- सोशल मीडिया पर विभिन्न संगठन चला रहे मुहिम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अशिक्षित और सिर्फ नेतागिरी चमकाने के इरादे से चुनाव मैदान में ताल ठोंकने वाले जरा सावधान हो जाएं। यह खबर उन्हें विचलित जरुर कर सकती है। दरअसल सोशल मीडिया के सहारे शहर के लोग एक दूसरे से यह अपील कर रहे हैं कि इस बार वो ऐसे पार्षद का चुनाव करें जो उनकी कसौटियों पर खरा उतर सके।
इन सब के साथ नगर निगम चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है। हांलाकि अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि नवंबर-दिसम्बर में नगर निकाय के चुनाव सम्पन्न करा लिए जाएंगे। इसी को मद्देनजर रखते हुए जहां प्रशासनिक तैयारियां शुरु हो गर्इं हैं
वहीं आम नागरिक भी इस बार चुनावों में बढ़चढ़ कर भाग लेने की तैयारी में है। इसी को मद्देनजर रखते हुए लोग अभी से सोशल मीडिया पर एक्टिव हो रहे हैं। सोशल मीडिया का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके माध्यम से लोग एक दूसरे को अवेयर भी कर रहे हैं। इसी क्रम में मेरठ में सोशल मडिया पर इस समय लोगों ने एक मुहिम चला रखी है
जिसमें लोगों को इस बात के लिए अवेयर किया जा रहा है कि वो अब अपना पार्षद ऐसा चुने जो उनकी समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हो और उनके काम प्रमुखता से करा सके। साथ ही वो पार्षद शिक्षित भी होना चाहिए। सोशला मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज में लोगों से अपील की जा रही है कि ‘पार्षद चुनने से पहले सोचे’।
इसके बाद कुल सात प्वाइंट्स पर फोकस किया गया है। अन्त में कहा गया है कि ‘सोच समझ कर वोट करें, कहीं ऐसा न हो कि हमें पांच सल पछताना पड़े’। ‘सबकी सुनें शिक्षित एंव समझदार को चुनें’ नामक स्लोगन के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह पत्र लोगों के बीच चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्र की सात बातें –
- क्या हमारा पार्षद किसी सरकारी अफसर से बात करने के काबिल हैे
- क्या हमारा पार्षद हमें सरकारी योजनाओं का लाभ दिला सकता है
- क्या हमारा पार्षद खुद कोई फॉर्म भर सकता है
- क्या हमारा पार्षद किसी भी वक्त एक स्थाई जगह पर मिल सकता है
- क्या हमारा पार्षद हमारे बच्चों को स्कूल में मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिला सकता हैे
- क्या हमारे पार्षद की नेता लोग सुनते हैं
- समाज के व्यक्ति को देखकर नहीं योग्य व्यक्ति को देखकर वोट दें