Friday, May 30, 2025
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आई फ्लू के साथ एलर्जी का भी प्रकोप

  • मेडिकल और जिला अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे 350 से 400 त्वचा रोगी, बच्चों के लिए मुसीबत बनी उमस

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: उमस भरी गर्मी और हवा में मौजूद नमी की वजह से आई-फ्लू के साथ त्वचा रोग भी बढ़ने लगे है। ऐसे मरीजों की संख्या रोजाना 350 से 400 के करीब है जो मेडिकल व जिला अस्पताल की ओपडी में इलाज के लिए पहुंच रहें हैं। जबकि निजी अस्पतालों व चिकित्सकों के यहां भी आई-फ्लू व त्वचा रोगियों की कतारें लग रहीं है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है इस मौसम में बीमारियों से बचने के लिए खासतौर पर सावधानियां बरतनी चाहिए।

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गुरूवार को मेडिकल के त्वचा रोग विभाग में मरीजों की लंबी कतार लगी थी। इनमें बुजुर्ग व मासूम बच्चों की संख्या भी अच्छी-खासी थी। मेडिकल में मौजूद डाक्टरों ने बताया उमस की वजह से त्वचा रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले तीन दिनों में ही संख्या बढ़कर 350 से उपर पहुंच गई है। इन मरीजों में फंगल इन्फैक्शन, घमोरी, स्केबीज व त्वचा पर दानें निकलने के मामले अधिक है। इसके साथ ही कील-मुहांसे वाले मरीज भी इलाज के लिए पहुंच रहें है।

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त्वचा रोगियों में बुजुर्गो की संख्या 50 प्रतिशत तक है जबकि मासूम बच्चें भी इनका शिकार हो रहें है। यही हाल जिला अस्पताल का भी है, यहां भी चर्मरोग ओपीडी में भी रोजाना 50 से 60 मरीज त्वचा पर दानें, इन्फैक्शन व फंगल इन्फैक्शन से ग्रस्त होकर पहुंच रहें है। उमस व गर्मी का मौसम लगातार बीमारियां परोस रहा है। इनमें आई-फ्लू के मरीजों की संख्या भी लगातार रोजाना बढ़ रही है।

जिन लोगों को त्वचा रोग की समस्या है उनमें आई-फ्लू भी नजर आ रहा है। बताया जा रहा है ऐसा संक्रमण की वजह से हो रहा है। मेडिकल की आंखों की ओपीडी में ही आई-फ्लू के मरीजों का आंकड़ा रोजाना चार सौ के पास पहुंच चुका है जबकि जिला अस्पताल में भी करीब 60 से 70 मरीज आई-फ्लू का शिकार होकर इलाज के लिए पहुंच रहें है।

ऐसे करें बचाव

त्वचा रोग से ग्रसित लोगों को साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। गर्मी की वजह से आने वाले पसीने से शरीर की त्वचा में इन्फैक्शन होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में रोजाना दिन में कम से कम दो बार साफ पानी से नहाना चाहिए। साथ ही पानी में एंटीबायोटिक घोल मिलाकर नहाने से भी इससे बचा जा सकता है। जहां तक हो सके घर में एक दूसरे का तकिया, तौलिया व चादर आदि का प्रयोग करने से बचे।

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इन्फैक्शन होने पर खुद को भी दूसरों से अगल करने की कोशिश करे जिससे आपका इन्फैक्शन परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति तक न पहुंच सके। खाने-पीने का भी विशेष ख्याल रखें जहां तक हो सके बाहर के खाने से बचें। घर में बना ही भोजन बीमारियों से बचाव करने में सहायक होता है। वहीं तली हुई व गर्म मसाले से बनी चीजों का भी सेवन न करे इससे गर्मी के मौसम में त्वचा व आंखों की बीमारियों के फैलने का खतरा होता है।

गर्मी व उमस के मौसम में आंखों व त्वचा की बीमारियां बढ़ जाती है। इनसे बचाव के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। जहां तक हो सके धूप में जाने से बचे जरूरी हो तो आंखों व शरीर को पूरी तरह ढककर ही बाहर निकले। ऐसे स्थानों पर जाने से बचें जहां गंदगी फैली है। साथ ही आंखों में समस्या होने पर विशेषज्ञ डाक्टरों से ही जांच कराकर उनके द्वारा लिखी गई दवाई का प्रयोग करें। त्वचा रोगियों को भी सावधान रहने की जरूरत है। -डा. आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज, मेरठ।

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