नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू धर्म में सभी महीनों का अलग अलग महत्व होता है और सभी बहुत महत्वपूर्ण माने जाते है। इनमें से ही एक है माघ माह। धार्मिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति से होती है। इस वर्ष माघ माह की शुरुआत 14 जनवरी से हो चुकी है और 12 फरवरी को इसका समापन होगा। इस दौरान कई पावन पर्व मनाए जाएंगे, जिनमें प्रदोष व्रत का भी विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से शिव और पार्वती की पूजा करने से भय दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
माघ माह में प्रदोष व्रत की तिथियां
प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यानी प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। माघ माह में यह व्रत 27 जनवरी और 09 फरवरी को रखा जाएगा। आइए जानते हैं माघ माह में पड़ने वाले पहले प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…
तिथि और शुभ मुहूर्त
27 जनवरी 2025 (कृष्ण पक्ष)
- त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 26 जनवरी, रात 08:54 बजे
- त्रयोदशी तिथि का समापन: 27 जनवरी, रात 08:34 बजे
- पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:56 से रात 08:34 बजे तक
09 फरवरी 2025 (शुक्ल पक्ष)
- त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 09 फरवरी, रात 07:25 बजे
- त्रयोदशी तिथि का समापन: 10 फरवरी, शाम 06:57 बजे
- पूजा का शुभ मुहूर्त: रात 07:25 से रात 08:42 बजे तक
व्रत विधि
प्रदोष व्रत के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान आदि से शुद्ध होकर भगवान शिव की पूजा करें। पूजा स्थल को गंगाजल से साफ कर पहले उसे पवित्र करें। इसके बाद वहा एक मंडप तैयार करें और रंग-बिरंगी रंगोली बनाकर दीप जलाएं। कुश के आसन पर पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा के लिए बैठें।
भगवान शिव का पार्थिव स्वरूप बनाकर रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करें। व्रत के दौरान फलाहार करें। यदि संभव हो, तो मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बेलपत्र अर्पित करें। शाम के समय पुनः स्नान कर भगवान शिव की पूजा करें। प्रदोष व्रत की कथा सुनें और पूजा के अंत में आरती करके भगवान को भोग अर्पित करें।
व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत के दौरान भक्तजन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा पूरी श्रद्धा से करते हैं। इस व्रत को रखने से साधक को मानसिक शांति, समृद्धि, और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है। प्रदोष व्रत के धार्मिक महत्व और लाभों के कारण यह व्रत शिवभक्तों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है।