नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में सभी महीनो का अपना एक खास महत्व होता है। इनमें से ही एक है पौष का महीना। हिंदू धर्म में इस महीने को पूस भी कहा जाता है। बता दें कि सनातन धर्म में 10वें महीने को पौष का महीना कहा जाता है साथ ही इसकी समाप्ति 14 जनवरी 2025 को होगी। हिंदू धर्म ग्रंथों में पौष के महीने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु, सूर्यदेव और पितरों की पूजा की जाती है। पौष माह में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। तो आइए जानते है इस महीने में किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
- पूस के महीने में सूर्य पूजा का विशेष महत्व होता है। इसलिए नियमित रूप से सूर्य पूजा करें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। मान्यता है सूर्य देव की आराधना करने से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें की जल तांबे के पात्र से ही अर्पित करें
- पौष माह में सूर्यदेव के अलावा भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस माह पूजा के दौरान गीता पाठ अवश्य करें। संभव हो तो भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने के लिए इस माह में ज्याद से ज्यादा लाल या फिर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- पौष माह में दान-दक्षिणा करना बेहद लाभदायक माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि इस माह में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़, तिल आदि का दान करें। पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान आदि भी इस दौरान शुभ माना जाता है।
- इस माह के दौरान व्रत रखना शुभ और फलदायक माना जाता है। संभव हो तो व्रत के दौरान सिर्फ फलहार ही करें और संभव हो तो इस दौरान नमक का सेवन भी कम ही करें।
- इस माह मांस मदिरा का सेवन ना करें। मान्यता है कि इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इस महीने में रविवार का व्रत रखना चाहिए। सूर्यदेव को चावल और खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए।