Friday, July 5, 2024
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प्रधानमंत्री युवाओं को रोजगार का वादा निभाएं: डा. जावला

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जनवाणी ब्यूरो |

शामली: राष्ट्रीय लोकदल के जिला उपाध्यक्ष डा. विक्रांत जावला फेसबुक के माध्यम से लाइव आए और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस बधाई देने के साथ सत्ता में आने से पहले का वायदा भी दोहराया। उन्होंने हम सब लोगों के लिए बहुत ही शर्म की बात है कि देश के प्रधानमंत्री का जन्म दिवस देश के करोड़ों युवाओं ने ‘बेरोजगार दिवस’ के रुप में मनाया है।

ऐसा देश की स्वतंत्रता के बाद पिछले 73 साल में कभी नहीं हुआ और यह हो रहा है क्योंकि ‘मोदी सरकार’ ने हमेशा झूठे वादे कर युवाओं का वोट लेने का ही काम किया लेकिन उनके लिए कोई अच्छी योजनाएं नहीं बनाई। हर बार चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी भर्तियों का ऐलान किया गया लेकिन उनकी परीक्षाएं भी अभी तक मोदी सरकार नहीं करा पाई है।

रेलवे की 90 हजार भर्तियां मार्च 2019 में निकाली गई थी। जिसके लिए लगभग डेढ़ करोड़ युवाओं ने फॉर्म डाले थे और 500 रुपये के हिसाब से प्रति फॉर्म जमा किया था।

इसका मतलब यह है कि पिछले साल मार्च 2019 से अभी तक 750 करोड़ रुपए सरकार के पास जमा हैं, लेकिन सरकार अभी तक परीक्षा भी नहीं करा पाई है। रेलवे मंत्री के ट्विटर अकाउंट पर 70 लाख छात्र-छात्राओं ने पिछले 15 दिन में इस परीक्षा को कराने की मांग उठाई, तब उनकी कुंभकरण की नींद से वह जागे और बताया कि जल्द ही यह परीक्षा कराएंगे। कैसा समय आ गया है? परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए भी छात्रों को आंदोलन करना पड़ रहा है।

एक माता-पिता का बेटा या बेटी जब कक्षा 10 पास करते हैं तो सरकारी नौकरी उनका सपना होती है। 12वीं एवं उसके बाद स्नातक करने के उपरांत वह सपना और बड़ा हो जाता है लेकिन योगी और मोदी की सरकार में सरकारी नौकरी अब युवाओं के लिए बहुत दूर की कौड़ी नजर आती है।

कह रहे हैं 5 साल संविदा पर रखेंगे। मेरा सवाल है क्या सरकार के पास कोई योजना नहीं है जिससे वह यह जांच कर सके कि युवा, जिसने इस नौकरी के लिए अप्लाई किया है वह नौकरी के लिए लायक है या नहीं है या फिर हर योजना शोषण करने के लिए बनाई जा रही है।

देश का दुर्भाग्य है की पूर्ण बहुमत की सरकार भी अब युवाओं के रोजगार की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। उनका ध्यान केवल 10-15 बड़े व्यापारिक घरानों को और अमीर बनाने के लिए ही दिखाई देता है।

गरीब किसान और मजदूर के बच्चे अब महंगी शिक्षा के कारण ना तो पढ़ पा रहे हैं और जो पढ़ पा रहे हैं उन्हें अब नौकरी नहीं मिल रही है। युवाओं के सपनों का मोदी सरकार ने ‘बंटाधार’ करने का काम किया है।

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