- पांच मिनट पहले ही यात्रियों से भरी बस गुजरी थी चेतावाला पुल से
- आवागमन हुआ बाधित, हजारों लोग गंगा की मझधार में फंसे
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: मेरठ-बिजनौर जनपद की सीमा को जोड़ने के लिए सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना में शामिल करोड़ों रुपये की लागत से गंगा नदी पर बनाया गए गंगा पुल की एप्रोच रोड शनिवार को धराशायी हो गई। जिसके चलते आवागमन बाधित हो गया। साथ ही हजारों लोग गंगा की मझधार में फंस गए। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए आलाधिकारियों को आदेश जारी किए।
बता दें कि बसपा सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना के तहत मेरठ-बिजनौर मुरादाबाद जिलों की सीमा से जुड़े सैकड़ों गांव की दूरी कम करने के लिए 2007 में करोड़ों रुपये खर्च कर गंगा पुल का निर्माण शुरू किया पुल का अधिकांश कार्य बसपा सरकार में पूर्ण होने के बाद भी आज तक अधर में लटका है। भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर पुल पर आवागमन शुरू करने के लिए पुल के दोनों तरफ एप्रोच रोड का निर्माण कराया।
जिसके बाद लोगों को उम्मीद जगी थी कि इसका जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा, लेकिन आजतक पुल का लोकार्पण नहीं हो सका। शनिवार को एकाएक चांदपुर साइट को जोड़ने वाली लगभग आठ करोड़ की लागत से बनी एप्रोच रोड पुल के पास से धराशायी होने शुरू हो गई। लोगों को जानकारी मिली तो पुल के आसपास लोगों का हुजूम जमा हो गया और ग्रामीणों ने इसकी जानकारी एसडीएम अखिलेश यादव को दी।
जिसके बाद एसडीएम मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने सुरक्षा की दृष्टि से पुल पर आवागमन बंद करा दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे एसडीएम को बताया कि गंगा की तलहटी में बसे खेड़ीकलां, मनोहरपुर और बुधवा में प्रतिदिन हजारों लोग कृषि कार्य करने के लिए आते हैं, जो गंगा पुल की एप्रोच रोड के धराशायी होने के चलते हैं। इन गांवों में फंसे हैं। एसडीएम ने राहत और बचाव कार्य के मद्देनजर तत्काल गंगा में फंसे लोगों को निकालने के लिए नावों की व्यवस्था करने के आदेश दिए।
करोड़ों की लागत के पुल में भी पड़ रही दरार
बसपा सरकार में 2007 में गंगा नदी पर बनाया गया पुल विभागीय अनदेखी के चलते जहां आज तक अधर में लटका है। वहीं, पुल निर्माण के समय प्रयोग हुई। घटिया निर्माण सामग्री के कारण पुल में दरार आनी शुरू हो गई। ग्रामीणों की माने तो इसकी शिकायत उन्होंने कई बार आलाधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते ही लोकार्पण से पूर्व ही जहां सड़क की एप्रोच रोड गंगा नदी में समा गई। वहीं, पुल के कई हिस्सों में दरारें भी आने लगी है।
मामूली बाढ़ भी नहीं झेल सकी एप्रोच रोड
शनिवार को गंगा जल स्तर में मामूली वृद्धि का सामना करोड़ों से बनी एप्रोच रोड नहीं कर पाई। इस हादसे में कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान है।
घटना के बाद एप्रोच रोड के साथ पुल निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो रोड धराशायी होने के समय कई लोगों की जान बच गई।
डीएम भी मौके पर पहुंचे, दिये एप्रोच रोड ठीक करने के निर्देश
एप्रोज रोड क्षतिग्रस्त की सूचना मिलने के बाद डीएम दीपक मीणा मौके पर पहुंचे। उनके साथ पीडब्ल्यूडी के एसई और एक्सईएन भी मौजूद रहे। डीएम ने सेतू एवं सड़क मार्ग का तत्काल जायजा लिया तथा संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द एप्रोच रोड को ठीक करने के निर्देश दिये।
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए निर्माणाधीन सेतू से गुजरने वाला यातायात अब नदी के अपस्ट्रीम साइड में लगभग 30 किमी दूर पर स्थित मेरठ-पौड़ी (एनएच-119) के किमी 80 में गंगा नदी पर पूर्व निर्मित चैधरी चरण सिंह बैराज सेतू से गुजरेगा। इसकी व्यवस्था की गई। इसी तरह नदी के डाउन स्ट्रीम में स्थित एनएच-24 के किमी 105 में गंगानदी पर पूर्व निर्मित गढ़मुक्तेश्वर सेतू से गुजरेगा।
डीएम ने बताया कि तत्कालिक उपाय के लिए उक्त क्षतिग्रस्त सेतू पर पुन: यातायात चालू करने के लिए कटान वाले भाग के स्थान पर अस्थाई स्पर का निर्माण कर नदी की धारा उस स्थान से परिवर्तन कर कटान वाले भाग पर पुन: तटबंध निर्माण एवं मार्ग निर्माण किया जायेगा। बारिश रुके रहने पर उक्त कार्य न्यूनतम सात दिन के भीतर यह कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। बारिश होने पर अधिक समय लग सकता है। डीएम ने बताया कि वर्तमान में मार्ग के प्रभारी जनपद मेरठ के प्रान्तीय खंड के अधिशासी अभियंता, व अन्य अभियंताओं द्वारा मौके पर निरीक्षण कर युद्ध स्तर पर प्रस्तावित रेस्टोरेशन के कार्यो को प्रारम्भ कराने के निर्देश दिये गये है।
सामग्री एकत्रीकरण का कार्य प्रारम्भ हो गया है। कल से अस्थाई स्पर निर्माण प्रारम्भ किया जायेगा। स्थाई समाधान के लिए चेतावाला घाट के निर्माणाधीन सेतू एवं पहुंच मार्ग की सुरक्षा देने के लिए अपस्ट्रीम एवं डाउन स्ट्रीम में गाइडबंध के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त कर माह मार्च 2023 तक कार्य पूर्ण कराने का डीएम ने दावा किया।