- नहीं बरती सावधानी तो होंगे गंभीर परिणाम
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: जिस तरह से उमस के साथ तापमान बढ़ रहा है। उसी तरह धीरे-धीरे मेरठ के प्रदूषण में भी इजाफा हो रहा है। हालांकि मेरठ का प्रदूषण बेहद साफ सुधरा था, लेकिन पिछले चार दिनों में स्थिति धीरे-धीरे फिर से भयानक होती जा रही है। क्योंकि जिस तरह गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। उसी तरह प्रदूषण के स्तर में भी अच्छा खासा इजाफा देखने को मिल रहा है।
ऐसे में मेरठ के प्रदूषण की रोकथाम करने के लिए बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि प्रदूषण विभाग के अ लावा जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा। अगर समय रहते इसके प्रति सावधानी नहीं बरती गई तो अक्टूबर, नवंबर के महीने में तो प्रदूषण के हालात बेकाबू हो जाएंगे। मेरठ में प्रदूषण का स्तर 100 से भी कम चल रहा था, लेकिन एकाएक इजाफा होना चिंता का विषय बना हुआ है।
क्योंकि इस समय मौजूदा हालात देखे जाए तो प्रदूषण की स्थिति 162 है। जबकि मेरठ के जिन स्थानों पर प्रदूषण विभाग द्वारा इक्यूमेंट लगा रखे हैं। अगर उन्हे देखा जाए तो हालात बेकाबू हो जाएंगे। इस समय पल्लवपुरम में प्रदूषण का स्तर 142 गंगानगर में 215 और जयभीमनगर में 121 है। गंगानगर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। जो चिंताजनक है। इसलिए प्रदूषण की रोकथाम करने के लिए जागरूक होना होगा और आगे आकर इस ओर काम करना होगा।
हालांकि एनजीटी द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेप सिस्टम लागू किया गया था, लेकिन यह सिस्टम भी धड़ाम हो गया। सिस्टम में प्रदूषण विभाग के अलावा 32 विभागों को शामिल किया गया था। जिसमें केवल प्रदूषण विभाग द्वारा काम किया गया। अन्य विभागों द्वारा रुचि नहीं ली गई।
जिसके यह सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। अब अक्टूबर और नवंबर के महीने में चीनी मिल, कोल्हू और भट्ठे चालू होंगे। इससे भी प्रदूषण बढ़ेगा। ऐसे में अभी से अगर सावधानी बरतनी शुरू कर दी जाए तो आने वाले समय में परेशानी नहीं होगी।
शहरों में प्रदूषण का स्तर
मेरठ 162
मुजफ्फरनगर 144
गाजियाबाद 146
नोएडा 144
हापुड़ 125
बागपत 125
इन स्थानों का प्रदूषण स्तर
पल्लवपुरम 142
गंगानगर 215
जयभीमनगर 121
ट्विन टावर: हवा की चाल तय करेगी वेस्ट यूपी में प्रदूषण का स्तर
मेरठ: नोएडा के ट्विन टावर धवस्तीकरण के बाद वेस्ट यूपी के कुछ शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसी के मद्देनजर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी फौरन हरकत में आ गया और उसने प्रदूषण के कणों पर पल पल की नजर रखने के भी पूरे बंदोबस्त किए हैं। बोर्ड के अधिकारियों ने हालांकि यह साफ कर दिया है कि नोएडा से उठे प्रदूषण का असर वेस्ट के विभिन्न शहरों में हवा की चाल पर निर्भर करेगा लेकिन उसने यह आशंका भी व्यक्त की है कि इस प्रदूषण की मार बुलंदशहर तक होगी।
हालांकि मेरठ प्रदूषण का असर न के बराबर ही रहने की उम्मीद है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार पिछले दो तीन दिनों से हवा का रुख उत्तर पश्चिम की ओर है। बोर्ड के अधिकारी यह भी बताते हैं कि वायुमंडल में मलबे से उड़ने वाली धूल व मिट्टी का असर बुलंदशहर तक असर डालेगा। बोर्ड के अधिकारी यह भी जोड़ते हैं कि हालांकि यह सब हवा की रुख पर भी निर्भर करेगा।
अधिकारियों के अनुसार नोएडा से उठा यह प्रदूषण वातावरण की ऊपरी सतह पर अधिक रहने की उम्मीद है। प्रदूषण के कणों पर एक एक पल की नजर रखने के लिए बोर्ड ने नोएडा में कुछ छह स्थानों पर मैनुअल एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटिरिंग स्टेशन तैयार किए हैं। इन्ही में वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।