जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार पर हाथरस पीड़िता के परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पीड़ित परिवार के नार्को टेस्ट से जुड़ी खबरों पर नाराजगी जताई है और कहा है कि पीड़ित परिवार को धमकी दी जा रही है कि उनका नार्को टेस्ट होगा, देश को ये व्यवहार मंजूर नहीं है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार पर हाथरस पीड़िता के परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पीड़ित परिवार के नार्को टेस्ट से जुड़ी खबरों पर नाराजगी जताई है।
हाथरस कांड पर शुरू से ही यूपी की योगी सरकार पर हमलावर रही प्रियंका ने ट्वीट करते हुए कहा कि यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है, अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा।
यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है।
पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा।
ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं।
पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 3, 2020
ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं है। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए। यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है।पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा।
ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं।
पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी यूपी सरकार के इस कदम का विरोध किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ यूपी सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।
बता दें कि हाथरस कांड में यूपी सरकार ने आरोपियों के साथ -साथ पीड़ित पक्ष का भी पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट करवाने का फैसला किया है। यूपी सरकार का दावा है कि इससे स्थिति स्पष्ट होगी और सच्चाई सामने आएगी।
इसके अलावा इस मामले की जांच कर रही पुलिस टीम का भी पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट किया जाएगा। यूपी सरकार ने केस की जांच कर रही एसआईटी की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद ये फैसला किया है।
सरकार चाहती है कि इस घटना के जो चश्मदीद हैं, उनका नारको या पॉलीग्राफ टेस्ट कराकर बयानों की सच्चाई परखी जाए। एसआईटी ने यह सिफारिश सरकार से की है।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कई तरह के वीडियो भी सामने आए हैं और कई दावे-प्रतिदावे हुए हैं। इसलिए सभी सबूतों को लेकर साइंटिफिक जांच जरूरी है। यही वजह है कि सरकार ने आरोपियों, पीड़ित परिवार के सदस्यों और पुलिस जांच टीम के सभी कर्मियों का नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के आदेश किए हैं।