Monday, February 17, 2025
- Advertisement -

हुकूम सिर माथे, मगर हुजूर तामील नहीं

  • तकनीकि कर्मचारियों से लिपिक काम कराने को बार-बार किया जा रहा है मना
  • शासन के पावर में आउटर की एंट्री पर रोक के हैं सख्त आदेश

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शासन में बैठे अफसरों का जो भी हुकूम है वो सिर माथे, लेकिन हुजूर आपका हुकूम बजाएगे नहीं। हुकूम की तामील नहीं की जाएगी, क्योंकि सरकार में बैठे अफसरों की हुकूम उदुली करने की आदत जो बन गयी है। वर्ना ऐसा क्या कारण है कि महकमे में आउटर कर्मचारियों से विभागीय काम लेने तथा तकनीकी कर्मचारियों मसलन टीजी-टू से लिपिक काम लेने की मनाही के बावजूद उनसे न केवल लिपिक काम लिया जा रहा है,

बल्कि टीजी-टू का हाथों खजाना सौंप दिया गया है। यहां तक कि रेवेन्यू बढ़ाने की अंधी दौड़ में शामिल अफसरों ने लखनऊ व डिस्कॉम एमडी की किताब में अपने नंबर बढ़ाने के लिए अवकाश वाले दिनों में जो काउंटर खोले गए थे, उनमें भी काउंटर पर बैठकर बिजली के बिल जमा करने के काम में कई जगह टीजी-टू को लगा दिया। इससे अंदाजा लगा जा सकता है कि हुजूर के हुकूम की कितनी तामीर की जा रही है।

पश्चिमांचल में आउटर की नो एंट्री को न

22 दिसंबर 2020 को तत्कालीन प्रबंध निदेशक अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने कार्यालय आदेश निकालकर हिदायत दी थी कि पश्चिमांचल डिस्काम के अंतर्गत विभागीय सेवा में सेवानिवृत्त किसी भी कर्मचारी या किसी भी बाहरी व्यक्ति से कार्यालय में कोई भी विभागीय कार्य संपादित नहीं कराया जाए। डिस्कॉम के अंतर्गत यदि किसी भी कार्यालय में उपरोक्तानुसार कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी

एवं कोई बाहरी व्यक्ति कार्य करते हुए संज्ञान में आता है तो संबंधित कार्यालय के विभागाध्यक्ष इसके लिए जिम्मेदार होंगे एवं उनके विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कठोर कार्रवाई की जाएगी। इन आदेशों का कड़ाई से पालन किए जाने की हिदायत दी गयी थी, लेकिन आदेशों का कितना पालन किया गया, यह तो जांच से ही स्पष्ट हो सकेगा।

हिदायत दर हिदायत

महकमे में तकनीकी कर्मचारियों मसलन टीजी-टू से लिपिकीय कार्य न लेने को लेकर बार-बार हिदायत दर हिदायत दी जा रही है, लेकिन अफसर हैं कि सुनने को तैयार नहीं। या फिर यह मान लिया जाए कि ऊपर के आदेश सिर के ऊपर से गुजारे जा रहे हैं। उन पर इन हिदायतों और फटकार तथा नाराजगी का कोई असर नजर नहीं आ रहा है।

16 अगस्त 2019 अगस्त को प्रबंध निदेशक पश्चिमांचल आशुतोष निरंजन ने चीफ (मुख्य अभियंता वितरण) मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, मुरादाबाद व नोएडा को भेजे में पत्र में लगातार शासन तक पहुंच रही शिकायतों का उल्लेख करते हुए कहा कहा कि विगत 7 अगस्त 2019 को हुई बैठक में अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने तकनीकि कर्मचारियों से लिपिकीय कार्य न कराए जाने की हिदायत दी है।

20 फरवरी 2020 को पश्चिमांचल विद्युज वितरण निगम मुरादाबाद जोन के चीफ इंजीनियर संजय आनंद जैन ने सभी अधीक्षण अभियंताओं को पत्र लिखकर तकनीकि कर्मियों से लिपिकीय कार्य न लिए जाने की हिदायत दी थी। 22 नवंबर 2021 को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के निदेशक एके पुरवार ने एमडी पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल क्रमश: वाराणसी, लखनऊ, मेरठ व आगरा के प्रबंध निदेशक को लिख पत्र में तकनीकि स्टाफ से लिपिकीय कार्य न लिए जाने की हिदायत दी थी।

जमीनी हकीकत हुकूमनामे से कोसों दूर

महकमे में टीजी-टू यानि तकनीकी स्टाफ से लिपिकीय कार्य न लिए जाने के भले ही बार-बार आदेश दिए जाते हों, लेकिन सच्चाई यह है कि जमीनी हकीकत शासन में बैठे अफसरों के हुकूम नामे से कोसों दूर हैं। जानकारों का दावा है कि यदि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अफसर अचानक निरीक्षण करा लें तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। मेरठ समेत पश्चिमांचल तथा प्रदेश के दूसरे तमाम डिस्काम में टीजी-टू दफ्तरों में मुंशीगिरी करते मिल जाएंगे। कुछ काउंटर पर बैठकर बिल जमा करते हुए नजर आएंगे।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

जीवन का लेखा-जोखा

चन्द्र प्रभा सूद मनुष्य को धन-वैभव जुटाने के पीछे इतना...

घर का त्याग वैराग्य नहीं है

वैराग्य का अर्थ सिर्फ़ इतना है कि आप इस...
spot_imgspot_img