में लाई जायेगी, जिसकी जिम्मेदारी भी संबंधित अधिकारी की होगी।
अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त कृते आयुक्त एवं सचिव अनिल कुमार यादव ने समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी को गत 19 अगस्त 2023 को पत्रांक संख्या-3163/12-एल(4)2023 पर एक पत्र जारी किया। जिसमेें उनके द्वारा प्रदेश के समस्त सरकारी विभागों में कार्यरत निजी कार्मिकों से तत्काल प्रभाव से कार्य लेना बंद कर देने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं, जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि सरकारी विभागों में जहां एक तरफ निजी कार्मिक के कार्य करने से विभाग में सरकारी जरूरी दस्तावेज लीक होने का अंदेशा बना रहता है।
वहीं, दूसरी ओर निजी कार्मिक के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की भी शासन तक शिकायत पहुंच रही है। जिसको शासन ने गंभीरता से लिया। जिसको लेकर शासन ने इस संबंध में जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया। जिसको लेकर सरकारी विभागों में जो निजी कार्मिक/प्राइवेट बाहरी व्यक्ति कार्य कर रहे हैं। उनसे तत्काल प्रभाव से कार्य लेना बंद कर दें। यदि कोई आदेश के बाद भी निजी कर्मिक से सरकारी कार्यालय में कार्य कराता है तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी।
जिस पर शासन संज्ञान लेकर अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी, जोकि शासन के इस आदेश का अनुपालन नहीं करेगा। जारी आदेश में बताया कि निजी कार्मिक जिन कार्यालयों में तैनात हैं, उनके उपर भ्रष्टाचार के आये दिन आरोप प्रत्यारोप लगते हैं। जिनकी शिकायत शासन तक बडे स्तर पर पहुंच रही है। जिसको लेकर शासन ने इस पर बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के सभी मंडायुक्त एवं जिलाधिकारी के साथ तहसील स्तर के अधिकारियों को पत्र जारी कर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
फिलहाल इस आदेश के बाद विभागों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है कि जो कई-कई वर्षों से निजी कार्मिक मलाईदार लिपिक के पदों पर कार्यरत थे। अब इस आदेश के बाद उनकी टेंशन बढ़ना तय है। यदि इस आदेश के बाद कोई अधिकारी निजी कार्मिक से कार्य कराता पाया गया तो उस पर भी शासन की तरफ से बड़ा एक्शन लिया लिया जायेगा।