- परतापुर फ्लाईओवर पर वायाडक्ट बनेगा, पिलर फाउंडेशन का कार्य होगा शुरू
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में निर्माण कार्य तेजी पर है। मेरठ साउथ और परतापुर स्टेशन को आपस में जोड़ने के लिए परतापुर फ्लाईओवर के सर्विस रोड पर वायाडक्ट बनाया जाना है, जिसके लिए इस सप्ताह में पिलर फाउंडेशन का काम शुरू हो जाएगा। मेरठ से दिल्ली की दिशा में जाने वाले इस सर्विस रोड पर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए यहां भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित करके रूट डायवर्ट किया जाएगा, हालांकि हल्के वाहनों का आवागमन यहां जारी रखा जाएगा।
एनसीआरटीसी यह कार्य स्थानीय यातायात विभाग और प्रशासन के निर्देशों व सहयोग से कर रहा है। इस निर्माण कार्य के दौरान सहयोग की अपेक्षा है और लोगो से यह अनुरोध किया जाता है की वे ट्रैफिक डायवर्जन के कारण परेशानी से बचने के लिए बताए गए वैकल्पिक रूट का प्रयोग करें। दिल्ली से मेरठ में प्रवेश करते हुए परतापुर स्टेशन मेरठ मेट्रो के लिए बनाया जा रहा है। इस स्टेशन का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। परतापुर फ्लाईओवर के बराबर में बने सर्विस रोड पर आरआरटीएस का वायाडक्ट बनाया जाना है।
फ्लाईओवर के बीच में बने अंडरपास से गगोल रोड जुड़ता है और गगोल रोड से आने वाले भारी वाहनों के लिए ही रूट डायवर्ट किया जाएगा। इस सर्विस रोड पर करीब दो माह के लिए रूट डायवर्ट रहेगा। यहां पर पिलर फाउंडेशन का कार्य पूरा होने के बाद भारी वाहनों के लिए सर्विस रोड को खोल दिया जाएगा। इस बीच गगोल रोड के ट्रैफिक को स्थानीय यातायात विभाग के सहयोग से केशव रोड पर डायवर्ट किया जाएगा, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। एनसीआरटीसी ने गगोल रोड का प्रयोग करने वाले भारी वाहन चालकों और औद्योगिक इकाइयों से अपील की है कि वे भारी वाहनों को केशव रोड से होते हुए दिल्ली-मेरठ रोड पर आवागमन करें और निर्माण कार्य में सहयोग करें।
इसके साथ ही इस सर्विस रोड का प्रयोग करने वाले हल्के वाहनों के आवागमन के लिए जगह छोड़ी जाएगी, हालांकि निर्माण कार्य के दौरान इस सर्विस रोड पर यातायात का अधिक दबाव होने की संभावना भी रहेगी, इसलिए इस रोड का प्रयोग करने वाले हल्के वाहन चालक भी परेशानी से बचने के लिए अन्य मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं। इस सर्विस रोड पर आरआरटीएस कॉरिडोर के कुल 12 पिलर बनाए जाने हैं, जिनके लिए पिलर फाउंडेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। परतापुर फ्लाईओवर से कुछ दूरी पर ही परतापुर स्टेशन का निर्माण कार्य भी जारी है।
परतापुर एक एलिवेटेड स्टेशन है, जिसे ग्राउंड, कॉनकोर्स और प्लैटफार्म लेवेल पर बनाया जा रहा है। ग्राउंड लेवल पर स्टेशन में आने और जाने के लिए प्रवेश और निकास द्वार होंगे। कॉनकोर्स लेवेल पर यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच किओस्क और टिकट काउंटर के अलावा प्लेटफार्म लेवल पर जाने के लिए एएफसी (आॅटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट की सुविधा होगी। इसके साथ ही यहां यात्री केंद्रित सुविधाएं जैसे आधुनिक सूचना डिस्प्ले बोर्ड (आॅडियो-वीडियो सहित), स्टेशन के आसपास के प्रमुख स्थान दर्शाने वाले सिस्टम मैप, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशामक प्रणाली और वॉशरूम आदि जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
इसी लेवल से यात्री सीढ़ियों, लिफ्ट या एस्कलेटर की मदद से प्लेटफार्म लेवल पर जाकर अपने गंतव्य स्थान के लिए ट्रेन ले सकते हैं। परतापुर स्टेशन लगभग 75 मीटर लंबा और 34 मीटर चौड़ा है, जिसका कॉनकोर्स लेवल भूतल से लगभग सात मीटर ऊंचा बनाया जा रहा है। यहां आरआरटीएस और एमआरटीएस ट्रेनों के लिए अलग-अलग ट्रैक बनाए जाएंगे। स्टेशन के सेंटर में आरआरटीएस ट्रेनों के लिए दो ट्रैक होंगे और किनारों पर एक-एक ट्रैक एमआरटीएस ट्रेनों के लिए होगा। इस स्टेशन पर मेरठ लोकल मेट्रो का ही स्टॉप होगा, जबकि आरआरटीएस ट्रेनें यहां से नॉन स्टॉप आगे निकाल जाएंगी।