Friday, May 9, 2025
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युवा देश की संभावना और चुनौतियां

Samvad 52

RAMESHWAR MISHRAआज समय बदल रहा है। बढ़ती अर्थव्यवस्था और विकसित राष्ट्र बनने की होड़ में विश्व के समस्त देश क्रियाशील है। जो देश विकसित है, वह अपने को विश्व के समक्ष सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की होड़ में है। ऐसे में सन 2023 में भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनकर उभरा। यूएनएफपीए की स्टेट आॅफ वर्ल्ड पापुलेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार भारत की जनसंख्या 1428.6 मिलियन पहुंच गई है, जो चीन की जनसंख्या से 29 लाख अधिक थी।

इसी के साथ ही साथ भारत विश्व की सबसे युवा आबादी वाला देश भी बन गया। युवा राष्ट्र का गौरव प्राप्त करना भारतीय राष्ट्र के लिए एक गौरव एवं अर्थव्यवस्था के सतत विकास के लिए वरदान है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा युवा कल्याण और कौशल को विकसित करने के लिए जोर दिया जाता है, संपूर्ण राष्ट्र के विकास और विकसित भारत का लक्ष्य 2047 को चुना गया है।

आज भारत में 25 प्रतिशत जनसंख्या 14 वर्ष आयु की है, 18 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 19 वर्ष आयु की है तथा 26 प्रतिशत जनसंख्या 10 से 24 आयु वर्ष की है। युवा होने के लिए कोई निश्चित परिभाषा वैश्विक स्तर पर नहीं है, भारत ने युवा राष्ट्रीय नीति 2014 के द्वारा युवाओं के लिए 15 से 29 वर्ष की आयु सीमा निश्चित की है।

आंकड़ों के अनुसार भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे युवा राज्य हैं। युवा किसी भी देश के विकास की धुरी होता है, जो देश युवा शक्ति संपन्नता से युक्त हो उसके विकास को रोका नहीं जा सकता है। युवा होना एक बदलाव को इंगित करता है, युवा एक नई सोच को रेखांकित करता है, युवा एक नई गति को बतलाता है, युवा एक सकारात्मक सोच को प्रदर्शित करता है, युवा एक संचार की शक्ति को दशार्ता है, युवा बदलाव को दशार्ता है, युवाओं को लेकर स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि जिसके हाथों में शक्ति है, पैरों में गति है, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं, वह युवा है।

आज भारत के पास एक युवा शक्ति है जो राष्ट्र निर्माण का साधन और साध्य दोनों है। एक युवा राष्ट्र होने के चलते भारत के पास अनेक संभावनाएं एवं चुनौतियां दोनों ही विद्यमान है। विवेकानंद जी ने कहा था मेरी भविष्य की उम्मीद चरित्रवान बुद्धिमान दूसरों की सेवा के लिए सब कुछ त्यागने वाले, आज्ञाकारी, स्वयं के प्रति और समूचे राष्ट्र के नेक युवाओं से है।

युवा राष्ट्र होने पर देश आज तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बन सकता है और प्रधानमंत्री जी के विजन 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकता है। यह संभावनाएं भारत के सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ माध्यम बन सकती है। आज विश्व 24वां अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मना रहा है, अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरूआत सर्वप्रथम सन 2000 में की गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा युवाओं के विकास को प्राप्त करने के लिए हर साल एक निश्चित लक्ष्य रखा जाता है, इस बार संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अंतर्गत जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसकी टैगलाइन ह्यक्लिक से प्रगति तक: सतत विकास के लिए युवा डिजिटल रास्तेह्ण है। राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बदलाव की आवश्यकता है यह तभी हो सकता है जब हम युवाओं को प्रशिक्षित करें और उनके साथ समान रूप से काम करें।

भारत संभावनाओं और संपन्न संसाधनों वाला देश है यहां पर विकास करने की अपार संभावनाएं विद्यमान है, युवा शक्ति वाले इस राष्ट्र को सही दिशा में अपनी ऊर्जा शक्ति को लगाकर राष्ट्र के विकास के प्रतिमान को स्थापित किया जा सकता है। युवा शक्ति से संपन्न भारतीय राष्ट्र सैन्य शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बन सकता है। युवा शक्ति से संपन्न राष्ट्र होना जितने उल्लास एवं उत्साह का विषय है उतने ही युवा शक्ति का सही दिशा में न कार्य करना एक गंभीर चिंता का विषय भी बन सकता है। युवा शक्ति संपन्न देश होने के कारण भारत की युवाओं को लेकर अनेक चिंताएं विद्यमान है जैसे अशिक्षा, बेरोजगारी, कौशल क्षमता, स्वास्थ्य एवं नशा की समस्या आज देश के सामने गंभीर चुनौती है।

युवाओं की इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर अनेक योजनाएं कार्यान्वित की गई है जिनमें जीवनतंरग योजना के माध्यम से जहां युवाओं को औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाता है वही उज्जवल योजना के माध्यम से माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों के लिए सकारात्मक विचारों को विकसित करने के लिए कार्य किया जाता है, इसी के साथ किशोरियों के लिए सूचना, मनोरंजन आईटी, परामर्श और स्वास्थ्य आधारित योजना के माध्यम से एक प्लेटफार्म तैयार किया जाता है।

भारत में आदिवासी किशोरियों में शारीरिक विकास एवं शैक्षणिक विकास के लिए नागरिक कल्पना योजना का कार्यान्वयन किया गया है। टेक सखी योजना राजस्थान में संचालित की जाती है जिसके माध्यम से बाल विवाह को रोकना, खेल, शिक्षा में युवाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने के साथ ही साथ लैंगिक असमानता के विषय में जानकारी देना प्रमुख कार्य है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश में डिजिटल सखी योजना के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, लिंग आधारित हिंसा के विषय में जानकारी दी जाती है। संयुक्त राष्ट्र और भारतीय सरकार की संयुक्त तत्वावधान में युवाओं के विकास आधारित अनेक योजनाएं संचालित है परंतु योजनाओं के विपरीत अशिक्षा, कौशल अक्षमता, बेरोजगारी, लिंग हिंसा, रहवास की समस्या आज ऐसे क्षेत्र हैं जिस पर कार्य करने आवश्यकता है, इसके अभाव में युवा पीढ़ी और राष्ट्र के संभावित विकास को नुकसान हो सकता है।

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