जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज मंगलवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों और देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर पीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्प बद्ध होना और उसका परिपूर्ण करने के लिए जी जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।
https://x.com/ANI/status/1704027837056065571?s=20
पीएम ने कहा कि मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमति हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि यह भवन और उसमें भी यह सेंट्रल हॉल, एक प्रकार से हमारी भवानाओं से भरा हुआ है। यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतर किया। उस प्रक्रिया का साक्षी यह सेंट्रल हॉल है। इसी सेंट्रल हॉल में हमारे तिरंगे, राष्ट्रगान को अपनाया गया।
इस एतिहासिक अवसरों पर आजादी के बाद अनेक अवसर आए जब दोनों सदनों के मिलकर भारत के भाग्य को गणने के लिए सहमती बनाई। 1952 में करीब 42 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में संबोधित किया है। हमारे राष्ट्रपति महोदयों द्वारा 86 बार संबोधित किया गया। दोनों सदनों ने मिलकर करीब 4000 क़ानून पास किए हैं।
https://x.com/ANI/status/1704026772550082804?s=20
उन्होंने आगे बताया कि आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा।