- बड़ा सवाल: डफरिन को नहीं एक दर्जन डाक्टर भी मयस्सर, कैसे हो मरीजों का बेहतर इलाज?
- 16 की जगह केवल दो चिकित्सक ही संभाल रही स्त्री रोग विभाग का जिम्मा
- महिला अस्पताल में डाक्टरों के 42 पद हैं सृजित पर आधी आबादी को मिले 10
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सरकार सूबे में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने का लाख दम भरती रहे, मगर इन सरकारी दावों की धरातल पर हकीकत फसानों के सिवा कुछ नहीं है। जिन सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का ढिढ़ोरा लखनऊ में बैठकर सरकारी अमले द्वारा पीटा जाता है, उनका जमीन पर हाल-बेहाल है। अस्पताल में दूसरी सुविधाएं तो दूर डाक्टरों तक की उलब्धता नहीं हैं। ऐसे में कैसे मरीजों द्वारा बेहतर इलाज पाने की कल्पना की जा सकती है?
जिला महिला चिकित्सालय में सुविधाओं को लेकर अगर बात करें तो यहां हालात बद से बदतर है। अस्पताल की दुर्दशा डाक्टरों की तैनाती के मामले में बेहद खराब है। यहां की स्थिति यह है कि स्त्री रोग विभाग में 16 डाक्टरों की जगह मात्र दो चिकित्सक पूरे विभाग का जिम्मा संभाल रही हैं।
दूसरी सुविधाएं तो दूर जरुरत के हिसाब से आधा आबादी को अस्पताल मेें डाक्टर तक मयस्सर नहीं हैं। जबकि यहां डाक्टरों के कुल 42 पद सृजित हैं, मगर शासन की ओर से केवल दस चिकित्सकों की तैनाती ही की गई है। बात दें कि, मेरठ 40 लाख से अधिक की आबादी वाला मंडल मुख्यायल का जनपद है और यहां आधा आबादी करीब-करीब कुल जनसंख्या की आधी ही है।
20 फीसदी डाक्टर ही अस्पताल में तैनात
जिला महिला अस्पताल में चिकित्सकों के कुल सृजित पदों के सापक्षे केवल 20 फीसदी डाक्टर ही वर्तमान में तैनाती हैं। यानी 80 प्रतिशत डाक्टर के पदों को उनके आने का इंतजार है। बड़ी संख्या में खाली पड़े पदों के भरने की हाल-फिलहाल में कोई सूरत दिखाई भी नहीं दे रही है। आवश्यकता के हिसाब से डाक्टर तक का मयस्सर नहीं होना शहर के लिए बड़ी चिंता का सबब है, मगर सरकार की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। यह हाल तब है जब डाक्टरों के खाली पड़े पदों को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने चिंता जाहिर की है और इस पर यूपी सरकार को फटकार लगाई है।
इमरजेंसी में भी चिकित्सकों की किल्लत
महिला अस्पताल की आपातकालीन सेवा के लिए भी पर्याप्त डाक्टर नहीं हैं। यहां ईएमओ के चार पदों में से केवल दो पद ही डाक्टरों के भरे हुए हैं। इमरजेंसी और स्त्री रोग विभाग के अलावा बाल रोग विभाग, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी व त्वचा रोग विभाग में भी जरुरत के हिसाब से चिकित्सक नहीं हैं। वहीं स्त्री रोग विभाग में एक लेबल-1 और एक लेबल-2 के डाक्टर की तैनाती की गई है।
शासन को चिकित्सकों की कमी के बारे में कई बार बताया गया है। शासन स्तर से कहा गया है कि मेरठ मंडल मुख्यालय का जनपद है और उसके हिसाब से डाक्टर कम हैं। आवश्यकता को देखते हुए शीघ्र ही और डाक्टरों की यहां तैनाती की जाएगी। उम्मीद है चुनाव के बाद अस्पताल को और डाक्टर मिलेंगे।
-डा. सुमन सिरोही, कार्यवाहक प्रमुख अधीक्षिका, जिला महिला चिकित्सालय