Monday, December 23, 2024
- Advertisement -

जांच के नाम पर खेल या जोनल कर रहे साजिश

  • दो साल में 500 करोड़ की सरकारी जमीन कर डाली खुर्दबुर्द
  • कार्रवाई के नाम पर भूमाफियाओं को दे दी गयी लूट की खुली छूट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कंकरखेड़ा इलाके में प्राधिकरण के जोन-बी-3 में करीब 500 करोड़ की सीलिंग की खसरा संख्या 88 की जमीन पर अवैध कब्जों पर बजाए सीधी कार्रवाई के जांच के नाम पर प्राधिकरण प्रशासन का खेल नजर आ रहा है। सरकारी जमीन के इस बडेÞ टुकड़े का लगभग 40 फीसदी हिस्सा भूमाफियाओं ने बेच डाला है। ऐसा नहीं कि यह सब रात के अंधेरे में किया जा रहा हो। करीब 500 करोड़ की इस जमीन को खुर्दबुर्द करने का खेल दिन के उजाले में और प्राधिकरण अफसरों की आंखों में आंखें डालकर चल रहा है।

यह सर्वविदित है कि सरकारी जमीन खुर्दबुर्द की जा रही है, उसके बावजूद ऐसे मामलों में अधिकृत किए गए मेडा के जोनल अधिकारी अर्पित कृष्ण यादव सीधी कार्रवाई मसलन ध्वस्तीकरण सरीखी कार्रवाई करने के बजाए जांच-जांच खेल रहे हैं। और जांच के नाम पर केवल उन भूमाफियाओं को फ्री हैंड दे दिया गया है जो संगठित गिरोह की तर्ज पर इस खसरे की जमीन को अवैध रूप से बेच रहे हैं। करीब 10 साल पहले यह जमीन नगर निगम से प्राधिकरण को ट्रांसफर की गई थी ताकि इसका सही रखाव हो सके।

अवैध कब्जे से इसको महफूज रखा जा सके, लेकिन मेडा के अफसरों ने इस बेशकीमती जमीन पर कब्जे कराने के अलावा कोई दूसरा काम ही नहीं किया। वहीं, इस संबंध में गड्ढे की जमीन पर कब्जा कर वहां भराव कराकर अवैध निर्माण की तैयारी यदि कोई कर रहा है तो सोमवार को वहां प्राधिकरण की टीम भेजी जाएगी। पहले भी वहां कार्रवाई की गयी है। दोबारा कार्रवाई कर वहां से अवैध निर्माण हटवाए जाएंगे।

सवाल पर जांच की बात

इस जमीन पर अवैध कब्जों को लेकर जब भी मेडा के अफसरों खासतौर से अवैध कब्जों व निर्माणों को रोकने के लिए बनाए गए प्रवर्तन दल प्रभारी व मेडा के जोनल अधिकारी से सवाल किया जाता है तो वो जांच की बात कहते हैं, लेकिन शायद जोनल अधिकारी यह भूल गए हैं कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं, अवैध कब्जे कर निर्माण कर लिए गए हैं। इसमें जांच की गुंजाइश रह कहां गयी। जिस मामले में सीधी कार्रवाई की जरूरत है। वहां जोनल अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं। जांच के नाम पर भूमाफियाओं से मिलकर 500 करोड़ की आंकी जा रही सरकारी जमीन को ठिकाने लगवाने का खेल चल रहा है और कुछ नहीं।

कार्रवाई के नाम पर किसे दिया जा रहा धोखा

सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे व निर्माण के मामले में जिस कार्रवाई का दावा मेडा प्रशासन कर रहा है वहां अवैध कब्जों व निर्माणों पर सीधी कार्रवाई के बजाए प्रवर्तन दल का अमला लेकर जोनल अधिकारी ने अब तक केवल खोखे और टीन शेड हटाने से ज्यादा कुछ नहीं किया है। केवल विगत 10 जून की कार्रवाई को अपवाद माना जा सकता है। 500 करोड़ की सरकारी जमीन के यदि 40 फीसदी हिस्से पर रेस्टोरेंट, मार्केट, छोटी-छोटी फैक्ट्रियां, रिहायशी भवन बना लिए गए हैं

तो फिर जोनल अधिकारी समझाए कि उन्होंने किस प्रकार की कार्रवाई इन अवैध कब्जोें के खिलाफ की है। और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह कि इस जमीन के बडेÞ हिस्से को बीते दो साल में ज्यादा खुर्दबुर्द किया गया है। ऐसा लगता है मानों भूमाफियाओं को खुलकर खेलने का अघोषित ऐलान कर दिया गया हो।

जोनल के खेल का खुलासा

500 करोड़ की सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द होने से बचाने के लिए जनवाणी लगातार मुहिम चला रहा है। जो भी कुछ थोड़ी बहुत कार्रवाई की गई हो वो जनवाणी की मुहिम के चलते ही की गई है। इन दिनों इस सरकारी जमीन पर कब्जा कर इसके एक हिस्से में मिट्टी से भराव कराकर उसको समतल कर दिया गया है। वहां अब अवैध निर्माण शुरू कराए जाने की तैयारी है, लेकिन यह सब अवैध कब्जे रोकने की जिन जोनल अधिकारी की जिम्मेदारी है उन्हें नजर नहीं आता।

…तो यादव सिंह की तर्ज पर नामचीन होने की है अर्पित यादव की हसरत

नोएडा विकास में बतौर सीईओ रहे यादव सिंह के किस्से कौन नहीं जानता। जब भी प्रदेश के किसी प्रााधिकरण के किसी भ्रष्ट अफसर की बात की जाती है तो सबसे पहले और आखिरी मिसाल यादव सिंह की दी जाती है। यादव सिंह के भ्रष्ट कारनामों को यदि कागज पर उतारना शुरू करें तो पेन की स्याही खत्म हो जाएगी उनके भ्रष्टाचार के किस्सों की फेहरिस्त खत्म नहीं होगी। अब तो प्राधिकरण के अभियंताओं में इस बात को लेकर चर्चा होने लगी है कि बडेÞ कारनामे यादव सिंह या फिर मेडा के अर्पित यादव के।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

सेंट्रल मार्केट: जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई पर चुप्पी

सुप्रीम कोर्ट अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार आवास...

अवैध एमपीएस पर गरजेगा सेना का बुलडोजर

डीईओ नोटिस के बाद भी अभी तक मालिकाना...

हाइवे पर धूल का गुबार, आराम की चादर तान सोए अफसर

एक तरफ प्रदूषण तो दूसरी ओर धूल कर...

अफसरों से खफा हुए एडीजी ट्रैफिक, सिस्टम मिले बंद

एडीजी के निरीक्षण के दौरान आठ से 5...
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here