- पुलिस के इंतजामों की खुली पोल, दिनभर घायल होते रहे लोग, पुलिस बनी रही अनजान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तमाम हिदायतों के बावजूद पतंगबाजी के शौकीन बाज नहीं आए। पतंगबाजी में चाइनीज मांझे का जमकर प्रयोग किया और बाजारों में चाइनीज मांझा बिका भी बहुत। यह हाल तो तब था जब चाइनीज मांझे को लेकर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए चाइनीज मांझे से पतंग उडाने तथा व उसको रखने व बिक्री तथा खरीद करने पर सख्ती से रोक की बात कही थी। अफसरों के ये तमाम दावे आज चाइनीज मांझ से उड़ाई जा रही पतंगों के साथ हवा में उड़ते हुए दिखाई दिए।
कार्रवाई में पुलिस निढ़ाल
चाइनीज मांझे से होने वाले हादसों को रोकने के नाम पर शुरू किया गए अभियान में पुलिस चार दिन में ही निढ़ाल हो गयी। कार्रवाई के नाम पर केवल तीन मामले दर्ज किए गए,जबकि इसके उलट यदि चाइनीज मांझे को रखने, बेचने व उससे पतंग उडाने के मामलों की बात की जाएतो इनकी संख्या बहुत ज्यादा रही। चाइनीज मांझे की बिक्री खूब हुई फर्क बस इतना रही कि चाइनीज मांझे की तजो चकरी खुलेआम डिस्पले की जाती थी
वो इस बार दूसरे मांझे की चकरियों के बीच दवा छिपा कर रखी गयी, लेकिन जिन्हें चाइनीज मांझे से पतंग उड़ानी थी उन्हें इसकी कमी नहीं खली। पतंगबाजी के शौकीनों को आसानी से शहर भर में सर्व सुलभ था और लोगों ने इसको यूज भी धड़ल्ले से किया।
जानलेवा है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझे की यदि बात की जाए तो कई हादसों में तो यह बेहद जानलेवा साबित हुआ। इसी सप्ताह माधवपुरम क्षेत्र में एक शख्स को 25 टांके लगवाने पडेÞ गए। राह से गुजरने के दौरान वह व्यक्ति चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया था। जो भी लोग इससे घायल हुए हैं
उनका कहना है कि इसकी मांझे की काट ब्लेड से भी ज्यादा जानलेवा है। यदि चाइनीज मांझे को कोई खींच रहा है और उसी दौरान चाइनीज मांझा किसी के जिस्म से लिपट जाए तो यह शरीर को काट कर रख देगा। इससे हुई तमाम घटनाओं में लोग लहूलुहान हो गए। इसके बाद भी पुलिस इसकी बिक्री नहीं रोक सकी।
चाइनीज मांझे की चपेट में आकर महिला सहित तीन घायल
दौराला: वसंत पंचमी के पर्व पर होने वाली पतंगबाजी लोगों के लिए मुसीबत बनकर सामने आई। पतंगबाजी में डोर के लिए इस्तेमाल होने वाले चाइनीज मांझे की चपेट में आकर बुधवार को एक महिला सहित तीन लोग घायल हो गए। परिजन घायलो को लेकर दौराला सीएचसी पहुंचे और उपचार दिलाया। चिकित्सकों ने घायलों को टांके लगाकर उपचार दिया। भराला निवासी राजेश बुधवार की सुबह बाइक पर सवार होकर एक शादी समारोह में जा रहा था।
थाना दौराला के सामने उसकी गर्दन पर चाइनीज मांझा उलझ गया। मांझा बाइक सवार की शर्ट का कॉलर काटकर गले में धंस गया। सीएचसी पहुंचे राकेश का चिकित्सकों ने उपचार किया। दूसरा मामला दौराला निवासी छत पर खडेÞ विशाल के साथ उस वक्त हुआ जब उसने छत से जा रहे एक मांझे को पकड़ गया। मांझा पकड़ने से उसके हाथ की तीन अंगुली कट गई। सीएचसी पर चिकित्सक ने टांके लगाकर उपचार दिया।
तीसरा वाक्य दौराला चौराहा से सीएचसी के पीछे कालोनी में जा रही महिला गुंजन पत्नी बीरपाल के साथ हुआ। महिला के थाने के सामने पहुंचने पर चाइनीज मांझा उलझ गया। जिससे महिला की आंख की भौं, नाक और चेहरा कट गया। सीएचसी पर चिकित्सक ने महिला को उपचार दिया। वही चाइनीज मांझे से घायल कई लोगों ने प्राइवेट चिकित्सक से उपचार कराया।
पतंगबाजों और पतंगसाजों के नाम रहा बुधवार
