- पदों को भरने के पीछे चल रहा महाखेल, कुलपति भी शामिल
- 14 को कुलपति हो रहे सेवानिवृत्त, फिर इतनी बड़ी तादाद में भर्ती प्रक्रिया क्यों?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कृषि विश्वविद्यालय मोदीपुरम में चुपचाप 200 पदों को भरने की तैयारी चल रही है। पदों को भरने के पीछे ‘महाखेल’ चल रहा हैं, जिसमें कुलपति भी शामिल हैं। नियमानुसार नियुक्ति के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना होता हैं, जो पूरी तरह से पारर्दिशता के तहत होती हैं। इसमें दो राय नहीं कि राजभवन के आदेश पर ये नियुक्तियां की जाती हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि नियुक्ति तब की जा रही है, जब 14 जुलाई को कुलपति सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
यही वजह है कि चुपचाप भर्ती प्रक्रिया को लेकर अंगुली उठ रही हैं। आखिर कुलपति सेवानिवृत्त से ठीक पहले इतनी बड़ी तादाद में भर्ती क्यों कर रहे हैं? पिछले एक वर्ष से कुलपति की कृषि विश्वविद्यालय में तैनाती हैं, इस बीच भर्ती प्रक्रिया क्यों नहीं की गई? सेवानिवृत्ति से पहले ही भर्ती क्यों की जा रही हैं? इसको लेकर उठ रहे सवालों का जवाब कुलपति के पास भी नहीं हैं।
एक-दो युवाओं की भर्ती का मामला नहीं हैं, बल्कि पूरे 200 लोगों की नियुक्ति की जाएगी, इसी वजह से यह पूरा मामला जांच के दायरे में आता हैं। फिर प्रदेश राजभवन को भी चाहिए कि इसमें पारदर्शिता कैसे बरती जाए कि की जाने वाली भर्तियों को लेकर अंगुली नहीं उठे। क्योंकि गुपचुप भर्ती और ऊपर से कुलपति का अपनी सेवानिवृत्त से ठीक पहले भर्ती प्रक्रिया पर अडिग होना भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता को संदेह के दायरे में लाता हैं।
कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर आरके मित्तल की तैनाती 14 जुलाई 2019 में हुई थी। अब 14 जुलाई 2022 में उनकी सेवानिवृत्ति हो रही हैं। टीचिंग और नॉन टीचिंग, ड्राइवर, चतुर्थ श्रेणी, कंप्यूटर आॅपरेटर आदि पदों पर भर्ती गुपचुप तरीके से निकाली जा रही हैं। इस पूरे प्रकरण में भ्रष्टाचार की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी।
अन्य कई एजेंसियों को भी शिकायत की थी, जिसमें कृषि विश्वविद्यालय में होने जा रही भर्तियों को लेकर भ्रष्टाचार की संभावनाएं व्यक्ति की थी। इसी वजह से इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग गई थी, लेकिन फिर से भर्ती प्रक्रिया पर्दे के पीछे चालू कर दी गई हैं। पर्दे के पीछे भर्ती को लेकर क्या-क्या चल रहा हैं? इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल हैं। ठीक है, खाली पदों के लिए भर्ती होनी चाहिए, लेकिन भर्ती की प्रक्रिया होती हैं, उससे हर किसी को गुजरना होगा, लेकिन यहां तो मनमाफिक काम चल रहा हैं, कुलपति का रिटायर्डमेंट हैं।
इसलिए पदों को भरा जाना हैं। क्यों भरा जाना है, यह सब जगजाहिर हैं। इसको लेकर कुछ लोगों ने शिकायत कर जिन 200 पदों को रिक्त दर्शाया गया है, उन पर भर्ती कुलपति की सेवानिवृत्त के बाद भरने की मांग की गई हैं, लेकिन कुछ दिनों तक यह सब रुका रहा, अब फिर से प्रक्रिया चालू कर दी गई हैं। एक पत्र लखनऊ राजभवन से भी आया हैं, जिसमें कहा गया है कि 5 और 6 जुलाई को साक्षात्कार पुन: निर्धारण किये जाने के बाबत बुलाया गया है। यह पत्र अभ्यर्थियों को सूचित करने के लिए पत्र निकाला गया है। ई-मेल से भी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की सूचना दी गई हैं। यह पत्र निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण की तरफ से जारी किया गया है।