Friday, April 25, 2025
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पीडब्ल्यूडी को मिली निर्माण की एनओसी

  • गंगनहर पटरी: लंबाई 110 किमी, चौड़ाई सात मीटर, लागत 300 करोड़

रामबोल तोमर |

मेरठ: गंगनहर पटरी के निर्माण के लिए सिंचाई विभाग से पीडब्ल्यूडी को एनओसी मिल गई है। क्योंकि नहर पटरी सिंचाई विभाग की हैं, जिस पर पीडब्ल्यूडी दांयी पटरी पर सड़क निर्माण का काम करेगा। अब पीडब्ल्यूडी के सामने वन विभाग रोड़ा बना हुआ है, जिससे एनओसी अभी मिलना बाकी हैं।

क्योंकि पेड़ काटे जाएंगे, लेकिन पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संदीप कुमार ने कहा कि पेड़ शिफ्ट करने की नवीनतम तकनीक का उपयोग इसमें किया जाएगा। वन विभाग से एनओसी मिलते ही कई कंपनियों से पेड़ शिफ्ट करने का टेंडर किया जाएगा। गंगनगर पटरी का प्रोजेक्ट 600 करोड़ का हैं, जो 110 किमी सड़क पुरकाजी (मुजफ्फरनगर) से मुरादनगर (गाजियाबाद) गंगनहर पुल तक तैयार की जाएगी।

इसके लिए सर्वे का काम भी पूरा हो गया है। अब सिर्फ वन विभाग की एनओसी का इंतजार किया जा रहा है। दरअसल, गंगनहर की दोनों पटरियों की चौड़ाई 60/60 मीटर की है। 20 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाएगा। ये सात मीटर चौड़ी सड़क बनेगी, जो टू-लेन होगी।

20 मीटर के बाद जगह खाली छोड़ी जाएगी तथा उससे आगे वन विभाग को पेड़ लगाने के लिए जगह दी जाएगी। इस तरह से गंगनहर पटरी से पूरी तरह से पेड़ शिफ्ट व काटे नहीं जाएंगे। पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाएगा, जिसके चलते पेड़ शिफ्ट करने की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

ऐसा पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संदीप कुमार का दावा है। करीब 200 हेक्टियर जमीन वन विभाग के पास हैं, जिसका इस्तेमाल पीडब्ल्यूडी करेगा। इसी के लिए एनओसी की मांग की जा रही है। नहर पटरी निर्माण के अलावा दूसरा कार्य पीडब्ल्यूडी नहीं करेगा। इसके लिए पीडब्लयूडी को 350 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।

50 करोड़ सिंचाई विभाग को प्रदेश सरकार ने दिये हैं। इस धनराशि से सिंचाई विभाग नहर का स्टेक्चर तैयार करेगा। क्योंकि सिंचाई विभाग का स्टेक्चर भी पुराना हो चुका हैं। अब सिंचाई विभाग उसके लिए अपनी डीपीआर तैयार करेगा, जिस पर सिंचाई के सिस्टम पर खर्च किया जाएगा।

गंगनहर: जर्जर नौ पुलों का निर्माण करेगा सेतु निगम

गंगनहर पटरी पर मुरादनगर से लेकर पुरकाजी तक नौ जर्जर पुलों को सरकार ने चिन्हित किया है। कुछ पुल को सही ठहराया गया है। इसलिए नौ जर्जर पुलों को सेतु निगम नये सिरे से निर्माण करेगा। इसके लिए सेतु निगम को प्रदेश सरकार ने 300 करोड़ का बजट दिया है। इसके लिए कुछ धनराशि जारी भी कर दी गई है।

कुछ अंडरपास भी बनेंगे। जहां पर एनएचएआई पुलों का निर्माण कर रहा है, उसमें सेतु निगम किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं करेगा। सेतु निगम अपने पुल तैयार करेगा। नेशनल हाइवे पर किसी तरह का जाम नहीं लगे, इसके लिए भी सेतु निगम इस तरह से प्लानिंग करेगा कि आरओबी तैयार की जाएगी।

वाहन ऊपर से होकर गंगनहर पटरी से आगे बढ़ जाएंगे। हालांकि इसमें लंबा समय लगने वाला है, लेकिन सेतु निगम की बड़ी टीम इसमें जल्द ही जुटेगी। खतौली में सेतु निगम आरओबी बनायेगा। यह आरओबी एनएच-58 पर भी बनेगा। गंगनहर पटरी से गुजरने वाले वाहन खतौली में एनएच-58 के ऊपर से होकर जाएंगे। इस तरह से इसका प्लान किया गया हैं। कुल नौ पुलों का निर्माण फिलहाल सेतु निगम करेगा, इसके लिए कुछ धनराशि प्रदेश सरकार ने जारी कर दी हैं।

गंगनहर पटरी बिग प्रोजेक्ट है, जिस पर जल्द ही काम चलने जा रहा है। इसके निर्माण से वेस्ट यूपी के विकास को पंख लगेंगे। फिर जर्जर पुलों का निर्माण भी होगा। इसके लिए सेतु निगम निर्माण करेगा। गंगनहर पटरी के लिए सिंचाई विभाग से एनओसी मिल गई हैं। अब वन विभाग से एनओसी मांगी गई हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही वन विभाग से भी एनओसी मिल जाएगी।
-संदीप कुमार, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी, मेरठ

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