नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। एकादशी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की तिथि में रखा जाता हैं। लेकिन पुत्रदा एकादशी का व्रत हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान के गर्भधारण और विकास से जुड़ी सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। एकादशी की तिथि जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु को समर्पित है। तो चलिए आइए जानते है इस व्रत के तिथि, महत्व और नियम…
एकादशी व्रत प्रारंभ तिथि
सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का प्रारंभ 15 अगस्त को रात्रि 10:26 बजे से हो रहा है। ऐसे में सावन माह में पुत्रद एकादशी व्रत 16 अगस्त 2024 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. द्वादशी के दिन एकादशी व्रत खोला जाता है। 17 अगस्त को पुत्रदा एकादशी का व्रत खोलने का समय सुबह 05:51 से 08:05 के बीच हो सकता है।
चावल खाना क्यों है वर्जित
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि, जो व्यक्ति पुत्रदा एकादशी के दिन चावल खाता है, उसका जन्म अगली बार सरीसृप के रूप में होगा। इसका उल्लेख विष्णु पुराण में किया गया है।
पुत्रदा एकादशी के दिन चावल खाने से व्रती को शुभ फल की प्राप्ति होती है।अगर आप पुत्रदा एकादशी का व्रत रखते हैं तो व्रत के दौरान दूध, दही, आलू, कुट्टू के पकौड़े, शकरकंद, साबूदाना और फलों का सेवन