नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है।सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है एकादशी हर माह में दो बार पड़ती है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, अभी भाद्रपद माह चल रहा है और इस माह में पड़ने वाली एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर को मनाया जाएगा। एकादशी पूजा के समय अगर भक्ति भाव से तुलसी चालीसा का पाठ किया जाए तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। तो आइए जानते है तुलसी चालीसा पाठ।
तुलसी चालीसा
दोहा
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी।
नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥
श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब।
जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब॥
॥ चौपाई ॥
धन्य धन्य श्री तुलसी माता।
महिमा अगम सदा श्रुति गाता॥
हरि के प्राणहु से तुम प्यारी।
हरीहीँ हेतु कीन्हो तप भारी॥
जब प्रसन्न है दर्शन दीन्ह्यो।
तब कर जोरी विनय उस कीन्ह्यो॥
हे भगवन्त कन्त मम होहू।
दीन जानी जनि छाडाहू छोहु॥
सुनी लक्ष्मी तुलसी की बानी।