- जनवाणी ने एक दिन पहले किया था खुलासा
- छह महीने से पुलिस हाथ पर हाथ धर कर बैठी थी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शास्त्रीनगर एल ब्लॉक में घर के सामने हुई नगर निगम पार्षद जुबैर की हत्या में पुलिस पूरी तरह से फेल हो गई। पुलिस छह माह में कुर्की की कार्रवाई तक नहीं कर पाई और तीनों हत्यारोपी पुलिस की आंख में धूल झोंककर अदालत में सरेंडर कर जेल चले गए।
छह महीने पहले हुई पार्षद जुबैर की हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल के खोखे निवाड़ी फोरेंसिक लैब में भेजे गए थे। लैब में कारतूसों की जांच बदल गई है। इससे पुलिस को झटका लगा था। पार्षद जुबैर अंसारी की हत्या में नामजद किये गए हाजी फतेहाब, नदीम और जब्बार ने बुधवार को सीजेएम की कोर्ट में सरेंडर कर दिया जहां से अदालत ने तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
शास्त्रीनगर में एल ब्लॉक में संतोष नर्सिंग होम के पास पार्षद जुबैर अंसारी का मकान है। वैसे पार्षद ढबाई नगर में परिवार के साथ रहता था। 28 अगस्त को सुबह साढ़े 10 बजे के करीब जुबैर स्कार्पियो से ढबाई नगर से आया था। उसे घर में गाड़ी खड़ी करके स्कूटी से जाना था। जुबैर के साथ उसका पार्टनर सादिक भी था। जैसे ही जुबैर स्कार्पियो खड़ी करके उतरा तभी एक बदमाश में मुंह में कपड़ा बांध कर आया और उसने पिस्टल निकाल कर फायरिंग कर दी।
जुबैर को जैसे ही गोली लगी वो भागा तभी शूटर ने दो गोली और मार दी। इस मामले में हाजी फतेहआब, जब्बार और नदीम पर शक की सुई गहराई गई थी। इस पूरे मामले में पुलिस को एक अहम् पहलू हाथ लग गया था। जुबैर की जिस पिस्टल से हत्या की गई थी, उसी तरह की पिस्टल से एक साल पहले भी जमीन को लेकर हत्या हुई थी। यही जुबैर हत्याकांड के आरोपी हाजी फतेहआब के बेटे सालिम ने भी उसी बोर की पिस्टल से सुसाइड किया था।
पुलिस इसकी फोरेंसिक रिपोर्ट को लेकर उत्साही थी। निवाड़ी स्थित लैब में इसे जांच के लिये भेजा गया था। सूत्रों ने बताया कि उस लैब में खेल हो गया और एक ही तरह की पिस्टल से निकली गोलियों का मिलान नहीं हो पाया। वहीं, पुलिस छह महीने से अदालत से आरोपियों के घर की कुर्की के आदेश मांग रही थी। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने जुबैर हत्याकांड को लेकर इंस्पेक्टर मेडिकल से इस संबंध में गहनता से बातचीत की और मुलजिमों को पकड़ने के निर्देश दिए थे। पुलिस जब तक कुछ करती हत्या के आरोपियों ने सरेंडर कर दिया।