मेरठ: खिली धूप में आंखों पर चश्मा और अंगुलियों पर टेप लगाकर कभी ढील तो कभी खींच मारकर एक-दूसरे की पतंग काटकर खुशी मनाने का सिलसिला बुधवार सुबह से शाम तक चलता रहा। रंगबिरंगी पतंगों से सजे आसमान पर निगाहे गड़ाकर पतंग उड़ाने वाले पतंगसाजों ने इस दौरान डीजे पर जमकर मस्ती की।
पेच काटने की खुशी में वो काटा जैसे उद्गार छाये रहे। बच्चों, युवा, व्यस्क और बुजुर्गों ने अपने-अपने तरीके से वसंत पंचमी का त्योहार पीले वस्त्र पहनकर, सरस्वती पूजन करने और पीले पकवानों का स्वाद लेक र मनाया गया। इस दौरान दुकानों पर पतंगसाजों से पतंग खरीदने और चर्खी में मांझा भरवाने की होड़ देखने को मिली।
पीले नये वस्त्रों में सरस्वती पूजन के साथ शुरू वसंत उत्सव के लिये हर उम्रवर्ग के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। दोस्तों की छतों पर एक दिन पहले ही डीजे की तैयारी कर चुके युवाओं ने खासा उत्साह दिखाया और पतंगबाजी शुरू की तो आकाश में पतंग ही पतंग दिखाई दी। पतंगबाजी में हाथ आजमाते हुये बच्चों, युवाओं और व्यस्कों ने एक-दूसरे से जमकर टक्कर ली।
महिलाओं ने बनाये पीले पकवान
वसंतोत्सव पर गृहणियों ने पारंपरिक रूप से विभिन्न पीले पकवान, चावल, कढ़ी आदि बनाये। पकवान बनाने के साथ ही महिलाओं ने भी जमकर पंतगबाजी का आनंद लिया और परिवार संग खुशिया मनाई।
बाजार रहे गुलजार
दिनभर शहर के सभी मुख्य बाजारों खैरनगर, शाहपीर गेट, सदर, बॉबे बाजार, बेगमपुल, खंदक, घंटाघर, रेलवे रोड, लाला का बाजार, साकेत, सुभाष बाजार, सुभाषनगर आदि में खासी रौनक देखने को मिली। पतंगसाजों द्वारा बनाई गयी पतंगों और सद्दी मांझे की खासी मांग रही और चर्खी भरवाने का क्रम चलता रहा।
चाइनीज मांझे पर देशी मांझे की बढ़ी मांग
पिछले काफी समय से बाजार में पकड़ बना रहे चाइनीज मांझे को इस बार काफी हद तक दरकिनार कर दिया गया। जानलेवा और चोट पहुंचाने वाले मांझे पर देशी और सुरक्षित रूप से तैयार किये गये देशी मांझे का प्रयोग अधिक देखने को मिला। प्रशासनिक स्तर पर बाजार में चले अभियान के दौरान पकड़े गये चाइनीज मांझे के चलते लगे ज्यादातर दुकानदारों ने इससे दूरी बनाना ही उचित समझा।
खराब श्रेणी में पहुंची शहर की आबोहवा
मोदीपुरम: दूसरे दिन भी मेरठ की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। एक्यूआई 252 दर्ज किया गया है, पिछले 24 घंटे के आसपास ही एक्यूआई रहा, लेकिन हवा का खराब होने के के कारण वातावरण प्रदूषित होता जा रहा है। बुधवार को भी मौसम का मिजाज सुबह से लेकर शाम तक बदला हुआ था। दिन में धूप निकली हुई थी और सुबह के समय नमी के चलते धुंध रही, लेकिन फिर धूप के साथ मौसम बदल गया। दो दिन से मेरठ का एक्यूआई 252 के आसपास चल रहा है।
मंगलवार को 254 रहा तो बुधवार को 252 दर्ज किया गया। 200 से ऊपर एक्यूआई के बढ़ने से वातावरण प्रदूषित होता जाता रहा और प्रदूषण का स्तर खराब होने लगता है। मेरठ के अलावा बागपत में 242, गाजियाबाद में 312, मुजफ्फरनगर में 366 दर्ज किया गया। इसके अलावा जयभीमनगर में 255, गंगानगर में 241, पल्लवपुरम में 259 दर्ज किया गया है। एनसीआर मेंं सबसे ज्यादा मुजफ्फरनगर प्रदूषित रहा है। बुधवार को मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 24.9 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
जबकि अधिकतम आर्द्रता 88 व न्यूनतम 43 प्रतिशत दर्ज की गई। दिन और रात के तापमान के बढ़ने से दिन गर्म बना हुआ है और रात में भी मौसम बदल रहा है। सर्दी का असर तापमान के बढ़ने से धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि मौसम अभी ऐसे ही बना रहेगा और दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी।