Friday, May 16, 2025
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पुलिस की गुंडागर्दी, टोल प्लाजा के बाउंसरों को पीटा

  • एसएसपी ने बैठाई जांच, टोल कर्मियों ने मांगी माफी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: खाकी वर्दी का रौब दिखाकर टोल पार करना एक बवाल का कारण बन गया। जानी थाना क्षेत्र के एक मर्डर के मामले में दबिश देने गई एसओजी की टीम जब लौटते समय कांशी टोल प्लाजा पर पहुंची तो टोलकर्मियों ने पैसा देने को को कहा। इस पर विवाद शुरु हो गया। आरोप है कि पुलिस की टीम के एक सिपाही ने टोल कर्मी से बहस के दौरान पीट दिया। बात बढ़ी और टोल कर्मी ने भी गाली गलौज शुरु कर दी। हंगामा बढ़ने पर टोल कर्मियों ने भले माफी मांग ली लेकिन एसएसपी तक अपना दर्द जरुर पहुंचा दिया।

काशी टोल प्लाजा पर सोमवार दोपहर को एसओजी टीम की गुंडागर्दी सामने आई। बताया गया कि मेरठ एसओजी टीम दिल्ली से रविवार रात यूपी 70 एजी 3534 गाड़ी में सवार होकर मेरठ आ रही थी। घटना रात करीब 12.50 बजे का है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बैरियर तोड़कर गाड़ी टोल से आगे निकल रही थी।

तभी टोल पर मौजूद बाउंसरों ने गाड़ी को रोक लिया। इसी बीच गाड़ी में सवार सादी वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी बाहर निकल आए। उन्होंने बाउंसरों के साथ मारपीट कर दी। उसके बाद सभी वहां से बिना टोल दिए निकल गए। टीम में शामिल एसओजी के एक सिपाही ने टोल कर्मी पर पिस्टल तान दी। इतना ही नहीं टोल कर्मियों के साथ मारपीट भी की गई। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

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परतापुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। मामले में एसएसपी प्रभाकर चौधरी से शिकायत की गई है। एसएसपी ने इस मामले की जांच एसपी क्राइम अनित कुमार को सौंपी है। टोल पार करने वाली गाड़ी में एसआइ धर्मेंद्र शर्मा, हेडकांस्टेबल तरुण यादव, रवि चौधरी, कांस्टेबल कुर्बान और जितेश कुमार मौजूद थे। एसपी क्राइम ने बताया कि एसओजी की टीम ने टोलकर्मियों को परिचय दिया था।

इसके बाद बैरियर खोल दिया गया था तभी एक कर्मचारी ने आकर बैरियर गिरा दिया। इस पर जब बहस हुई तो कर्मचारी ने सिपाही को गाली दे दी। इस पर कर्मचारी के साथ बाउंसरों के साथ मारपीट हुई। बाद में टोलकर्मियों ने गलती के लिये माफी मांगी। बताया कि किसी पुलिसकर्मी ने इसकी वीडियो वायरल कर दी। इस मामले की जानकारी एसएसपी को दे दी गई है।

वहीं एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि टोल प्लाजा एसओजी टीम के साथ कहासुनी का एक वीडियो सामने आया है। इस पूरे प्रकरण की जांच एसपी क्राइम को दी गई है। जांच में सामने आया कि टोल वाले सरकारी गाड़ी का टोल मांग रहे थे, इसलिए कहासुनी हुई है। वैसे नियमानुसार सरकारी गाड़ी का टोल नहीं लिया जाता है।

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