- विशेष एससीएसटी कोर्ट ने पुलिस एफआर की निरस्त, मृतक के भाई ने डाली थी याचिका
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में कोर्ट ने तीन साल पहले हुई लखान के पोपिन की रहस्यमई मौत के मामले में FR खारिज करते हुए पुनः विवेचना के आदेश जारी किए हैं। इस मामले में पुलिस ने हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। जिसके बाद साक्ष्य न मिलने की बात कहते हुए क्लोजिंग रिपोर्ट लगा दी थी। मृतक के भाई ने पुलिस एफआर के विरुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
थाना तिताबी क्षेत्र के गांव लखान निवासी योगेश ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका भाई पोपिन गांव के टीटू उर्फ नरेश पुत्र सतपाल के घर पर नौकरी करता था। उन्होंने बताया कि पोपिन को 11 मार्च 2019 के दिन टीटू उर्फ नरेश एक अन्य के साथ आकर उसके खेत में काम कराने के लिए अपने साथ ले गया था। उन्हें जाते हुए पॉपीन की पत्नी सोनिया ने भी देखा था। एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि रात में पोपिन नहीं लौटा तो सुबह उसकी तलाश हुई। जानकारी मिली की गांव में ट्यूबेल पर पोपीन का शव पड़ा है।
इस मामले में योगेश ने टीटू उर्फ नरेश पुत्र सतपाल के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि पॉपीन के टीटू उर्फ नरेश पर मजदूरी के 80 हज़ार निकलते थे। जिसके मांगने पर नरेश ने पोपीन को जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में पुलिस ने टीटू उर्फ नरेश के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
घटना के मुकदमे की विवेचना कर पुलिस ने कोर्ट में क्लोजिंग रिपोर्ट लगाते हुए हत्या के मामले में किसी भी प्रकार का साक्ष्य ने मिलने की बात कही थी। विवेचक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि संभव है शराब के नशे में पानी के हौद में गिरकर पोपीन की मौत हुई। विशेष एससीएसटी कोर्ट के जज रजनीश कुमार ने सुनवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना तिताबी को मामले की पुनः विवेचना करने का आदेश दिया है।