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पीड़ित के परिजनों ने पुलिस पर लगाये संगीन आरोप
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उच्चाधिकारियों से मिलकर निर्दोष को रिहा कराये जाने की मांग
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: भोपा पुलिस का एक हैरतअंगेज कारनामा सामना आया है। भोपा पुलिस ने वारंटी को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बजाए उसके हमनाम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इतना ही नहीं पुलिस ने युवक से अवैध हथियार बरामद होने का दावा करते हुए उसके खिलाफ आम्र्स एक्ट का मुकदमा भी दर्ज कर दिया है। पीड़ित के परिजनों ने इस मामले में भोपा पुलिस के खिलाफ कार्रवाई किये जाने तथा निर्दोष को जेल से रिहा किये जाने की मांग की है। पीड़ित परिजनों ने न केवल पुलिस के उच्चाधिकारियों, बल्कि मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजकर गुहार लगायी है।
मेरठ जनपद के ग्राम मोडखुर्द थाना बहसूमा जिला मेरठ निवासी सलमा पत्नी साबिर ने मुख्यमंत्री व एसएसपी मुजफ्फरनगर से की गयी शिकायत में बताया कि उसके पति साबिर को भोपा थाना पुलिस साबिर पुत्र भीम बंगाली निवासी खानाबदोस के स्थान पर घर से उठाकर ले गयी और वाद सं0 3895/9 सन 2009, मुकदमा अपराध संख्या 59 सन 2009 धारा 147, 148, 149, 302,306 आई०पी०सी० थाना भोपा में वारन्ट पर जेल भेज दिया है।
इतना ही नहीं भोपा थाना पुलिस ने उसके पति के खिलाफ आम्र्स एक्ट का एक झूठा मुकदमा भी दर्ज कर दिया है। आरोप है कि भोपा थाना पुलिस ने अपना गुड़वर्क दिखाने के लिए यह कदम उठाया है। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति के विरूद्ध इससे पूर्व कोई भी मुकदमा किसी भी थाने पर दर्ज नही है न ही वह किसी भी मुकदमे में कभी जेल गया है न ही उसका पति खानाबदोस है। उसका पति ग्राम मोड खुर्द थाना बहसूमा जिला मेरठ का मूल निवासी है और मुस्लिम समाज से तआल्लुक रखता है।
क्या है पूरा मामला
2009 में भोपा थाना पुलिस ने साबिर पुत्र भीम, शौकत पुत्र भीम आदि के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302,306 आई०पी०सी० के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र थाने में दाखिल किया था, जिसमें आरोपियों की जमानत हो गयी थी। जमानत के बाद से ही आरोपी फरार चल रहे हैं, जिसके चलते कोर्ट ने आरोपियों के वारंट जारी किये हुए हैं।
शौकत व साबित को गिरफ्तार करते समय उनका धर्म हिन्दू दर्शाया गया था, परन्तु उनके नाम मुस्लिमों से मिले-जुले होने के कारण भोपा पुलिस को गलत फहमी हो गयी। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये आरोपी खाना बदोश थे और बहसुमा में रहते थे, जबकि उनका धर्म भी हिन्दू ही था।
आरोपियों के वारंट होने पर जब भोपा पुलिस आरोपियों की तलाश में बहसुमा पहुंची, तो उन्हें साबिर पुत्र भीम तो नहीं मिला, बल्कि साबिर पुत्र मुनफैत मिल गया। पुलिस ने साबिर को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेजते समय उसके पिता के नाम पर मुनफैत उर्फ भीम लिख दिया। पुलिस द्वारा जेल भेजा गया युवक साबिर का धर्म इस्लाम है।
वारंटी का धर्म हिन्दू है, जबकि जेल भेजा गया मुस्लिम
पुलिस ने गुड़वर्क के चक्कर में जिस साबिर को जेल भेजा है उसका धर्म इस्लाम है, जबकि जिसे जेल भेजना था वह हिन्दू धर्म से था। जेल भेजे गये साबिर की पत्नी ने अधिकारियों को दिये शिकायती पत्र में बताया कि थाना भोपा की पुलिस ने बिना जांच पडताल के अभियुक्त साबिर पुत्र शरीफ उर्फ भीम बंगाली निवासी खानाबदोस हाल निवासी ग्राम मोरना थाना भौपा जिला मुजफफरनगर के स्थान पर उसके पति साबिर पुत्र मुनफैत को जेल भेज दिया है।
उसने बताया कि उसके पति ने कभी भी हिन्दू धर्म ग्रहण नही किया है। पीड़िता ने अपने पति के भारत निर्वाचन आयोग का पहचान पत्र तथा हाल में बना दूसरा भारत आयोग का पहचान पत्र तथा आधार कार्ड व पैन कार्ड तथा भारत निर्वाचन आयोग की वोटर आई०डी० कार्ड पात्रता सूची का पूर्ण विवरण तथा कार्यालय तहसीलदार मवाना मेरठ का मूल निवास प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र तथा विधानसभा क्षेत्र 45 हस्तिनापुर उ०प्र० की निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची संलग्न किया है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
भोपा थाना के प्रभारी निरीक्षक सुशील सैनी ने बताया कि उनके थाने से साबिर को जेल भेजा गया है, जिसके वारंट जारी हुए थे। जो भी आरोप लगाये जा रहे हैं वह निराधार है।
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