Friday, May 23, 2025
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स्टांप घोटाले में वांटेड विशाल पर इनाम की तैयारी

  • व्यापारियों ने जिलाधिकारी को सौंपी 150 पन्नों की तहरीर, आज होगी डीएम के साथ मीटिंग
  • साढ़े सात करोड़ से ज्यादा का है स्टांप घोटाला, 450 मुकदमे हो चुके हैं दर्ज

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सिविल लाइन पुलिस ने स्टांप घोटाले में नामजद हुए विशाल वर्मा पर इनाम रखने की तैयारी कर ली है। पुलिस का कहना है कि विशाल वर्मा की तलाश में काफी स्थानों पर दबिश डाली, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आ सका। उन्होंने कहा कि उस पर दवाब बनाने के लिए उसके उपर इनाम रखने की तैयारी कर ली है। इनाम की फाइल बनाकर एसएसपी के पास भेज दी है। इसके साथ व्यापारियों ने डीएम को 150 पन्नों की तहरीर सौंपी।

एडीएम फाइनेंस ने तीन वर्ष के सभी बैनामों के स्टांप पेपर का सत्यापन ट्रेजरी के रिकॉर्ड से कराया गया। जिसमें सामने आया कि कुल 997 बैनामों में लगी 7.45 करोड़ रुपये के स्टांप पेपर का मिलान ट्रेजरी के रिकॉर्ड से नहीं मिला। इनमें सबसे ज्यादा संख्या शहर के सब रजिस्ट्रार प्रथम और तृतीय के कार्यालय में रही। द्वितीय और चतुर्थ के साथ-साथ सरधना सब रजिस्ट्रार कार्यालय में हुए बैनामों में भी फर्जी स्टांप मिले हैं, लेकिन यहां संख्या कम है। सिविल लाइन थाने में फर्जी स्टांप बेचने के आरोप में कई मुकदमें दर्ज किए गए।

जिसमें पुलिस ने विशाल वर्मा का नाम मुकदमे में खोल दिया। जब से वह फरार है। उसकी गिरफ्तारी से अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आएंगे। सिविल लाइन पुलिस का कहना है कि विशाल वर्मा अपने घर पर ताला लगाकर फरार है। उसका मोबाइल फोन भी स्विच आॅफ है। उसके रिश्तेदारों के घर पर भी दबिश डाली जा रही है। स्टांप प्रकरण घोटाले में सोमवार को 150 से अधिक पन्नों की तहरीर मेरठ के व्यापारियों ने डीएम को सौंपी।

व्यापारियों ने कहा कि यदि विशाल वर्मा की गिरफ्तारी नहीं की गई तो कप्तान आॅफिस पर बडा धरना-प्रदर्शन होगा। विशाल वर्मा के द्वारा कराए गए समस्त बैनामे चेक कराये जाए। साथ ही कहा कि इतने बड़े प्रकरण में पुलिस प्रशासन भी विशाल वर्मा के दबाव में दिखाई दे रहा है, जो विशाल वर्मा पर हाथ डालने से घबरा रहा है।

एसपी सिटी बोले-जल्द पकड़ा जाएगा आरोपी

पुलिस का कहना है कि छानबीन में निकल कर आया है कि कचहरी में विशाल वर्मा का बड़ा नेटवर्क सामने आया है। फर्जीवाड़ा के बाद उसने कितनी संपत्ति खरीदी है। इस सबकी छानबीन शुरू कर दी गई। उसने घोटाले के रुपयों से पार्टनरशिप में कई कॉम्प्लेक्स व अपार्टमेंट खड़े कर लिए हैं। वहीं, इस संबंध में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि विशाल वर्मा की तलाश में लगातार दबिश डाली जा रही है। जल्द पकड़ा जाएगा।

25-25 हजार के स्टांप पेपर से किया था खेल

पुलिस का कहना है कि सबसे ज्यादा 25-25 हजार के फर्जी स्टांप लगाकर अधिकांश रजिस्ट्री हुई है। यह स्टांप विशाल वर्मा से खरीदे गए हैं। इसके पुख्ता प्रमाण पुलिस ने जुटा लिए हैं।

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