खेलो इंडिया प्रोजेक्ट में वुशू और शूटिंग का अधिकृत सेंटर बना गॉडविन पब्लिक स्कूल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शूटिंग और वुशू में राष्ट्रीय—अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने वाला गॉडविन पब्लिक स्कूल वुशू और शूटिंग का साई सेंटर अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट खेलो इंडिया के सपनों को साकार करने जा रहा है।
खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया प्रोजेक्ट के लिये गॉडविन पब्लिक स्कूल को वुशू और शूटिंग के लिये अधिकृत सेंटर घोषित कर दिया है। साथ ही टीकरी स्थित गुरुकुल प्रभात आश्रम को तीरंदाजी और बागपत के जौहड़ी को शूटिंग के लिये घोषित किया है।
खेलो इंडिया में मेरठ का नाम जिस तरह खेल मंत्रालय ने प्रमुखता से लेते हुए वुशू और शूटिंग के लिये तय किया है उससे साबित हो गया है कि इन खेलों को लेकर मेरठ को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
वर्तमान में गॉडविन पब्लिक स्कूल में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का वुशू और शूटिंग का सेंटर चल रहा है। खेलो इंडिया का सेंटर बनने के बाद बहुत जल्द इसमें कोच की नियुक्ति कर दी जाएगी।
गॉडविन स्कूल प्रदेश का एकमात्र सेंटर है जहां कम उम्र के बच्चों को वुशू और शूटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि आगे चलकर वह एशियन गेम और ओलंपिक में पदक जीत सकें।
गौरतलब है कि गॉडविन स्कूल के निदेशक जितेन्द्र सिंह बाजवा जो खुद इंटरनेशनल शूटर हैं, उन्होंने स्कूल में शूटिंग रेंज बनाने का निर्णय लिया और 2002 में शूटिंग रेंज की स्थापना कर दी।
भारतीय वुशू संघ के सीईओ सुहैल अहमद ने बताया कि गॉडविन पब्लिक स्कूल स्थित वुशू सेंटर ने कई नामी खिलाड़ियों को दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी उचित शर्मा ने भारतीय टीम का प्रतिनधित्व करते हुए साउथ एशियन गेम्स में दो बार स्वर्ण पदक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर पदक झटका है। उचित ने कुल अंतर्राष्ट्रीय आठ पदक और 10 राष्ट्रीय पदक प्राप्त हैं।
विक्रांत ने 2017 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, संघाई कॉरपोरेशन वुशू सांडा सीनियर में सिल्वर मेडल, वर्ल्ड वुशू चैंपियनशिप संघाई में कांस्य पदक और साउथ एशियन गेम्स 2019 नेपाल में स्वर्ण पदक झटका है।
वहीं, गुरुकुल प्रभात आश्रम टीकरी के धुरंधरों ने 100 से अधिक स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। रजत और कांस्य पदक संख्या इससे कहीं अधिक है। सबसे पहले पटियाला में हुए प्रतियोगिता में आश्रम के धुरंधरों ने स्वर्ण पदक प्राप्त किए थे।
वर्ष 1997 में राष्ट्रीय खेलों में व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से गोल्ड मेडल हासिल कर आश्रम का नाम रोशन किया। आश्रम से प्रशिक्षित तीरंदाज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रहे हैं।
इनमें तीरंदाज सत्यदेव ने वर्ष 2004 में ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया, दूसरे ओलंपियन वेद कुमार हैं। हाल ही में खिलाड़ी सचिन ने चीन में हुई प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता।
टीकरी गांव स्थित गुरुकुल प्रभात आश्रम में धनुर्विद्या का अभ्यास वर्ष 1993 में शुरू किया गया। वर्ष 1992 में बार्सिलोना में हुए ओलंपिक के दौरान जब भारत का एक भी खिलाड़ी पदक नहीं लाया, तब आश्रम के स्वामी विवेकानंद सरस्वती ने अपने आश्रम में धनुर्विद्या में छात्रों को निपुण करने का निर्णय लिया। उन्होंने लकड़ी का एक धनुष मंगाकर प्रभात आश्रम में पढ़ रहे छात्रों को तीरंदाजी का प्रशिक्षण देना शुरू किया था।
”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट खेलों इंडिया को देखते हुए जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने और खेल पारिस्थितिकी तंत्र में उनके लिए आय का एक निरंतर स्रोत सुनिश्चित करने के लिए खेल मंत्रालय ने बड़ा ही अहम् फैसला लिया है। इसके तहत खेलो इंडिया में गॉडविन पब्लिक स्कूल को वुशू और निशानेबाजी का सेंटर घोषित किया है। ”
-भूपेन्द्र सिंह बाजवा, अध्यक्ष वुशू एसोसिएशन आफ इंडिया
”स्कूल की इनडोर शूटिंग रेंज पूरे देश में सबसे बड़ी है। इसमें एयर वेपन के 80 टारगेट हैं। खेलो इंडिया का सेंटर बनने से पूरे प्रदेश में मेरठ का नाम वुशू और शूटिंग में चमक जाएगा। ”
-जितेन्द्र सिंह बाजवा, महासचिव भारतीय वुशू संघ
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Goodwin group ki unchi chhalang
शानदार
जय जनवाणी
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