Sunday, September 15, 2024
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मदरसा मदरसा जामिया हबीबिया में होती है नकली नोट की छपाई, मौलवी ही करते थे जाली नोटों की सप्लाई

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। यूपी के प्रयागराज में स्थित एक मदरसे में जाली नोट छापने का खुलासा होने के बाद खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गयी हैं। प्रयागराज पुलिस से सूचना मिलने के बाद आईबी और एटीएस की टीमों ने भी जाली करेंसी बनाने वाले गैंग के लोगों से घंटो पूछताछ की। खुफिया एजेंसियां अब ये पता लगाने में जुट गयी है कि नकली नोट छापने वाले आरोपियों का संबंध कहां और किस किससे है। पकड़े गए आरोपियों का विदेशी कनेक्शन भी एजेंसियां पता लगाने में जुट गयी है। इसके साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी हुई है कि कहीं ये मामला फाइनेंशियल आतंकवाद से जुड़ा हुआ तो नहीं है।

बता दें कि प्रयागराज पुलिस ने गुरुवार को नकली नोट छापकर बाजार में खपाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए चारों आरोपी अतरसुइया थाना क्षेत्र में स्थित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिद के परिसर में मौलवी के कमरे में जाली नोट प्रिंट करते थे। पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक लाख तीस हजार के सौ-सौ के नकली नोट के साथ ही 23 हजार 400 के पेपर पर प्रिंट नोट को बरामद किया था। इसके साथ ही मौके से पुलिस को प्रिंटर, लैपटॉप, पेपर कटर समेत नकली नोट छापने से जुड़े अन्य उपकरणों को भी बरामद किया था।

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पकड़े गए मदरसे के मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरिफीन और उसके साथ नकली नोट प्रिंट करने वाला गैंग का सरगना जाहिर खान पहले से परिचित थे। दोनों उड़ीसा के रहने वाले हैं। इनके साथ काम करने वाले मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद अफजल प्रयागराज के रहने वाले हैं। खुफिया एजेंसियां यह भी पता लगा रही है किं आरोपियों का किसी आतंकी या प्रतिबंधित संगठनों से कोई संबंध तो नहीं है।

नकली नोट का कारोबार करने वाले गैंग का खुलासा करने वाले डीसीपी सिटी दीपक भूकर ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से विस्तृत पूछताछ और उनके सम्बंधों की जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस आरोपियों की कस्टडी रिमांड मांगेगी। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि पकड़े गए लोग किसी आतंकी संगठन या विदेशी संगठन के साथ मिलकर देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ने के उद्देश्य के साथ तो नकली नोट छापकर उसे बाजार में खपाने का काम नहीं कर रहे थे। अगर, पुलिस की जांच में यह बात पता चलती है तो इन गैंग के खिलाफ फाइनेंशियल टेररिज्म के तहत भी कानूनी कार्यवाई की जाएगी।

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ओडिशा निवासी जाहिर इस गिरोह का सरगना है, जबकि गिरफ्तार अन्य तीन उसके सहयोगी हैं। अब तक अन्य किसी गैंग से उनका कनेक्शन सामने नहीं आया है। विस्तृत पूछताछ के लिए पुलिस जल्द ही उन्हें रिमांड पर लेगी।     -दीपक भूकर, डीसीपी नगर

आरबीआई में पहुंचे नकली नोट, जांच के आदेश

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प्रयागराज जिले में नकली नोट बनाने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस गिरोह ने बैंकों में भी सेंध लगाई। दरअसल हाल ही में जनपद स्थित बैंकों से आरबीआई के करेंसी चेस्ट में नकली नोट पहुंचने के कई मामले सामने आए। इनमें आरबीआई अफसर ने करीब 12 मामले भी दर्ज कराए गए हैं, जिनकी विवेचना चल रही है।

आरबीआई के दावा अनुभाग के प्रबंधक आईपीएस गहलोत ने खुल्दाबाद, कीडगंज, सिविल लाइंस व कर्नलगंज थानों में केस दर्ज कराए हैं। इनमें बताया गया है कि संबंधित थाना क्षेत्र स्थित विभिन्न बैंकों से आरबीआई के करेंसी चेस्ट में भेजी जाने वाली रकम में नकली नोट पाए गए। इनमें 100 से लेकर 500 और दो हजार तक के नोट शामिल हैं।

उधर, पकड़े गए गिरोह के बदमाशों ने फिलहाल सिर्फ 100 रुपये के नोट की छपाई की बात कबूली है। ऐसे में अब यह भी सवाल उठ रहे हैं कि गिरोह के तैयार किए गए नकली नोट कहीं बैंकों तक तो नहीं पहुंच गए।

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15 हजार में देते थे 45 हजार मूल्य के जाली नोट

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बताया है कि वह 15 हजार असली नोट के बदले 45 हजार के जाली नोट देेते थेे। बीते तीन महीने से वह यह काम कर रहे थे। गिरफ्तार अफजल व शाहिद करेली (प्रयागराज), जबकि जाहिर आजाद बस्ती थाना बाशुदेवपुर जनपद भद्रक, ओडिशा का रहने वाला है। गिरफ्तार मौलवी तफसीरुल भी जाहिर के ही गांव का है, जो कई साल से अतरसुइया स्थित मदरसे में रह रहा है। इन्होंने अतरसुइया, कीडगंज, खुल्दाबाद आदि इलाकों में लाखों के जाली नोट खपाए हैं।

किराये पर लिया था कमरा, सील किया गया

मौलवी ने गुमराह किया कि उसने जाहिर को कमरा किराये पर दिया था, लेकिन जाहिर से पूछताछ में सच्चाई सामने आ गई। जाहिर ने बताया है कि मौलवी भी धंधे में शामिल था और नकली नोट से होने वाली कमाई में बाकायदा हिस्सा भी लेता था। पुलिस ने मदरसे का कमरा सील करा दिया है।

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भीड़भाड़ वाले स्थानों पर चलाते थे नोट

आरोपियों ने बताया कि नोट भीड़भाड़ वाले स्थानों पर चलाते थे। रिक्शे, ऑटो, सब्जी, किराना जैसी छोटी दुकानों पर नोट चलाते थे। कम राशि का नोट होने से दुकानदार भी ज्यादा जांच नहीं करते थे, इसलिए नोट पकड़ में नहीं आते थे।

… तो आतंकवादी कृत्य की श्रेणी में आएगा अपराध

पुलिस अफसरों ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से बरामद नकली नोटों के नमूने को जांच के लिए भेजा जाएगा। अगर जांच में यह पाया गया कि उपरोक्त नोट उच्च गुणवत्ता वाली नकली कागजी मुद्रा है तो यह कृत्य आतंकवाद की श्रेणी में आएगा। इसके बाद उन पर संबंधित कानून के तहत केस चलेगा। गौरतलब है कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 178 से 182 के तहत करेंसी नोटों की जालसाजी
अपराध है।

मदरसे में नकली नोट छापने के खेल का भंडाफोड़, मौलवी समेत चार गिरफ्तार

नकली नोट छापकर देश की अर्थव्यवस्था में सेंध लगाने के एक बड़े खेल का भंडाफोड़ बुधवार को शहर में हुआ। अतरसुइया के एक मदरसे में नकली नोट छापने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे 1.3 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए गए। इनमें मौलवी भी शामिल है। बरामद जाली नोट 100-100 के हैं।

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