Tuesday, July 9, 2024
- Advertisement -
HomeNational Newsदिल्ली में दशहरा पर बोले पीएम मोदी, शताब्दियों बाद मंदिर में विराजेंगे...

दिल्ली में दशहरा पर बोले पीएम मोदी, शताब्दियों बाद मंदिर में विराजेंगे श्रीराम, बताए चार मंत्र…

- Advertisement -

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: आज मंगलवार को दिल्ली में दशहरा के शुभ अवसर पर द्वारिका में श्रीरामलीला सोसायटी की 11वें भव्य श्रीरामलीला कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री पहुंचे हुए थे। कार्यक्रम में पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सर्वप्रथम श्रीराम-सीता और लक्ष्मण की आरती की।

इसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं समस्त भारतवासियों को शक्ति उपासना पर्व नवरात्रि और विजय पर्व विजयादशमी की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। विजयादशमी का ये पर्व, अन्याय पर न्याय की विजय, अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता देख पा रहे हैं। अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजा हर स्वर, पूरे विश्व को हर्षित करने वाला होगा। राम मंदिर में भगवान राम के विराजने को बस कुछ महीने बचे हैं।

हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और आईएनएस विक्रांत और तेजस का निर्माण भी जानते हैं। हम श्रीराम की मर्यादा भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। हम शक्ति पूजा का संकल्प भी जानते हैं और कोरोना में सर्वे सन्तु निरामया के मंत्र को भी जी करके दिखाते हैं।

इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर हमारी विजय को दो महीने पूरे हुए हैं। विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का भी विधान है। भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं, बल्कि उसकी रक्षा के लिए की जाती है।

हमें ध्यान रखना है कि आज रावण का दहन सिर्फ पुतले का दहन न हो। ये दहन हो हर उस विकृति का जिस कारण से समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है। ये दहन हो उन शक्तियों का जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करती हैं। ये दहन हो उन विचारों का जिनमें भारत का विकास नहीं स्वार्थ की सिद्धि निहित है।

पीएम मोदी ने बताए चार मंत्र…

विजयादशमी का पर्व सिर्फ रावण पर राम की विजय का पर्व नहीं, राष्ट्र की हर बुराई पर राष्ट्रभक्ति की विजय का पर्व बनना चाहिए। हमें समाज में बुराइयों के, भेदभाव के अंत का संकल्प लेना चाहिए।
हमें भगवान राम के विचारों का भारत बनाना है।

  1. विकसित भारत, जो आत्मनिर्भर हो।
  2. विकसित भारत, जो विश्व शांति का संदेश दे।
  3. विकसित भारत, जहां सबको अपने सपने पूरे करने का समान अधिकार हो।
  4. विकसित भारत, जहां लोगों को समृद्धि और संतुष्टि का एहसास हो।
What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments