Friday, June 20, 2025
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G7 Summit में भाग लेने कनाडा पहुंचे PM Modi, वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं पर देंगे जोर

जनवाणी संवाददाता |

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 देशों के शिखर सम्मेलन (Summit) में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंचे। उन्होंने अपनी यात्रा की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कैलगरी पहुंचा। विभिन्न देशों के नेताओं से मुलाकात करूंगा और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को भी प्रमुखता से रखूंगा।”

भारतीय समुदाय ने किया जोरदार स्वागत

प्रधानमंत्री के कनाडा पहुंचने पर भारतीय प्रवासी समुदाय ने उनका भव्य स्वागत किया। लोग ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों के साथ तिरंगे लहराते नजर आए। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस मौके को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “विश्व मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। कनाडा में भारतीय समुदाय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से किया गया स्वागत इसका प्रमाण है।”

https://x.com/amitmalviya/status/1934852494716232056

G7 ने इस्राइल को बताया सहयोगी, ईरान को ठहराया अस्थिरता का जिम्मेदार

G7 सम्मेलन में सोमवार रात (कनाडा के समयानुसार) पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष पर भी एक अहम बयान जारी किया गया। समूह के सभी सदस्य देशों ने एकजुट होकर ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता का स्रोत बताया और इस्राइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।

बयान में कहा गया कि “क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल होनी चाहिए। ईरान द्वारा उकसावे की कार्रवाई क्षेत्रीय संतुलन के लिए खतरा बन रही है।”

ईरान-इस्राइल में बढ़ा टकराव

गौरतलब है कि 13 जून 2025 से ईरान और इस्राइल के बीच हवाई युद्ध शुरू हो चुका है। इस्राइल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं, जिनमें 9 परमाणु वैज्ञानिकों और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मौत हुई है। इसके जवाब में ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खामेनेई ने इस्राइल को “कड़ा दंड देने” की चेतावनी दी है।

इस संघर्ष की जड़ें गाजा में अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इस्राइली सैन्य अभियानों से जुड़ी हैं, जो अब तक थमे नहीं हैं। 20 महीने से जारी हमास-इस्राइल संघर्ष में अब तक 50,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

भारत की भूमिका पर टिकी निगाहें

प्रधानमंत्री मोदी की इस शिखर सम्मेलन में भागीदारी के दौरान, यह देखना अहम होगा कि वे वैश्विक दक्षिण (Global South) की प्राथमिकताओं और मध्य पूर्व संकट पर भारत की संतुलित भूमिका को कैसे प्रस्तुत करते हैं। भारत अब एक ऐसा देश बन चुका है, जिसकी विदेश नीति और वैश्विक मामलों में राय को गंभीरता से सुना जा रहा है।

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